-हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा किया भेंट
-विश्व शान्ति यज्ञ में समर्पित की आहुतियाँ
-राजा कुमारी की ‘काशी से कैलाश’ की विशेष प्रस्तुति का लिया आनंद
-प्रसिद्ध संगीतकार एम सी योगी के संगीत पर मंत्रमुग्ध हुये योगी
-अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव, परमार्थ निकेतन में आध्यात्मिक जागरण का उत्सव

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन आध्यात्मिकता, भक्ति और योग का अद्वितीय संगम देखने को मिला। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के माननीय कृषि एवं कृषक कल्याण, सैनिक कल्याण और ग्राम्य विकास मंत्री श्री गणेश जोशी जी का आगमन हुआ। उनके आगमन से योगियों के बीच एक विशेष आनंद और श्रद्धा का वातावरण बना गया।

परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी, साथ ही विश्वभर से आए 60 से अधिक योगाचार्यों और योग साधकों के साथ माननीय मंत्री श्री गणेश जोशी जी ने गंगा जी की दिव्य आरती में भाग लिया। आरती की गूंज, जल की लहरें, एम सी योगी का संगीत और राजा कुमारी की काशी से कैलाश की यात्रा से निर्मित एक पवित्र वातावरण ने सबको एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव से अभिभूत कर दिया।

गंगा जी की आरती शुद्धता, भक्ति और जीवन के अनंत प्रवाह का प्रतीक है। इस विशेष अवसर पर गंगा जी के किनारे आरती के माध्यम से सभी ने समर्पण और आस्था व्यक्त की।

उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक धरोहर को सम्मानित करते हुए स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्री गणेश जोशी जी को रुद्राक्ष का एक पौधा भेंट किया, जो आध्यात्मिकता और प्रकृति के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है। स्वामी जी द्वारा प्रदान किया गया उपहार उत्तराखंड की प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण का प्रतीक हैं।
इस अवसर पर माननीय मंत्री जी ने विश्व शांति यज्ञ में आहुतियाँ अर्पित कीं। यह यज्ञ पूरी दुनिया में शांति और सद्भाव की प्रार्थना के साथ किया जाता है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने इस अवसर पर उत्तराखंड की आध्यात्मिक धरोहर और योग के वैश्विक महत्व को रेखांकित करते हुये कहा कि गंगा, हिमालय और योग के साथ जुड़कर हम अपने जीवन को बदल सकते हैं और अपने जीवन को समग्र शांति की ओर ले जा सकते हैं। उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के रूप में जाना जाता है, यहाँ के हिमालय और गंगा जैसी पवित्र नदियाँ एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं।
श्री गणेेश जोशी जी ने कहा कि स्वामी जी के पावन नेतृत्व में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव एक शक्तिशाली मंच है, जो योग, शांति और पारस्परिक संवाद को बढ़ावा देता है। गंगा की दिव्यता और हिमालय की शांति के साथ, यह महोत्सव सभी योग साधकों के लिए एक अनमोल अवसर है, जहां वे खुद को और अधिक गहराई से जान सकते हैं। यह याद दिलाता है कि योग और आध्यात्मिकता के प्राचीन सिद्धांत और उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य मिलकर मानवता के लिए शांति, परिवर्तन और एकता का स्रोत बनते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में राजा कुमारी की विशेष प्रस्तुति ‘काशी से कैलाश’ ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रस्तुति में काशी और कैलाश के दिव्य संबंधों को संगीत और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जो सभी के मन को शांति और आनंद से भर गया।
साथ ही, प्रसिद्ध संगीतकार एम सी योगी का संगीत भी एक आकर्षण का केंद्र था। उनके संगीत ने योगियों और दर्शकों को आन्नदित कर दिया।


By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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