सिख धर्म के प्रख्यात तीर्थ हेमकुंट साहिब के कपाट खुले।
हेमकुंड दर्शन के लिए पंजीकरण अनिवार्य।
लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण जी मंदिर के कपाट भी खोले गए।
भारी बर्फ भरे मार्ग से होकर श्रद्धालु, सेना ने बनाया रास्ता।
प्रसिद्ध गुरूद्वारा हेमकुंट साहिब की यात्रा आज से शुरू हो गयी है। आज प्रात: दस बजे श्री “जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल” के उदघोष के बीच गुरूद्वारा श्री हेमकुंट साहिब के द्वार खुल गये है।
कपाट खुलने के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने अरदास की तथा गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ किया।
इस अवसर पर गुरूद्वारा हेमकुंट साहिब ट्रस्ट के पदाधिकारी गण तथा हजारों श्रद्धालुगण मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि हेमकुंट साहिब के लिए भी श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण अनिवार्य है
हेमकुंड साहिब मार्ग में अभी भी बर्फ जमी है सेना ने बड़ी मशक्कत के बाद हेमकुंट साहिब तक पहुंचने का मार्ग बनाया है।
17 मई बुद्धवार को हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा ऋषिकेश से राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरूमीत सिंह जी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंज प्यारों तथा निशान साहिब को रवाना किया था।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, वन मंत्री सुबोध उनियाल, शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल गुरू द्वारा श्री हेमकुंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सरदार नरेन्द्र जीत सिंह बिंद्रा, सरदार सेवा सिंह आदि मौजूद रहे। बीते शुक्रवार को जत्था घांघरिया पहुंचा था तथा आज सुबह घांघरिया से कपाट खोलने हेतु हेमकुंट पहुंच गया।
हेमकुंट साहिब के निकट आज ही प्रसिद्ध श्री लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण जी मंदिर के कपाट भी खुल गये है।
चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट भी खुले।
गोपेश्वर, चतुर्थ केदार भगवान श्री रूद्रनाथ मंदिर के कपाट भी आज प्रात: विधि-विधान के साथ खोले गए। ग्रीष्मकाल के 6 माह तक मंदिर में भगवान रूद्रनाथ जी के दर्शन होंगे। पुजारी जनार्दन प्रसाद तिवारी ने बताया कि इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु रूद्रनाथ पहुंचे हैं।