हरिद्वार के बहादराबाद ब्लॉक के कोटा मुरादनगर गांव में, स्वयं सहायता समूहों (SHG) के सशक्तिकरण के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के हस्तक्षेप से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की आजीविका को सशक्त बनाने के लिए शुरू किए गए एक नवाचारी प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

यह कार्यक्रम पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट, देहरादून द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें जोत ऋषि ऑर्गेनिक फार्म, कोटा मुरादनगर, बहादराबाद और कृषि विज्ञान केंद्र, हरिद्वार का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। इस पहल में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने भी समर्थन दिया है।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि एवं वक्ता श्री संजय सक्सेना, जिला परियोजना प्रबंधक, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना, विकास भवन, रोशनबाद, हरिद्वार थे। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की क्षमता बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के महत्व पर जोर दिया। श्री सक्सेना ने बताया कि कैसे वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों को अपनाकर ये समूह अपनी आय बढ़ा सकते हैं और समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के तहत महिलाओं की आजीविका बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों और चल रही गतिविधियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

इस कार्यशाला का मुख्य फोकस स्वयं सहायता समूहों को संगठित करने, उन्हें नई तकनीकों से परिचित कराने और उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाने के तरीकों पर था। इस पहल का उद्देश्य इन समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और उन्हें स्थायी आजीविका के साधन उपलब्ध कराना है।
इस अवसर पर योगेश जी, गोयल जी, और पीएसआई की टीम के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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