Ayushkamya Camp,शरीर के 107 मूल बिदुओं में छिपा है अच्छे स्वास्थ्य का रहस्य: प्रोफ. सुनील जोशी

Ayushkamya Camp,The secret of good health is hidden in the 107 basic points of the body: Prof. Sunil Joshi

Ayushkamya Camp,चंडी घाट के मनोरम तट पर आयोजित आयुष्कामीय शिविर के दूसरे दिन आज आयुष विभाग द्वारा विशिष्ट आर्युवेदिक, युनानी, होम्योपैथिक, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विधाओं द्वारा आने वाले रोगियों की चिकित्सा की गई।

Ayushkamya Camp, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण प्राशन आदि विशिष्ट चिकित्सा की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। डिवाइन कॉलेज के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा प्रदर्शनी और निः शुल्क ब्लड शुगर की जांच एवं अन्य पैथोलॉजी जांच किए गए।

आयुर्वेद एवं प्रकृति के विभिन्न विषयों पर आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता आशीष भैया, संस्थापक दिव्य प्रेम सेवा मिशन एवं विश्व विख्यात मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ प्रोफेसर सुनील जोशी, पूर्व कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा की गई l

साथ में विशिष्ट अतिथि के रुप में स्वामी अनंतानंद महाराज कृष्णायन गौशाला बायो सीएनजी प्लांट, राजीव योगी जैविक कृषि विशेषज्ञ, डॉ सुशील शर्मा, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, इंटीग्रेटिव कार्डियोलॉजी सेंटर, रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम कनखल, राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल अधिकारी डॉ अवनीश उपाध्याय शिविर प्रभारी डॉक्टर धनेंद्र वशिष्ठ उपस्थित रहे,Ayushkamya Camp

गोष्ठी में बोलते हुए आशीष भैया ने कहा कि सभी चिकित्सा विधाओं का उद्गम वेद है। आयुर्वेद में वर्णित पंचकोषों का चिकित्सा में विशेष महत्व है, उन्होंने आगे कहा कि योग और आयुर्वेद में चिकित्सा का मूल मंत्र है अपने पंचतत्व से जुड़ना, पंचतत्व से खेल कर हम अपने शरीर और मन को स्वस्थ रख सकते हैं। ,Ayushkamya Camp

उन्होंने कहा कि हमारा शरीर पंचतत्व से मिलकर बना है हम जब पांच तत्वों से मिलेंगे उससे जुड़ने का प्रयास करेंगे, तभी हम पूर्ण आरोग्य की प्राप्ति कर सकते हैं, आप सभी अपने पंचतत्व से खेलने का प्रयास करें। प्रोफेसर सुनील जोशी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि आयुर्वेद के महान वैज्ञानिकों द्वारा प्रदत्त मर्म चिकित्सा पद्धति से हम तीव्र ज्वर की अवस्था में भी आराम दिला सकते हैं।

Ayushkamya Camp,शरीर में उपस्थित 107 मर्म बिंदु से संपूर्ण शरीर की चिकित्सा की जा सकती है। प्रोफेसर जोशी ने बताया कि ऐसे स्थान पर जहां तत्काल आकस्मिक चिकित्सा उपलब्ध न हो वहां मात्र तलहृदय पर दबाव डालकर हम हृदय आघात तक की अवस्था को रोक सकते हैं।

डॉ राजीव योगी ने बताया कि जब हमारा अन्न जिसका हम सेवन करते हैं वह विष मुक्त होगा तभी हमारा शरीर स्वस्थ और विष रहित होगा एकमात्र जैविक कृषि से हम आने वाली विपिन प्रकार की जटिल बीमारियों को रोग सकते हैं।

गोष्ठी में डॉ अवनीश उपाध्याय ने आयुर्वेद और योग के विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला और किस प्रकार हम जीवन शैली आधारित बीमारियों को आने से रोक सकते हैं उसके विषय में विस्तृत चर्चा की।

डिवाइन कॉलेज के सुनील श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में ध्यान करने के विभिन्न तरीकों को विस्तार से समझाया। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉक्टर स्वास्तिक सुरेश द्वारा जिले में आयुष विभाग द्वारा चलाई जा रही चिकित्सा की विभिन्न योजनाओं के विषय में उपस्थित जनता को अवगत कराया।

स्वामी अनंतानंद महाराज गोष्ठी में बोलते हुए कहा कि आयुर्वेद की एक्यूप्रेशर और मर्म चिकित्सा पद्धति से हम बहुत सारी बीमारियों को ठीक कर सकते हैं, उन्होंने राम नाम को चिकित्सा का मूल मंत्र बताया।

आज के शिविर में डॉ धनेंद्र वशिष्ठ, डॉ विकास दुबे, डॉ वीरेंद्र सिंह रावत, डॉक्टर चेतन स्नेही, डॉक्टर श्रवण कुमार त्रिपाठी, डॉ नवीन दास, डॉक्टर सुषमा, डॉक्टर फराज खान, डॉ भगत सिंह, डॉक्टर दीपा देवी हाथी द्वारा आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा दी गई, Ayushkamya Camp

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