Raksha Bandhan,रक्षाबंधन के त्यौहार पर मिलावटी मिठाइयों का बोलबाला

✳️कैसे करें नकली मिठाई की पहचान ✳️

सुभाष आनंद

Raksha Bandhan, हमारे देश में मिठाइयों के बिना किसी त्यौहार की कल्पना भी नहीं की जा सकती। त्यौहारी सीजन आते ही बाजार में मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है और साथ ही मिलावटखोर भी अपना रंग दिखाना शुरू कर देते है।मिलावटी मिठाइयों से अनजान लोग उनके लालच की हद को समझे बिना ही मिठाइयां खरीद लेते हैं।

मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावटखोर दुकानदार केमिकल से बनी नकली रंग-बिरंगी मिठाइयां बेच रहे हैं। जिनके सेवन से पेट में संक्रमण के साथ-साथ गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं, साथ ही मिलावटी मिठाइयां लीवर, किडनी और हार्ट के लिए भी खतरनाक हैं ,मिलावटी मिठाइयों की बिक्री के बावजूद स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।

Raksha Bandhan,रक्षाबंधन के त्यौहार पर मिलावटी मिठाइयों का बोलबाला
Raksha Bandhan,रक्षाबंधन के त्यौहार पर मिलावटी मिठाइयों का बोलबाला

पंजाब के फिरोजपुर में तो जिस खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने मिलावटखोरों पर कार्रवाई करने की कोशिश की तो कारोबारियों की सिफारिश पर फिरोजपुर जिले के विधायकों ने उसका तबादला करवा दिया और अब कारोबारी इन विधायकों की छत्रछाया में खुलेआम मिलावटी पदार्थों का कारोबार करेंगे। यह स्थिति सिर्फ फिरोजपुर तक ही सीमित नहीं सारे देश भर में यही हाल है।

फिरोजपुर में दूध का उत्पादन बहुत कम है लेकिन इसके बावजूद यहां दूध से बनी मिठाइयां, पनीर, दही बहुत अधिक बिकता हैं, जो मिलावट होने का स्पष्ट प्रमाण देता है, क्योंकि ज्यादातर मिठाइयों के लिए दूध, खोया और घी की आवश्यकता होती है और त्यौहार के मौसम में मिठाइयों की मांग कई गुना बढ़ जाती है और इसे पूरा करने के लिए मिलावटखोर दूध में डिटर्जेंट, यूरिया, रिफाइंड ऑयल आदि मिलाते है, इससे खोया, पनीर बनाया जाता है, जो सेहत के लिए खतरनाक है।Raksha Bandhan,

विशेषज्ञों के मुताबिक नकली घी बनाने में पाम ऑयल, एनिमल फैट और हाइड्रोजेनेट तेल समेत कई रसायन मिलाए जाते हैं।
इसके अलावा मिठाइयों को चमकीला और आकर्षक बनाने के लिए चांदी के वर्क का इस्तेमाल होता है। लेकिन मिलावटी मिठाइयों में एल्युमीनियम केमिकल वर्क का इस्तेमाल किया जाता है जो सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है।

*मिठाइयों की पहचान कैसे करें*

मावे से बनी असली मिठाई को सूंघने से दूध जैसी महक आती है और इस मिठाई में केमिकल जैसी गंध नहीं आती है। इसके अलावा पीला आयोडिन टिंचर मिलाने पर मावे का रंग पीला होने की बजाय काला हो तो समझ लें कि मावा नकली है।

Raksha Bandhan, आपको बता दें कि अगर कोई दुकानदार नकली मिठाई बेचता है तो आप FSSAI के टोल फ्री नंबर 18 00112100 पर शिकायत कर सकते हैं । मिलावट करने वालों पर कई राज्यों में 10 लाख तक का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।(विनायक फीचर्स), Raksha Bandhan

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