सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने उत्तराखण्ड में संचालित समस्त बांध परियोजनाओं को निर्देशित किया है कि वे जब भी जल छोड़ें, तो उसकी पूर्व सूचना राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के साथ-साथ संबंधित जनपद प्रशासन को अनिवार्य रूप से साझा करें। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट करें कि छोड़ा गया पानी कितने समय में किन क्षेत्रों तक पहुंचेगा और वहां क्या प्रभाव हो सकता है, ताकि आमजन को समय से सतर्क किया जा सके।

सचिव ने शुक्रवार को सचिवालय में राज्य की सभी प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं, सिंचाई विभाग, यू.जे.वी.एन.एल. तथा केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक कर मानसून के दृष्टिगत तैयारियों तथा सुरक्षा हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी परियोजनाओं के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि वे पूर्व चेतावनी तंत्र के अंतर्गत लगे सेंसरों द्वारा प्राप्त नदी जलस्तर और डिस्चार्ज डेटा को एपीआई के माध्यम से रियल टाइम में यूएसडीएमए के साथ साझा करें, जिससे राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से जलस्तर की निगरानी की जा सके।

बैठक में स्पष्ट रूप से सभी एजेंसियों को निर्देशित किया गया कि वे अपनी-अपनी परियोजनाओं के लिए आपातकालीन कार्य योजना तथा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) शीघ्र तैयार कर यूएसडीएमए के साथ साझा करें तथा उसे अपनी वेबसाइट पर भी प्रदर्शित करें। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अगस्त-सितम्बर, 2025 के मध्य समस्त बांध परियोजनाओं के साथ राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसके माध्यम से वास्तविक आपदा स्थिति में विभागीय तैयारियों को परखा जाएगा।

इसके साथ ही सिंचाई विभाग को बाढ़ प्रबंधन पर एक समग्र एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिसमें भारत सरकार द्वारा जारी एस0ओ0पी तथा आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा निर्गत शासनादेशों को सम्मिलित किया जाएगा। साथ ही सभी विभागों/एजेंसियों को एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए गए हैं, जो आपदा की स्थिति में सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं आपसी समन्वय स्थापित करेंगे।

सचिव ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी तकनीकी प्रणालियां सुचारू रूप से कार्य कर रही हों तथा सूचनाएं समयबद्ध रूप से साझा हों। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, डॉ. पूजा राणा, डॉ. वेदिका पन्त, श्री रोहित कुमार, श्री हेमंत बिष्ट के साथ ही सिंचाई विभाग, यू.जे.वी.एन.एल., केन्द्रीय जल आयोग, टिहरी हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन, एनटीपीसी जोशीमठ, एनएचपीसी टनकपुर एवं धौलीगंगा, जीवीके अलकनंदा परियोजना, जेपी ग्रुप विष्णुप्रयाग तथा मौसम विज्ञान केन्द्र देहरादून के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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