fishes are dying, गंगा बंदी से तड़प तड़प कर मर रहीं हैं हजारों मछलियां।

fishes are dying,Thousands of fishes are dying in agony due to closure of Ganga.

गंगा रक्षक और जीव संरक्षण के नाम पर मोटे बजट पाने वाले एनजीओ नादारद

fishes are dying, हरिद्वार में वार्षिक रख रखाव के लिए बंद की गई गंगा कैनाल में दशहरे की देर सायं से जल प्रवाह लगभग ना के बराबर होने से हजारों बडी बडी मछलियां तड़प तडप कर मर रहीं हैं।,fishes are dying,

कुछ को लोग पकड़ कर ले जा रहे हैं तो कुछ कुत्तों का शिकार हो रही हैं, मरने वाली मछलियों की संख्या इतनी अधिक है कि क्षेत्र में बदबू का आलम है।

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fishes are dying, गंगा बंदी से तड़प तड़प कर मर रहीं हैं हजारों मछलियां।

fishes are dying, इन तड़पती मछलियों के संरक्षण के लिए हरिद्वार में गंगा में जीव संरक्षण, गंगा रक्षा के नाम पर बने एनजीओ जो बडे बडे बजट पर काम करते हैं ,कई एनजीओ वालेंटियर्स को नशा करा कर गंगा सफाई के लिए अपने नाम के प्रचार-प्रसार के लिए गंगा में उतारते हैं वो कोई आगे नहीं आया।

fishes are dying,मछलियां गंगा जल की शुद्धि का एक बड़ा कारण है, हरिद्वार में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपने जीवन काल में भारी संख्या में मछलियों के बीज छोडे थे, ऐसे ही प्रयास एक दो बार और भी हुए, क्योंकि गंगा में मछलियों का ना होना चिंता का कारण है।
जिन मछलियों के संरक्षण और संवर्धन को जरुरी समझा गया उनकी इतनी निर्मम हत्या बेहद दुखद है इस विषय पर चिंतन जरुर होना चाहिए।,fishes are dying,

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