Ganga,बिन गंगा सब सून... गंगा बंदी से श्रीहीन हुई हरकी पैड़ी, यात्री निराश, पंडित उदासGanga,बिन गंगा सब सून... गंगा बंदी से श्रीहीन हुई हरकी पैड़ी, यात्री निराश, पंडित उदास

Ganga,बिन गंगा सब सून… गंगा बंदी से श्रीहीन हुई हरकी पैड़ी, यात्री निराश, पंडित उदास

Ganga,Without Ganga, everything is deserted… Due to closure of Ganga, Harki Paadi became devoid of Sri, travelers disappointed, Pandits sad.

दीवाली की रात आएगी गंगा जी वापिस

Ganga,हरिद्वार में गंगा बंदी हर साल का उपक्रम है,हर साल दशहरे की रात्रि गंगा बंदी सुनिश्चित है जो दिवाली तक जारी रहती है,फिर चाहे वह तिथि कुछ भी हो, दशहरे की अर्धरात्रि हरिद्वार में गंगा नहर में गंगाजल प्रवाह बंद कर दिया जाता है|

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Ganga,गंगा पर बने बैराजों, पुलों, विद्युत संस्थानों और नहरों घाटों की मरम्मत और रखरखाव किया जाना बेहद जरूरी है अन्यथा कोई भी बड़ी दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है,Ganga,गंगा बंदी के साथ ही कई बड़े सवाल जनता हर साल लिए खड़ी होती है,कारण है जनता को इस त्योहारी सीजन में गंगा की अनुपस्थिति ना गवार गुजरती है।

वहीं त्योहारों के बीच धर्म कर्म और सैर सपाटे के लिए आने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को भी Ganga,गंगा नदी का यह बंदी का समय नहीं भाता,निराशा और छुट्टियों का आनंद को खोने का दुख तो यात्री व्यक्त करता ही है।

इस त्यौहारी काल में हर की पैड़ी पर बैठे ब्राह्मण और पंडित भी यात्रियों के न होने से निराश बैठे रहते हैं और प्रश्न करते हैं की गंगा बंदी का आखिर यही त्योहारी सीजन क्यों?हर बार हर साल यह सवाल उठता है लेकिन खामोशी से गुजर जाता है|

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Ganga,बिन गंगा सब सून… गंगा बंदी से श्रीहीन हुई हरकी पैड़ी, यात्री निराश, पंडित उदास

इस बार भी हमने इस सवाल का जवाब एसडीओ कैनाल से लेने का प्रयास किया लेकिन एसडीओ साहब लखनऊ मीटिंग में व्यस्त थे।

बरहाल गंगा नदी की यह एक स्थित है और दूसरी स्थिति है वह लोग जो साल भर गंगा बंदी का इंतजार करते हैं,कि शायद इस बार गंगा बंदी के दौरान शायद कोई बड़ा खजाना हाथ लग जाए|

वैसे हरिद्वार के लिए यह बात कोई अतिशयोक्ति नहीं है क्योंकि हरिद्वार के पास ऐसे उदाहरण मौजूद हैं जब Ganga,गंगा नदी में

पैसे सोना चांदी ढूंढने वाले करोड़ पति बन गए। कहावत है कि हरिद्वार में हर की पैड़ी पर सुबह के सवा पहर स्वर्ण बरसता है यह कहावत तब राजा महाराजाओं के काल में बनी होगी लेकिन आज भी प्रासंगिक है और लोग सोना चांदी की खोज में पूरे परिवार सहित Ganga,गंगा तल पर तिनका तिनका छान मारते हैं, हो सकता है कुछ की मुराद पूरी भी हो जाती हो।

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फिलहाल गंगा तट पर धर्म कर्मचारी है।स्नान पिंडदान मुंडन औरGanga, गंगा पूजन बद्दस्तूर चल रहा है प्रतिदिन होने वाली Ganga,गंगा आरती हमेशा की तरह हो रही है गंगा मैया का गुणगान जारी है |- देखिए वीडियो फीचर

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