विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका मिलकर विश्व शांति, स्थिरता,समृद्धि में महत्वपूर्ण सहयोग दे सकते हैं- मोदी

 

The two largest democracies of the world, India and America together can contribute significantly to world peace, stability and prosperity – Modi

आज अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है – प्रधानमंत्री

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा खासी चर्चा में रही। खास तौर पर प्रधानमंत्री से प्रेस के पूछे जाने वाले प्रश्नों को लेकर काफी हंगामा मचा रहा, निर्णय यह आया की केवल दो प्रश्न प्रेस भारत के प्रधानमंत्री से पूछ सकेगी।


जिसमें एक प्रश्न भारत के प्रेस रिपोर्टर का होगा और दूसरा अमेरिका से, दोनों ही सवालों का। जवाब प्रधानमंत्री नेब हुत खूब इसे दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी से अल्पसंख्यकों के हितों और अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर सवाल पूछा गया, जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया हम भारत और अमेरिका के डीएनए में लोकतंत्र है ऐसे में भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता। उनके के इस जवाब की लोगअपनी-अपनी तरह से चर्चा और व्याख्या कर रहे हैं।
उन्होंने ये भी कहा भारत लोकतंत्र को जीता है।
उन्होंने अमेरिका इंडिया को नया एआई बताया उन्होंने कहा लोकतंत्र को हमारे पूर्वजों ने संविधान के रूप में हमारे भीतर इसे शब्दों में डाला है। जब हम लोकतंत्र को जीते हैं तब भेदभाव की बात ही नहीं रह जाती।
प्रधानमंत्री कीअमेरिका में प्रेस वार्ता से पहले भारत के समाचार पत्रों मीडिया और न्यूज पोर्टलों को फार्वरडेड मेसेज भेजे गए जिनमें कई तरह के प्रश्न और फोटो आदि सामग्रियां प्रेषित की गई जिनमें अमेरिका में घूमते वाहनों पर लिखे गए तरह-तरह के सवाल और भी बहुत से अमरीकी सांसदों के सिग्नेचर किए हुए पत्र, अमरीकी सीनेट की प्रतिनिधि अलेक्जेंड्रिया का बयानआदि बहुत कुछ लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, इन तमाम बातों पर खामोशी छा गई।
प्रेस वार्ता शुरू करने से पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा,
सबसे पहले मैं, राष्ट्रपति बायडन को उनके मित्रतापूर्ण शब्दों और भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में उनके सकारात्मक विचारों के लिए धन्यवाद देता हूँ।

आज का दिन भारत और अमेरिका के संबंधों के इतिहास में एक विशेष महत्त्व रखता है। आज की हमारी चर्चा, और हमारे द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों से हमारी Comprehensive ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप में एक नया अध्याय जुड़ा है। एक नई दिशा और नई ऊर्जा मिली है।

भारत-अमेरिका की व्यापार और निवेश साझेदारी दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। आज अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा trade partner है। हमने निर्णय लिया है कि व्यापार से जुड़े लंबित मुद्दों को समाप्त कर, नई शुरुआत की जाये। आई-सेट, यानि Initiative for Critical and Emerging Technologies, हमारे तकनीकी सहयोग के महत्वपूर्ण framework के रूप में उभरा है। Artificial Intelligence, semiconductors, space, quantum, और telecom जैसे क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ाकर, हम एक मज़बूत और futuristic साझेदारी की रचना कर रहे हैं। अमेरिका की Micron, Google तथा Applied Materials जैसी कंपनियों द्वारा भारत में निवेश करने का निर्णय इस futurist
साझेदारी का प्रतीक है।

इस यात्रा के दौरान मुझे अमेरिका के कुछ अन्य CEOs के साथ मुलाकात करने का भी अवसर मिला। उनके साथ हुई चर्चाओं में भी मैंने भारत के प्रति उत्साह और एक सकारात्मक सोच को महसूस किया। हम दोनों सहमत हैं कि हमारी स्ट्रेटेजिक टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप को सार्थक करने में governments, businesses और academic institutions का साथ आना बहुत महत्वपूर्ण है। Clean Energy Transition में भारत और अमेरिका के साझे vision को implement करने के लिए हमने कई महत्वपूर्ण initiatives लिए हैं। इसमें ग्रीन हाइड्रोजन, विंड एनर्जी, बैटरी स्टोरेज, कार्बन कैप्चर जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

हमने यह भी निर्णय लिया कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, भारत और अमेरिका, trusted पार्टनर्स की तरह, रिलाएबल, सिक्योर और रेसिलिएंट ग्लोबल सप्लाई चेन और वैल्यू चेन तैयार करेंगे। भारत और अमेरिका के बीच करीबी रक्षा सहयोग हमारे आपसी विश्वास और साझा रणनीतिक प्राथमिकताओं का प्रतीक है।

पुराने समय के buyer-seller relationship को पीछे छोड़ कर आज हम transfer of technology, co-development और co-production की तरफ बढ़ चुके हैं। General Electric द्वारा भारत में technology transfer के माध्यम से engine बनाने का निर्णय एक landmark agreement है। इससे दोनों देशों में रोज़गार के नए अवसर भी खुलेंगे। यह आने वाले समय में हमारे रक्षा सहयोग को एक नया स्वरूप देगा। इस सहयोग में दोनों देशों के रक्षा उद्योग और start-ups महत्वपूर्ण partners हैं। उन्हें आपस में जोड़ना हमारे Defence Industrial Roadmap का मुख्य उद्देश्य है। Space science और technology में हमारा गहरा और वर्षों पुराना सहयोग रहा है। आज हमने “आर्टेमिस अकोर्ड्स” में शामिल होने का निर्णय लेकर हमारे Space Cooperation में एक लंबी उड़ान भरी है। संक्षेप में कहूं तो भारत और अमेरिका की साझेदारी के लिए, even sky is not the limit.

हमारे सभी साझे प्रयासों का मूलमन्त्र है, लोकतंत्र और लोकतान्त्रिक मूल्यों तथा व्यवस्थाओं को सशक्त करना। विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र – भारत और अमेरिका – मिलकर विश्व शांति, स्थिरता, समृद्धि में महत्वपूर्ण सहयोग दे सकते हैं। मुझे विश्वास है कि इन मूल्यों के आधार पर हम दोनों देशों के लोगों की ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा कर सकेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमरीका के राष्ट्रपति जो बायडन, का धन्यवाद करते हुए कहा आज की उपयोगी चर्चा के लिए मैं आपका बहुत बहुत धन्यवाद करता हूँ। इस वर्ष G20 समिट के दौरान आपका भारत में स्वागत करने के लिए भारत और मैं स्वयं भी बहुत ही उत्सुक हैं। और जैसा राष्ट्रपति जी ने कहा, मुझे जाना है बाद मैं कांग्रेस को address करने के लिए और इसलिए ज्यादा अधिक समय न लेते हुए मैं मेरी बात को विराम देता हूँ। मैं फिर एक बार राष्ट्रपति जी का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूँ।

 

 

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