*मुख्यमंत्री के निर्देश पर विकास की कसौटी पर जिलों की रैंकिंग की व्यवस्था शुरू*

*एस.डी.जी. के संकेतकों के आधार पर पहली बार जारी मासिक रैंकिग में जनपद चम्पावत पहले स्थान पर*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य में सतत विकास लक्ष्य (एस.डी.जी.) के तहत चिन्हित विकास के लक्ष्यों के आधार पर जिलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर मासिक रैंकिंग करने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। शुरूआती मासिक रैंकिंग में जनपद चम्पावत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

मुख्यमंत्री द्वारा विकास के मोर्चे पर जिलों के प्रदर्शन के आकलन हेतु एस.डी.जी. के संकेतकों की कसौटी पर रैंकिंग करने की हिदायत दी गई थी। जिसके अनुपालन में नियोजन विभाग के सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड गवर्नेस (सी.पी.पी.जी.जी.) द्वारा एस.डी.जी. की अवधारणा के अनुसार मासिक रूप से अनुश्रवण किए जाने योग्य चिन्हित संकेतकों की जनपदवार रैंकिंग शुरू की गई है। जिसके लिए सी.पी.पी.जी.जी. द्वारा इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर माह तक 11 सतत् विकास लक्ष्यों के कुल 39 संकेतकों का डाटा प्राप्त करते हुए समसामयिक लक्ष्यों के आधार पर पहली बार जिलों की रैंकिंग जारी कर दी गई है।

मासिक रैंकिग के आधार पर जनपद चम्पावत ने 96 अंक प्राप्त कर प्रथम, जनपद बागेश्वर ने 94 अंक प्राप्त कर द्वितीय तथा जनपद नैनीताल ने 92 अंक प्राप्त कर तृतीय स्थान प्राप्त किया है। सी.पी.पी.जी.जी. के विशेष कार्याधिकारी अमित पुनेठा ने कहा है कि रैंकिंग में पिछड़े जनपदों से वित्तीय वर्ष की शेष अवधि में सभी एस.डी.जी. में तय लक्ष्यों को प्राप्त कर करने की अपेक्षा की गई है। उन्होंने बताया कि रैंकिंग के लिए चिन्हित 39 संकेतकों के अलावा आवश्यतानुसार समसामयिक लक्ष्यों के सापेक्ष योजनाओं का अनुश्रवण करने के लिए भविष्य में अन्य संकेतकों को भी शामिल किया जा सकता है।

*एस.डी.जी. को लेकर उत्तराखंड में प्रतिबद्ध प्रयास : राष्ट्रीय स्तर पर बनी अलग पहचान*

वर्ष 2030 तक गरीबी, भुखमरी, बीमारी और अभाव से मुक्त विश्व की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से सतत विकास लक्ष्य, संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों द्वारा सितंबर 2015 में स्वीकृत और अपनाए गए थे। एसडीजी के चार प्रमुख आयाम हैं : सामाजिक समानता; समावेशी आर्थिक विकास; पर्यावरण संरक्षण; और शांतिपूर्ण एवं समावेशी समाज।

इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उत्तराखंड राज्य में गंभीरता के साथ प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके फलस्वरूप उत्तराखंड विभिन्न विकास क्षेत्रों में अग्रणी बनकर उभरा है और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। नीति आयोग द्वारा जारी एस.डी.जी. इंडिया इंडेक्स वर्ष 2023-24 में उत्तराखंड ने प्रथम स्थान प्राप्त कर सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध प्रयासों की सार्थकता सिद्ध की है।

*सतत विकास के चिन्हित लक्ष्य*

एसडीजी सं. 1 गरीबी उन्मूलन

एसडीजी सं. 2. शून्य भुखमरी

एसडीजी सं. 3. उत्तम स्वास्थ्य

एसडीजी सं. 4. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

एसडीजी सं. 6. स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता

एसडीजी सं. 7. संवहनीय स्वच्छ ऊर्जा

एसडीजी सं. 8. उत्तम कार्य एवं आर्थिक उन्नति

एसडीजी सं. 9. उद्योग, नवाचार एवं अवसंरचना विकास

एसडीजी सं. 10. असमानता दूर करना

एसडीजी सं. 11. संवहनीय शहर एवं समुदाय

एसडीजी सं. 15. भूमि पर जीवन

*प्रदेश में सतत विकास के लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त करने के लिए योजनाओं के बेहतर निर्माण के साथ ही उनके सफल क्रियान्वयन के लिए प्रभावी एक्शन प्लान बनाया गया है। इससे हम आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार के साथ राज्य के समग्र विकास की संकल्पना को साकार करने में भी सफल हो सकेंगे। इसी के दृष्टिगत सभी विभागों एवं जिलाधिकारियों को निर्धारित मानकों के अनुसार एस.डी.जी. के निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से प्राप्त करने हेतु कार्य करने की अपेक्षा की गई है। जिलों की पहली रैंंकंग में प्रथम स्थान पर रहने वाले चंपावत जिले सहित अच्छा प्रदर्शन करने वाले अन्य जिलों को बधाई। सभी जिले बेहतर प्रदर्शन के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। जिन लक्ष्यों व इंडिकेटरों में हमें सुधार की आवश्यकता है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाय।*


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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