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Worshiping Maa Kali on the first day of Gupt Navratri, गुप्त नवरात्रि के पहले दिन मां काली की आराधना करने से हर परेशानी व दुख दूर होता हैः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज

Worshiping Maa Kali on the first day of Gupt Navratri, removes all troubles and sorrows: Shrimahant Narayan Giri Maharaj

सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान शुरू हुआ

भक्तों ने मां काली की पूजा-अर्चना कर महाराजश्री से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया

Worshiping Maa Kali on the first day of Gupt Navratri, गाजियाबाद, आषाढ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ गुरूवार से शुरू हो गया, गुप्त नवरात्रि के पहले दिन सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में पहली महाविद्या मां काली की पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड लगी रही। भक्तों ने मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया।

महाराजश्री ने बताया कि जिस प्रकार वर्ष में दो बार नवरात्रि पर्व आते हैं, उसी प्रकार दो बार गुप्त नवरात्रि पर्व भी आते हैं, गुप्त नवरात्रि पर्व में मां की दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना गुप्त रूप से की जाती है, इसी कारण इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

गुप्त नवरात्रि उन साधकों के लिए अधिक महत्वपूर्ण है, जो तंत्र-मंत्र की साधना करते हैं, गुरूवार से आषाढ गुप्त नवरात्रि शुरू हो गए और पहले दिन पहला महाविद्या मां काली की आराधना की गई।

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि मां ने काली रूप दैत्यों के संहार व अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए लिया था।

Worshiping Maa Kali on the first day of Gupt Navratri, गुप्त नवरात्रि के पहले दिन मां काली की आराधना करने से हर परेशानी व दुख दूर होता हैः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज
Worshiping Maa Kali on the first day of Gupt Navratri, गुप्त नवरात्रि के पहले दिन मां काली की आराधना करने से हर परेशानी व दुख दूर होता हैः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज

जीवन की हर परेशानी व दुःख दूर करने के लिए मां काली की आराधना की जाती है। महाविद्या काली का पूजन विशेष रुप से गुप्त नवरात्रि में साधना सिद्धि हेतु किया जाता है। देवी काली का पूजन भक्त की ऊर्जा को जागृत करने का समय होता है।

इस समय पर देवी के समक्ष विभिन्न पूजन अनुष्ठान किए जाते हैं। देवी को श्रीफल विशेष रुप से अर्पित किया जाता है। देवी काली की पूजा में भोग स्वरुप शहद का उपयोग विशेष रुप से किया जाता है। माँ काली को शहद अत्यंत प्रिय है। गुप्त नवरात्रि में महाविद्या काली का पूजन करने उपरांत देवी को शहद का भोग विशेष रुप से अर्पित करना चाहिए।

काली मंत्र
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके
क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥ का जाप करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। मां काली के चार रूप दक्षिणा काली, शमशान काली, मातृ काली और महाकाली के हैं।

माता काली के प्रमुख मंदिरों में दक्षिणेश्वर काली मंदिर, पश्चिम बंगाल, मां गढ़ कालिका उज्जैन मध्य प्रदेश, महाकाली शक्तिपीठए पावागढ़ गुजरात, कालिका मंदिर कांडा मार्केट. कांडा जिला बागेश्वर, उत्तराखंड, भीमाकाली मंदिर शिमला, हिमाचल प्रदेश हैं। इनके अलावा मां काली के प्राचीन मंदिर गोवा के नार्थ गोवा में महामाया, कर्नाटक के बेलगाम में, पंजाब के चंडीगढ़ में और कश्मीर में स्थित हैं।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

One thought on “Worshiping Maa Kali on the first day of Gupt Navratri, गुप्त नवरात्रि के पहले दिन मां काली की आराधना करने से हर परेशानी व दुख दूर होता हैः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज”
  1. Jai maa Kali Mata Rani sabki Raksha Karen hamen to Gupt navratron ka pata hi nahin tha aapke news ke madhyam se hamen navratron ka pata Chala dhanyvad aise hi news ke madhyam se margdarshan Karate rahe hain hamara 🙏💕

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