तृतीय केदार भगवान श्री तुंगनाथ जी के कपाट विधि-विधान पूर्वक शीतकाल हेतु हुए बंद
इस वर्ष डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए श्री तुंगनाथ जी के दर्शन
शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित करेगी मंदिर समिति
तृतीय केदार भगवान श्री तुंगनाथ जी के कपाट आज गुरुवार को पूर्वाह्न 11:30 बजे विधि-विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के पश्चात भगवान श्री तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली प्रथम पड़ाव चोपता के लिए भक्तों एवं श्रद्धालुओं के जयघोषों के बीच प्रस्थान कर गई।
कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर परिसर को फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था। इस पावन अवसर पर पांच सौ से अधिक श्रद्धालु उपस्थित रहे और कपाट बंद होने की प्रक्रिया के साक्षी बने।
प्रातःकाल मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोला गया, जहां नित्य पूजा-अर्चना एवं भोग यज्ञ संपन्न होने के पश्चात तीर्थयात्रियों ने भगवान श्री तुंगनाथ जी के दर्शन का पुण्य अर्जित किया। प्रातः 10:30 बजे कपाट बंद करने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। वैदिक रीति से पूजा-अर्चना, हवन, भोग यज्ञ के पश्चात भगवान श्री तुंगनाथ जी के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया गया। इसके उपरांत शुभ मुहूर्त में 11:30 बजे कपाट शीतकाल हेतु विधिवत रूप से बंद कर दिए गए।
इस अवसर पर भगवान श्री तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली मंदिर प्रांगण में विराजमान हुई, जहां से मंदिर की परिक्रमा कर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए ढोल-नगाड़ों, शंखध्वनि और जयघोषों के साथ प्रथम पड़ाव चोपता के लिए रवाना हुई। पूरे वातावरण में “जय बाबा तुंगनाथ” के उद्घोष गूंजते रहे।
मंदिर समिति के अनुसार, इस यात्रा वर्ष लगभग डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान श्री तुंगनाथ जी के दर्शन किए। कपाट बंद होने के उपरांत चल विग्रह डोली कल शुक्रवार, 07 नवंबर को दूसरे पड़ाव भनकुन में प्रवास करेगी तथा शनिवार, 08 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल श्री मर्कटेश्वर मंदिर, मक्कूमठ पहुंचेगी। मक्कूमठ पहुंचने के बाद भगवान श्री तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजा-अर्चना प्रारंभ हो जाएगी।
मंदिर समिति द्वारा बताया गया कि इस वर्ष शीतकालीन यात्रा को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु भगवान श्री तुंगनाथ जी के शीतकालीन दर्शन का लाभ प्राप्त कर सकें।
कपाट बंद होने के अवसर पर बद्री-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के उपाध्यक्ष विजय कप्रवान, सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, प्रह्लाद पुष्पवान, देवी प्रसाद देवली, डा. विनीत पोस्ती, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, मठपति रामप्रसाद मैठाणी, केदारनाथ प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक बलबीर नेगी, अरविंद शुक्ला, प्रकाश पुरोहित, दीपक पंवार, चंद्र मोहन बजवाल, पुजारी अतुल मैठाणी एवं अजय मैठाणी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, हक-हकूकधारी और श्रद्धालु उपस्थित रहे।