नकली दवाई बनाने वाली कम्पनियों पर कार्यवाही हेतु एसडीएम, सीओ, औषधी निरीक्षण की सदस्यता वाली समिति का गठन

नियमविरूद्ध क्रियाकलपों पर निरंतर प्रवर्तन की कार्यवाही रहेगी गतिमानःडीएम

नकली दवा बनाने वाली कम्पनियों एवं विक्रेताओं पर डीएम द्वारा गठित समिति करेगी सुसंगत धाराओं में कठौर कार्यवाही।

अब हर स्कूल में बच्चों की एंटी ड्रग्स समिति होगी सक्रिय,

फार्मा कम्पनीज के नकली दवा-ड्रग्स पर भी ड्रग्स महकमें की लचर प्रणाली होगी समाप्त

देहरादून ।माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अवैध रूप से विनिर्मित मिथ्या छाप वाली अपमिश्रित एवं नकली औषधियो का अवैध व्यापार कर उनका विक्रय पर प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुपालन में जिलाधिकारी सविन बंसल ने नकली दवाई बनाने वाली कम्पनियों पर कार्यवाही हेतु एसडीएम, सीओ, औषधी निरीक्षण की सदस्यता समिति का गठन किया गया है। अब नकली दवाई बनाने वाली कम्पनियों एवं विक्रेताओं पर डीएम द्वारा गठित समिति करेगी सुसंगत धाराओं में कठौर कार्यवाही।

जिलाधिकारी ने जनपद स्तरीय नारकोटिक्स (NCORD) समिति की बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, जिला आबकारी अधिकारी, और नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो के अधिकारीगण द्वारा संज्ञान में लाया गया है कि जनपद में स्थित कुछ लाईसेंस प्राप्त औषधि निर्माता कम्पनी / फर्मों द्वारा अपनी उत्पादन ईकाईयो में अवैध रूप से मिथ्या छाप वाली औषधियों (Misbranded Drugs), अपमिश्रित औषधियों (Misbranded Drugs). एवं नकली औषधियों (Spurious Drugs), का विनिर्माण किया जा रहा है। अवैध रूप से विनिर्मित मिथ्या छाप वाली अपमिश्रित एवं नकली औषधियो का अवैध व्यापार कर उनका विक्रय मेडिकल स्टोर्स पर भी किया जा रहा है। उक्त अवैध व्यापार से जनता के स्वास्थ्य और कल्याण के लिये गम्भीर खतरा व आशंका उत्पन्न हो रही है, तथा जन-जीवन के साथ खिलवाड हो रहा है।

यह भी संज्ञान में आया है कि कुछ औषधि निर्माता कम्पनियो/फर्मों द्वारा अपनी उत्पादन ईकाईयो में अवैध स्वापक औषधि का विनिर्माण किया जा रहा है, तथा विनिर्मित अवैध स्वापक औषधियों को खुले बाजार में मेडिकल स्टोर्स व अन्य माध्यमों से बेचा जा रहा है अवैध रूप से स्वापक औषधियों के विनिर्माण एवं विकय से समस्त समाज विशेष रूप से नौजवानो और पढ़ने वाले छात्रों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है, तथा अवैध नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है। कुछ औषधि विनिर्माता कम्पनी/फार्मों द्वारा उक्त प्रकार से मिथ्या छाप वाली, अपमिश्रित, नकली एवं स्वापक औषधियो के अवैध विनिर्माण एवं विकय से आम जन साधारण में दवा विनिर्माता फर्मों, कम्पनियों, मेडिकल स्टोर्स व्यवसायी एवं ENFORCEMENT AGENICES के प्रति अविश्वास की भावना भी पैदा हो रही है।

इस प्रकार व्यापक जन स्वास्थ्य एवं जनहित / राजकीय हित को दृष्टिगत रखते हुये उक्त मिथ्या छाप वाली, अपमिश्रित, नकली व अवैध रूप से स्वापक औषधियों का विनिर्माण और विक्रय करने वाली औषधि विनिर्माण कम्पनी/फर्मों/मेडिकल स्टोर्स के आकस्मिक जॉच व निरीक्षण हेतु डीएम ने उप जिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, औषधि निरीक्षक सदस्यता वाली समिति का गठन किया है।

गठित्त समिति अवैध मिथ्या छाप वाली, अपमिश्रित, नकली एवं स्वापक औषधियो के अवैध विनिर्माण एवं विक्रय में संलिप्त लाईसेंस प्राप्त औषधि विनिर्माता फर्मों / कम्पनियो/ मेडिकल स्टोर्स के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105 बी एन एस 276, 277, 278 एवं 111, स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा-9ए, 25ए, 22, 29, 38, एवं औषधि और प्रसाधन सामाग्री अधिनियम-1940 की धारा-17, 17ए, 17बी, 18, 27, 28ए के अर्न्तगत एवं उक्त अधिनियमों में प्रावधानित अन्य सुसंगत धाराओ एवं अन्य सुसंगत अधिनियमों के अधीन तत्काल विधिक और कठोर कार्यवाही करेगी। गठित समिति अवैध मिथ्या छाप वाली, अपमिश्रित, नकली एवं स्वापक औषधियो के अवैध विनिर्माण एवं विक्रय में संलिप्त लाईसेंस प्राप्त औषधि विनिर्माता फर्मों/कम्पनियो/मेडिकल स्टोर्स के विरूद्ध उपरोक्त अधिनियमों की सुसंगत धाराओ के अन्तर्गत तत्काल, विधिक एवं कठोर कार्यवाही करते हुये, अवैध गतिविधि में लिप्त औषधि ब्रिनिर्माता कम्पनी / फर्मों / मेडिकल स्टोर्स के लाईसेंस निरस्तीकरण के लिये आवश्यक कार्यवाही कर, कृत कार्यवाही से इस कार्यालय को भी अवगत करायेगी।

डीएम ने निर्देशित किया कि जन स्वास्थ्य, व्यापक जनहित, राजकीय हित और कानून व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से  निर्देशो का समयबद्ध एवं अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

 

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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