Bharat Vikas Parishad,शंकर ने जो गंगा को उतारा नहीं होता,ये घाट..- कवि भूदत्त शर्मा

मां की महिमा बस इतनी सी है, हम रोते तो रोती है, हम हंसते तो हंसती हैं-अमित

Bharat Vikas Parishad,12 जुलाई भारत विकास परिषद की शिवालिक शाखा ने परिषद के स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में एक कवि सम्मेलन का आयोजन होटल हाइट्स में किया गया।

Bharat Vikas Parishad,शंकर ने जो गंगा को उतारा नहीं होता,ये घाट..- कवि भूदत्त शर्मा
भारत विकास परिषद का कवि सम्मेलन सम्पन्न

Bharat Vikas Parishad के कार्यक्रम के अवसर पर युवा कवि सचिन राणा ‘हीरो’ की किताब *हम सबके हैं सियाराम जी* के पांचवें संस्करण का विमोचन भी प्रांतीय अध्यक्ष बृज प्रकाश गुप्ता की अध्यक्षता में उपस्थित वरिष्ठ अतिथियों के द्वारा किया गया।

Bharat Vikas Parishad,शंकर ने जो गंगा को उतारा नहीं होता,ये घाट..- कवि भूदत्त शर्मा
भारत विकास परिषद के कवि सम्मेलन में दूर दूर से आए कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ी।

Bharat Vikas Parishad,कवि सम्मेलन का सफल संचालन करते हुए वरिष्ठ कवि भूदत्त शर्मा ने कहा कि हमें गर्व है कि हम सभी उस सामाजिक संस्था के सदस्य है जो अपने दायित्वों को निभाते हुए देश के प्रत्येक वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित एवं उनके उत्थान को पुरी तरह से समर्पित है।

वही सावन का पवित्र महीना भी चल रहा है तो मैं शिव की महिमा पर एक कविता सुना कर इस कवि सम्मेलन की शुरूआत करता हूं। श्री शर्मा ने सुनाया कि *शंकर ने जो गंगा को उतारा नहीं होता, ये घाट न होते, ये किनारा नहीं होता,इतिहास के पन्ने भी कुछ और बोलते, गंगा ने सगर पुत्रों को तारा नहीं होता* ।

देश के ऊपर लिखी अपनी पंक्तिया सुनाते हुए वरिष्ठ कवि सुमन पंत ने कहा कि *मन मस्त फकीरी धारी है,अब एक ही धुन जय जय भारत* हैं।

तो वही बरसात की महिमा का गुणगान करते हुए कवि सोनेश्वर कुमाए सोना ने सुनाया *बूंद बारिश की जो मेरे तन पर गिरी, मन बदन जल उठा आपकी चाह में, सारी दुनिया हुई मेरी दुश्मन मगर, मुझको जीवन मिला आपकी चाह में*।

Bharat Vikas Parishad, के कवि सम्मेलन में क्वीत्री भावना मांझी ने मंच साझा करते हुए कहा *युगों युगों से मातृभूमि ने, जग को है अनुदान दिया,राम, कृष्ण, गौतम, नानक, भारत ने भगवान दिया* मां की महिमा का अनूठा व्याख्यान करते हुए कवि अमित कुमार ‘मीत’ ने दिल को छूने वाली कविता सुना कर सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।

उन्होंने सुनाया *मां की महिमा बस इतनी सी है, हम रोते तो रोती है, हम हंसते तो हंसती हैं।* *बस हम में ही उसकी जिंदगी बसती है।* जबकि वर्तमान परिवेश पर तीखा तंज कसा कवि सचिन राणा ने *बेटे भी विदा हो जाते है, जब घर से कमाने जाते हैं….* ।

वही दूसरी तरफ क्वित्री मनीषा चौहान ने जीवन से लड़ने को प्रेरित किया और कहा कि *मुसीबतें हजार आती है जिंदगी में यारों, हीरे मोती यही जड़ती है जिंदगी में यारों* क्वित्री इशिता ने माहौल को भक्ति में डूबों दिया। उन्होंने सुनाया *मेरी एक आशा है, एक है शिकायत, भूल नहीं पाती हूं, लगी है लो तुझ से ही* वही वेद प्रभा श्रीवास्तव और राजकुमारी ने भी अपने अपने काव्य पाठ पढ़ कर सुनाए।

Bharat Vikas Parishad, के प्रांतीय अध्यक्ष बृज प्रकाश गुप्ता ने कहा कि भारत विकास परिषद की शिवालिक शाखा ने जिस तरह से बारिश के इस बिगड़े मौसम में सावन से लेकर भक्ति भाव रस में भाव विभोर करने वाली कविताए यहां पर सुनाई है वह हमे बहुत कुछ सोचने पर विवश कर रही है। मुख्य अतिथि महाराज कृष्ण रैना ने कहा कि हमें कविताओ के माध्यम से जहा मनोरंजन होता है वही यह समाज को आईना भी दिखाने का काम करती है।

Bharat Vikas Parishad भारत विकास परिषद के प्रांतीय संगठन सचिव ललित पांडे ने कहा कि हमें गर्व महसूस हो रहा है कि हम काव्य पाठ के साथ ही आज सचिन राणा की पुस्तक हम सबके हैं सियाराम जी के पांचवें संस्करण का विमोचन भी कर रहे हैं।

प्रांतीय मीडिया प्रभारी अमित कुमार गुप्ता ने कहा कि यह काव्य पाठ और पुस्तक विमोचन समारोह गागर में सागर भरने का संदेश दे रहा है। पंचपुरी शाखा के अध्यक्ष कुशल पाल सिंह चौहान ने कहा कि आज के माहौल में काव्य रस ने अपना एक अलग ही तरह का सौंदर्य बोध करवा दिया है।

Bharat Vikas Parishad, समारोह में शिवालिक शाखा अध्यक्ष अमित गुप्ता, श्रीमती शारदा गुप्ता, श्रीमती जया रैना, ऋचा गर्ग, अभिषेक गुप्ता, उपेंद्र शर्मा, अरविन्द स्वामी, बृज भूषण गुप्ता, प्रतिभा सारश्वत, सचिन राणा, संदीप कुमार, नवनीत चौहान, सतपाल तोमर, इंद्र पाल सिंह राठी, पवन कुमार तायल, अंकित गुप्ता, विनोद कुमार गुप्ता, वेदना यादव, नीलम गुप्ता, श्रीमती रीतिका, इशिता शर्मा, डॉ अभिषेक गुप्ता, सुनीता गोयल,वीना शर्मा और उपेन्द्र कुमार सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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