Exercise Ram Prahar, युद्धाभ्यास रैम प्रहार दुश्मन की किसी भी कायराना हरकत का जवाब देने की तैयारी है – लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार।
Exercise Ram Prahar, is a preparation to respond to any cowardly action of the enemy – Lieutenant General Manoj Katiyar.
भारतीय सशस्त्र सेना सेवाओं का हरिद्वार में प्रमुख एकिकरण युद्धाभ्यास ” रैम प्रहार” सम्पन्न।
दुश्मन को जड़ से उखाड़ फेंकने का अभ्यास है रैम प्रहार।
अपनी टैक्नोलॉजी से भी बेहतर काम और दुश्मन की टैक्नोलॉजी का ध्वस्तिकरण हमारी ट्रेनिंग का हिस्सा – कटियार
Exercise Ram Prahar, सशस्त्र सेना एवं सेवाओं के प्रमुख एकीकृत युद्धाभ्यास के हरिद्वार के दुर्गम क्षेत्र में पिछले एक माह से चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास ” रैम प्रहार” का समापन करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, जीओसी–इन–सी, पश्चिमी कमांड, ने कहा, वैस्टर्न कमांड की आफेंन्सिव डिविजन खड़ग कोर का मेन मक्सद है पाकिस्तान के भीतर घुसकर दुश्मन को बरबाद कर उसके औब्जैक्टिवस और एसेट्स पर कब्जा करना।

उन्होंने कहा ये पूरी ट्रेनिंग इसी उद्देश्य को लेकर है, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार ने कहा आज की लडाई काफी काॅप्लिकेटेड है टैक्नोलॉजी बहुत बडे रुप में लडाई में शामिल हो गई है,आज सभी प्लेटफॉर्मस् लडाई का हिस्सा है।
आज टैक्नोलॉजी के उपयोग में महारत हासिल करना सख्त जरुरी है आपरेशन सिंदूर से हमने दुश्मन को बहुत नुक्सान पहुंचाया था, लेकिन हम ये भी जानते हैं कि दुश्मन अपनी फितरत से बाज आने वाला नहीं है दुश्मन फिर कोई नुक्सान पहुंचाये,तो हमारी लीडरशिप ने भी कहा है और मै भी इस बात को दोहराना चाहता हूं कि इस बार दुश्मन को नुकसान बहुत बड़ा होगा।

भारतीय सेना की खड़ग कोर के अंतर्गत आने वाली रैम डिविजन ने एक्सरसाइज ‘रैम प्रहार’ का सैन्य अभ्यास पिछले 25 अक्टूबर से हरिद्वार के नदियों और पथरीले तथा कच्चे भू भाग वाले विविधता से युक्त दुधाला दयालवाला (झिलमिल झील रिजर्व फारेस्ट) हरिद्वार में चल रहा था जिसका समापन 22 नवम्बर को लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, जीओसी–इन–सी, पश्चिमी कमांड, ने किया।
“रैम” यानि जड़ से उखाड़ फेंकने वाले प्रहार का प्रशिक्षण, रैम यानि वो प्रहार जिसे बड़े बड़े दुर्ग के द्वार ध्वस्त करने के उपयोग में लाया जाता था, भारतीय सेना के रैम डिविजन के संयुक्त सैन्य अभियान के अंतर्गत यह एक प्रमुख एकीकृत सशस्त्र सेना एवं सेवाओं का युद्धाभ्यास था, जो भारतीय सेना के आधुनिक, अनुकूलनशील, तेजी और तकनीक-सक्षमता की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।
अपाचे हैलिकॉप्टरों की गड़गड़ाहट, बंकरों से चलती गोलियों, टैंकों के भारी-भरकम शोर के बीच इस अभ्यास ने दर्शाया कि भारतीय सेना के अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग, ISR (इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस) एकीकरण, AI आधारित निर्णय सहायता तंत्र तथा नेटवर्क-सक्षम कमांड एवं कंट्रोल सिस्टम के प्रयोग ने यह भी साबित कि भारतीय सेना जटिल और तकनीक-प्रधान युद्धक्षेत्रों में विजय प्राप्त करने की क्षमता रखती है।
सेना की परिचालनिक तेजी, बहु-क्षेत्रीय क्षमताओं तथा भूमि, वायु और साइबर सभी क्षेत्रों में वास्तविक समय में निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि की है, वर्तमान संवेदनशील क्षेत्रीय सुरक्षा परिस्थितियों को देखते हुए यह सैन्य तैयारी, प्रतिरोधक और रणनीतिक दृढ़ शक्ति को रेखांकित करता है।
अभ्यास से पहले, रैम डिविजन ने विभिन्न युद्धाभ्यास ड्रिल्स और टैक्टिक्स, टेक्नीक एवं प्रोसीजर (TTPs) का सत्यापन किया, अभ्यास के दौरान क्वचित सेना, पैदल सेना, इंजीनियर तथा आर्मी एविएशन के द्वारा गतिशील युद्धक्षेत्र में समन्वय के साथ अभियान संचालित किया गया।
एक्सरसाइज ‘रैम प्रहार’ भारतीय सेना की उस अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है जिसके माध्यम से वह समन्वय, नवाचार और जनता के साथ अपने मजबूत संबंधों से शक्ति प्राप्त करते हुए फुर्तीला, लचीला और भविष्य के लिए तैयार बने रहने का संकल्प रखती है। यह अभ्यास भारत की उस दृढ़ क्षमता का सूक्ष्म, किंतु सशक्त संकेत भी है जिसके बल पर राष्ट्र अपने हितों की रक्षा करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में समर्थ है।
लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव, जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) देहरादून लगातार प्रेस और सेना के बीच समन्वय बनाते हुए सैन्य अभियान के हर पहलू को सहज रूप से प्रेस और मीडिया को जानकारी देने में कामयाब रहे।
प्रभारी सूचना अधिकारी हरिद्वार रतिराम शाह भी प्रेस प्रतिनिधियों के साथ मौके पर मौजूद रहे।