इस अभिनंदन की हकदार प्रदेश की सवा करोड़ जनता, जिन्होनें मुझे प्रदेश की सेवा करने का अवसर दिया है : मुख्यमंत्री।

राज्य सरकार एक ठोस और प्रभावी नीति बनाकर जल्द ही उपनल के कर्मचारियों को नियमित करने का कार्य प्रारंभ करेगी।

जनता के समक्ष किए गए अपने कठिन से कठिन संकल्प को राज्य सरकार ने किया पूरा।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्य सेवक सदन, देहरादून में उपनल कर्मचारी महासंघ द्वारा आयोजित धन्यवाद/अभिनन्दन समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उपनल कर्मचारी महासंघ द्वारा उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के लिए ठोस नीति बनाए जाने की घोषणा किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका अभिनंदन किए जाने पर सभी उपनल कर्मचारियों को धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि इस अभिनंदन की हकदार प्रदेश की सवा करोड़ जनता भी है, जिन्होनें उन्हें प्रदेश की सेवा करने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार एक ठोस और प्रभावी नीति बनाकर जल्द ही उपनल के कर्मचारियों को नियमित करने का कार्य प्रारंभ करेगी। जिसे चरणबद्ध तरीके से तय समय सीमा के अंदर किया जाएगा। उन्होंने कहा इस नियमितीकरण प्रक्रिया से उपनल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा एवं उनके भीतर आत्मसम्मान की भावना और भी अधिक प्रगाढ़ होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई वर्षों से उपनल के अधिकारी, कर्मचारी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा धरने के दौरान उपनल कर्मचारियों पर लगे मुकदमों की भी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा आने वाले समय में राज्य सरकार पूर्व सैनिकों की वीरांगनाओं और पुत्रियों को ड्रोन दीदी योजना के माध्यम से ड्रोन संचालन का विशेष प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का भी प्रयास करेगी एवं इस वर्ष से 60 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को निःशुल्क बद्रीनाथ यात्रा भी करवाएँगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जो कहती है, उसे पूरा करके ही दम लेती है। राज्य सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने, राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने, समान नागरिक संहिता लागू करने एवं सख्त भू-कानून जैसे कई जनहित के फैसले लिए हैं। राज्य सरकार ने जनता के समक्ष किए गए अपने कठिन से कठिन संकल्प को भी पूर्ण करके दिखाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा वो स्वयं भी एक फौजी के बेटे हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार की समस्याओं और चुनौतियों को नजदीक से देखा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार प्रदेश के सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं बलिदानियों के आश्रितों के कल्याण एवं उत्थान हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उपनल कर्मचारियों को मिलने वाला प्रोत्साहन भत्ता तीन महीने की जगह अब प्रत्येक महीने दिया जा रहा है। सरकार 10 वर्ष से कम अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग 5000 रूपए और 10 साल से अधिक अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग 6000 हजार रूपए प्रति माह प्रोत्साहन भत्ते के रूप में भी दे रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए किया है। शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने एवं सरकारी नौकरी हेतु आवेदन करने की अवधि को बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है। हाल ही में परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को बढ़ाते हुए 50 लाख रुपए से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपए किया गया है। प्रदेश के शहीदों की स्मृति में राजधानी देहरादून के गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने युद्धों एवं आंतरिक सुरक्षा कार्यों आदि में शहीद हुये प्रदेश के वीर सैनिकों की वीर नारियों एवं आश्रितों को उत्तराखण्ड शहीद कोष से एकमुश्त दस लाख रुपए का अनुदान दिए जाने, युद्ध के दौरान शहीद हुए बलिदानियों की वीरांगनाओं एवं युद्ध में घायल होकर दिव्यांग होने वाले सैनिकों को दो लाख रुपए की आवासीय सहायता देने, सेवारत एवं पूर्व सैनिकों को 25 लाख रूपए मूल्य की स्थायी सम्पत्ति खरीदने पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट दिए जाने जैसे विभिन्न निर्णय लिए गए हैं।

कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार ने उपनल कर्मचारियों के पक्ष में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। पहले उपनल कर्मचारियों के मृत्य होने पर उनके परिजनों को 15 हजार की राशि दी जाती थी जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार किया गया है। उन्होंने कहा अब किसी भी उपनल कर्मचारी की बेटी की शादी में उपनल की ओर से 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार उपनल कर्मचारियों के पक्ष में हर संभव फैसला लेगी।

इस अवसर पर एम.डी. ब्रिगेडियर जे.एन बिष्ट, उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदियाल, महामंत्री विनय प्रसाद, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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