श्रीमद्भागवत के अनुसार भारतवर्ष के आराध्यदेव बदरिकाश्रम के नर-नारायण ही हैं – पूर्व धर्माधिकारी
बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने श्रीमद्भागवत में नर और नारायण के विस्तृत विवरण पर चर्चा करते हुए कहा,आज प्रह्लाद चरित्र, ध्रुव चरित्र,श्री बदरीनाथ भागवत के पंचम स्कन्द के अनुसार भारतवर्ष के आराध्यदेव बदरिकाश्रम के नर-नारायण ही हैं और किस मन्त्र द्वारा नारद जी पूजा करते है वह मन्त्र भी भागवत बताती हैं
भारत को विधर्मियों से बचना हैं तो अपने शस्त्र एवं शास्त्रों का रक्षण करना होगा, वह समय दूर नहीं जब अपनी संस्कृति नष्ट हो जाएगी, जो धरोहर हमारे ऋषि मुनि देकर गए हमको गए हैं उसे हमें विधिवत सम्भालने होगा।
श्रमद्भागवत मृत्यु की कला सिखाती हैं कि किस प्रकार परीक्षित के पास 7 दिन ही शेष थे और हमारे पास भी 7 ही दिन हैं (सोमवार से रविवार तक) हम कैसे इन सात दिनों में अपना उद्धार कर सकते हैं
आज तृतीय दिवस की कथा का समापन हुआ, कथा के व्यास श्री बदरीनाथ मन्दिर के पूर्व धर्माधिकारी श्री भुवन चन्द्र उनियाल हैं कथा लुधियाना का मित्तल परिवार श्री पुरुषोत्तम मास के पावन उपलक्ष्य में करा रहें हैं
कथा का live प्रसारण भी चल रहा हैं ।