राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) उत्तराखंड को अमेरिकी दूतावास ने किया सम्मानित

* अमेरिकी एवं अन्य विदेशी नागरिकों के सुरक्षित बचाव के लिए एसडीआरएफ की सराहना

– आपदा प्रबंधन एवं जटिल रेस्क्यू अभियानों में उत्कृष्ट योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मान

उत्तराखंड पुलिस की राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) इकाई ने एक बार फिर अपनी पेशेवर दक्षता और मानवीय प्रतिबद्धता का परिचय देते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन किया है। आपदा प्रबंधन एवं जटिल बचाव अभियानों में असाधारण सेवा के लिए अमेरिकी दूतावास द्वारा एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस को विशेष स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

यह सम्मान विशेष रूप से उन साहसिक, त्वरित एवं मानवीय रेस्क्यू अभियानों के लिए दिया गया है, जिनके अंतर्गत उत्तराखंड में पर्यटन के दौरान कठिन एवं विषम परिस्थितियों में फंसे अमेरिकी पर्यटकों सहित अन्य विदेशी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
सेनानायक अर्पण यदुवंशी के नेतृत्व में उल्लेखनीय सफलता एसडीआरएफ सेनानायक श्री अर्पण यदुवंशी के कुशल, सशक्त एवं प्रेरणादायी नेतृत्व में बल ने कई दुर्गम एवं अत्यंत चुनौतीपूर्ण अभियानों का सफल संचालन किया। इन अभियानों में चमोली जनपद के माउंट चौखंबा में फंसी दो विदेशी महिला ट्रैकर्स, बद्रीनाथ क्षेत्र के वसुधारा में फंसे विदेशी ट्रैकर्स, तथा गंगोत्री जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन प्रमुख रहे। प्रभावी समन्वय, सटीक रणनीति एवं समयबद्ध निर्णयों के कारण सभी अभियान सुरक्षित रूप से संपन्न हुए।
अमेरिकी दूतावास द्वारा प्रदान किए गए स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र को सेनानायक श्री अर्पण यदुवंशी ने ग्रहण किया। यह सम्मान एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस के समस्त जांबाज कार्मिकों की निष्ठा, परिश्रम, अनुशासन और सेवा भावना का प्रतीक है, जो प्रत्येक परिस्थिति में “सेवा, सुरक्षा और समर्पण” के आदर्श वाक्य के साथ जनसेवा में तत्पर रहते हैं।

वैश्विक मंच पर एसडीआरएफ की विश्वसनीयता सुदृढ़ भौगोलिक रूप से संवेदनशील उत्तराखंड राज्य में, एसडीआरएफ ने पर्वतीय क्षेत्रों, ग्लेशियरों, नदियों एवं ट्रेकिंग रूट्स पर फंसे देश–विदेश के पर्यटकों के लिए त्वरित निर्णय क्षमता, आधुनिक तकनीक एवं संसाधनों के कुशल उपयोग के माध्यम से अनेक जीवनरक्षक कार्य किए हैं। प्रतिकूल मौसम और कठिन परिस्थितियों के बावजूद, बल ने अदम्य साहस, उत्कृष्ट टीम भावना एवं उच्च पेशेवर मानकों का परिचय दिया है।

यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान न केवल एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस की कार्यकुशलता, विश्वसनीयता एवं मानवीय दृष्टिकोण को रेखांकित करता है, बल्कि वैश्विक मंच पर बल की सुदृढ़ और पेशेवर पहचान को भी और अधिक मजबूत करता है।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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