परमार्थ विद्या मन्दिर वार्षिकोत्सव कार्यक्रम*

कन्याओं का पूजन और सम्मान किया*

पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी और अतिथियों ने विद्या मन्दिर के सभी कक्षों, प्रयोेगशालाओं, साइट्स एवं लेब्स का निरिक्षण किया*

मेयर ऋषिकेश श्री शंभू पासवान जी, एस डी एम श्री योगेश सिंह मेहरा जी, विश्व के अनेक देशों से आये अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति*

विद्यार्थियों के उत्साहवर्द्धन के लिये पूज्य स्वामी जी महाराज स्वयं पधारे*

अतिथियों को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा किया भेंट*

ऋषिकेश। परमार्थ विद्या मन्दिर में आयोजित वार्षिकोत्सव कार्यक्रम अत्यंत उल्लास और गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ। भारतीय संस्कृति, नारी-सम्मान, पर्यावरण चेतना और समग्र शिक्षा के मूल्यों को सशक्त रूप से प्रस्तुत करने वाला प्रेरणादायी उत्सव है।

कार्यक्रम का शुभारम्भ कन्याओं के पूजन एवं सम्मान के साथ हुआ। भारतीय परम्परा में कन्या को शक्ति का स्वरूप माना गया है। इसी भाव को साकार करते हुए पूज्य स्वामी जी महाराज, साध्वी जी एवं अतिथियों द्वारा कन्याओं का पूजन कर उन्हें सम्मानित किया गया। समाज का उज्ज्वल भविष्य नारी शिक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण से ही संभव है।

इस गरिमामयी अवसर पर पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी, तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों ने परमार्थ विद्या मन्दिर के सभी कक्षों, प्रयोगशालाओं, साइट्स एवं लेब्स का निरीक्षण किया। उन्होंने विद्यालय में उपलब्ध शैक्षणिक सुविधाओं, आधुनिक प्रयोगशालाओं, अनुशासित वातावरण तथा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

पूज्य स्वामी जी ने कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित न रहे, बल्कि वह संस्कार, सेवा, संवेदना और सतत् विकास से जुड़ी हो परमार्थ विद्या मन्दिर इसी दिशा में एक आदर्श उदाहरण है।

कार्यक्रम की गरिमा को और अधिक ऊँचाई प्रदान की ऋषिकेश के महापौर श्री शंभू पासवान जी, एस.डी.एम. श्री योगेश सिंह मेहरा जी, तथा विश्व के अनेक देशों से पधारे विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने। अतिथियों ने विद्यालय के शैक्षणिक दृष्टिकोण, अनुशासन और सांस्कृतिक मूल्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि परमार्थ विद्या मन्दिर न केवल शिक्षा दे रहा है, बल्कि जिम्मेदार, संवेदनशील और राष्ट्रप्रेमी नागरिकों का निर्माण भी कर रहा है।

विद्यार्थियों के उत्साहवर्धन हेतु पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज स्वयं पधारे, यह विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी क्षण था। पूज्य स्वामी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “विद्या वही है जो विनय दे, सेवा सिखाए और समाज को जोड़ने का कार्य करे।” उन्होंने विद्यार्थियों को लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने, अनुशासन अपनाने और अपने ज्ञान को समाजहित में लगाने का संदेश दिया।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने भी बच्चों को आत्मविश्वास, करुणा और वैश्विक दृष्टि के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

स्वामी जी और साध्वी जी ने अतिथियों को रुद्राक्ष का दिव्य पौधा उपहार स्वरूप भेंट किया। “एक पेड़ माँ के नाम” और “धरती की सेवा ही ईश्वर की सेवा है” का संदेश दिया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया। नृत्य, संगीत, नाट्य और प्रेरणादायी प्रस्तुतियों के माध्यम से बच्चों ने अपनी प्रतिभा, संस्कार और आत्मविश्वास का सुंदर प्रदर्शन किया। यह स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआ कि परमार्थ विद्या मन्दिर में शिक्षा केवल अकादमिक नहीं, बल्कि जीवन निर्माण की प्रक्रिया है।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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