Tirupati Prasadam, अब तिरुपति प्रसादम् के लड्डुओं में चर्बी की मिलावट
Tirupati Prasadam, Now Tirupati Prasadam Laddus are adulterated with fat
राकेश अचल-
Tirupati Prasadam, भारत के सबसे अमीर माने जाने वाले तिरुपति मंदिर के प्रसादम् हेतु बनाये जाने वाले लड्डू भी मिलावट के शिकार हो गए है । लड्डू बनाने वाले इनके निर्माण में देशी घी के बजाय चर्बी का इस्तेमाल करते आये हैं। अब इसकी पुष्टि भी हो गयी है,लेकिन न भगवान तिरुपति इन अधम लोगों का कुछ बिगाड़ पाए हैं और न आंध्र प्रदेश की सरकार इनका कुछ बिगाड़ पायेगी । हाँ प्रसादम् के लड्डुओं की अपवित्रता को लेकर राजनीति अवश्य होने लगी है।
आपको बता दूँ कि तिरुपति मंदिर में शुद्ध देसी घी के रोज 3.50 लाख लड्डू बनते हैं।आंध्र के मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार, को जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली वायएसआरसीपी सरकार पर तिरुपति प्रसाद में पशु चर्बी मिलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि जगन मोहन सरकार ने प्रसादम् की पवित्रता खंडित कर दी है। तेलुगु देशम पार्टी ने तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम् बनाने के लिए भेजे गए गाय के घी के सैंपल की लैब रिपोर्ट दिखाई। टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने दावा किया कि इसमें गोमांस और सुअर की चर्बी के अलावा फिश ऑयल की पुष्टि की गई है।
वेंकट रमना रेड्डी ने गुरुवार, 19 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की। उन्होंने बताया कि गुजरात स्थित लाइवस्टॉक लेबोरेटरी, एनडीडीबी लिमिटेड को 9 जुलाई, 2024 को सैंपल भेजा गया था। लैब रिपोर्ट 16 जुलाई को मिली।
Tirupati Prasadam, सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एंड फूड गुजरात के आनंद में स्थित (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड) की लेबोरेटरी है।
चंद्रबाबू नायडू कहते हैं कि पिछले 5 साल में वायएसआरसीपी के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। तिरुमाला के पवित्र लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया। हालांकि, अब हम प्रसादम् में शुद्ध घी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
हम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की पवित्रता की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। नायडू ने कहा कि जिस कंपनी से घी लिया जा रहा था, उससे करार खत्म कर ब्लैक लिस्ट कर रहे हैं। मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई है। एक साल पहले ही कंपनी को सप्लाई का टेंडर मिला था।लड्डू में चर्बी कांड उजागर होने कि बाद कांग्रेस नेता और जगन मोहन की बहन शर्मिला ने सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
एक जानकारी कि मुताबिक मंदिर में प्रसादम् के लड्डू बनाने कि लिए हर छह महीने में 1400 टन घी मंदिर में लगता है।
बीते 50 साल से कर्नाटक कॉपरेटिव मिल्क फेडरेशन रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद पिछली जगन सरकार ने 5 दूसरी फर्मों को सप्लाई का काम दिया। इसी साल 17 जुलाई को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ ने बताया कि तिरुमाला के लड्डुओं में पशु चर्बी, मछली तेल से बने घी का इस्तेमाल हो रहा है। जांच में एक फर्म का घी मिलावटी मिला था।
इसके बाद जुलाई में तिरुमाला ट्रस्ट के ईओ जे. श्यामला राव ने बैठक कर लडडुओं के नमूने फिर जांच कि लिए प्रयोगशाला भेजे। अब इसकी रिपोर्ट नायडू ने उजागर किया। इसमें पता चला कि घी में बीफ, फिश ऑयल और सुअर की चर्बी मिलाई गई थी तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से है। यहां हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं।
इसका प्रशासन तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम संभालता है।
मैं कोई दो दशक पहले इस मंदिर में गया था। मैं भी प्रसादम् के कुछ लड्डुओं कि पैकेट लेकर आया था । उस समय के लड्डुओं में चर्बी थी या नहीं ये मुझे ज्ञात नहीं है ।
मैंने उन लड्डुओं को खुद खाया और अपने नाते-रिश्तेदारों को भी खिलाया था। इस मंदिर परिसर में बनी रसोई कोई आज की नहीं बल्कि तीन सौ साल पुरानी है। इसे ‘पोटू’ कहते है। यहां रोज 3.50 लाख लड्डू बनते हैं,वो भी शुद्ध देसी घी के। यह मंदिर का मुख्य प्रसाद है, जिसे करीब दो सैकड़ा ब्राह्मण बनाते हैं।
लड्डू में शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध घी होता है। मजे की बात ये है कि तिरुपति ट्रस्ट ने करीब एक लाख लड्डू राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त अयोध्या भेजे थे।अब ये लड्डू किस-किसने खाये ,राम ही जानें ?
खबर है कि आंध्र में भी दूसरे राज्यों की तरह लागत कम करने के लिए चर्बी मिलाकर देशी घी बनाया जाता है।
दिलचस्प यह भी है कि आंध्र प्रदेश की टीडीपी सरकार ने घी सप्लाई का काम 29 अगस्त को केएमएफ़ को फिर से दे दिया है। केएमएफ़ नंदिनी ब्रांड का देसी घी सप्लाई करता है। उधर, न्यास ने घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए चार सदस्यीय विशेष समिति बना दी है।अब गौर करने की बात ये है की एनएबीएल घी में चर्बी की मिलावट की बात मानने को राजी नहीं है ।
उसके अधिकारियों का दावा है कि शुद्ध घी में कभी भी चर्बी का इस्तेमाल नहीं होता। हालांकि, कई बार उत्पादन लागत कम करने के लिए इनका उपयोग हो रहा है।पिछले साल जब केएमएफ़ ने सप्लाई रोकी थी, तब उसने दावा किया था कि यदि कोई भी कंपनी इससे कम कीमत पर ट्रस्ट की बोली हासिल करती है तो वह निश्चित तौर पर लड्डू की गुणवत्ता से समझौता करेगी। इसका प्रभाव प्रसादम् पर देखने को मिलेगा।
लाभ कमाने के लिए हम भारतीय किस हद तक गिर सकते हैं ,ये तिरुपति के प्रसादम् में मिलावट की इस घटना से जाहिर होता है।
हम मुनाफे के लिए न पवित्रता देखते हैं और न भगवान से डरते है। इंसान से तो डरने का सवाल ही नहीं उठता। अब यदि आपने भी ये प्रसादम् खाया हो तो जाइये किसी पंडित से मिलिए और प्रायश्चित कीजिये,क्योंकि सरकारें तो प्रायश्चित करतीं नहीं हैं फिर चाहे वो जगन की सरकार हो या चंद्र बाबू की। सरकारों का काम तो सिर्फ मुनाफा कामना होता है।
भगवान वैंकटेश्वर सबकी रक्षा करें । आप भी प्रसादम पाकर अपने कल्याण का भाव छोड़ दें तो इस जाने-अनजाने पाप से बच सकते है।
Tirupati Prasadam, वैसे इस देश में खाद्य पदार्थों में देशी घी के नाम पर चर्बी परोसे जाने का काम युगों से चल रहा है।चॉकलेट हो या बिस्कुट,केक हो या आइसक्रीम ,नमकीन हो या मिठाई सभी में देशी घी के नाम पर चर्बी धड़ल्ले से मिलाई जा रही है ,क्योंकि इस देश में भगवान के नाम पर राजनीति सब करते हैं,लेकिन भगवान से डरता कोई नहीं है,सिवाय गरीबों के।(विभूति फीचर्स),Tirupati Prasadam