शांति कुंज प्रमुख ने अशोक वृक्ष की पूजा कर पर्यावरण दिवस कार्यक्रमों की शुरूआत की।
विश्व पर्यावरण दिवस पर हुए विविध कार्यक्रम
बालवाटिका अभियान के अन्तर्गत आक्सीजन जोन बनायेंगे नौनिहाल
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर वृक्ष कांवड यात्रा के साथ विविध कार्यक्रम हुए। प्रातः अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख शैलदीदी ने अशोक के पौधे का पूजन कर विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रमों की शुरुआत की।
इस अवसर पर उन्होंने बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा फलदार, छायादार पौधे रोपने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा हमें प्रकृति का सम्मान करना सीखना होगा, तभी वह हमें सम्मान सहित जीवन देगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पौधे लगाने का अभियान मात्र नहीं है, वरन् पर्यावरण के हितैषी वृक्ष लगाना एवं उनका पूरा संरक्षण इसकी विशेषता है। इसमें जन-जन की भागीदारी होनी चाहिए।
इस अवसर पर शांतिकुंज अधिष्ठात्री शैलदीदी ने बालवाटिका अभियान का शुभारंभ किया। बालवाटिका के अंतर्गत आक्सीजन जोन तैयार करने के लिए घर-घर के नौनिहालों को प्रेरित किया जायेगा। ताकि घरों के आंगन, छतों, बालकोनियों को हरियाली से भरे, जिससे शुद्ध वायु प्राप्त किया जा सके।
वहीं शांतिकुंज सहित केरल, ओडिशा, झारखण्ड, मप्र, बिहार, गुजरात सहित १६ राज्यों के आये हजारों साधकों ने पौधों का कांवड़ लेकर भव्य शोभयात्रा निकाली। यह यात्रा शांतिकुंज के गेट नंबर तीन से निकली। इस दौरान पीतवस्त्रधारी साधकों द्वारा धरती माता कर रही पुकार-वृक्षारोपण के लिए हो जाएं तैयार, मां की ममता और पेड़ की दान-दोनों करते है जन की कल्याण जैसे प्र्रेरक नारे लगाये गये। पश्चात यह यात्रा शांतिकुंज पावन समाधि स्थल पहुंची, जहाँ यह यात्रा सभा के रूप में परिवर्तित हो गयी। इस सभा को शांतिकुंज के रचनात्मक प्रकोष्ठ के समन्वयक केदार प्रसाद दुबे तथा कार्यक्रम विभाग समन्वयक श्याम बिहारी दुबे ने संबोधित करते हुए पौधों में निवेश करने और आने वाली पीढ़ियों को जीवंत रखने के लिए आवाहन किया।
बिजनौर में होटल वालिया रेजिडेंसी में बुरांश महिला सेवा ट्रस्ट नजीबाबाद संस्था द्वारा “विश्व पर्यावरण दिवस ” मनाते हुए एवं सिद्धबली विहार नजीबाबाद में “नमो फाउंडेशन नजीबाबाद द्वारा “विश्व पर्यावरण यज्ञ” का आयोजन किया इस अवसर पर उपस्थित देहरादून से आये पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कवि प्रेमचंद शर्मा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे और कवि रामप्रकाश पैन्यूली कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।
सुबह वृक्षारोपण के बाद पर्यावरण गोष्ठी में “कवि इन्द्रदेव भारती ने काव्य पाठ किया
पर्यावरण बचाओ
आदमी…
आज स्वयं ही –
स्वयं का शत्रु हो रहा है |
प्रकृति प्रदत्त प्राण वायु
शीतल छाँव, मीठे फल
और औषधी युक्त
हरिताभ पल्लवों से अच्छादित
जीवनदायी वृक्षों को
और वन्य सुरभि बिखेरती
लतिकाओं को
निर्दयता से काट रहा है |
छांट रहा है |
अमृत सरीखा
प्राण रक्षक निर्मल जल
वाली पावन नदियों को
कूड़े, कचरे,
पालीथीन से
पाट रहा है |
बीमारियां बाँट रहा है |
अरे ज्ञानवान अज्ञानियों
सर्वश्रेष्ठ बुद्धिमान इंसानो !
ईंट,रेत,बजरी,सीमेंट बोकर
कंकरीट के गगनचुंभी
जंगल के जंगल
उगाने वाले इंसानों
कुछ तो लजाओ |
आपने आप
अपने पैरों पर
कुल्हाड़ी मार कर
मत चिल्लाओ |
पर्यावरण बचाओ !
पर्यावरण बचाओ !!
पर्यावरण बचाओ !!!