सुशासन माह के रूप में मनाए जाने को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने एनआईसी कक्ष में जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से अभी तक की गई कार्यवाही की जानकारी ली। कहा कि जिन विभागों द्वारा सुशासन माह में कार्य किए गये उनकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। शनिवार को आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी व आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी से सुशासन माह में किये गये कार्यो की जानकारी ली। दोनों अधिकारियों द्वारा न्यून भ्रमण करने पर जिलाधिकारी ने चेतावनी जारी। उन्होंने कहा कि सबसे पहले प्राथमिकता जनता की समस्याओं को सुनना और उनका निस्तारण करना है। जिससे आम जनमानस को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं बाल विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि गांवों के भ्रमण के दौरान कुछ बच्चे कुपोषित मिले। जिलाधिकारी ने बाल विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि जहां-जहां बच्चे कुपोषित मिले हैं और उस क्षेत्र की सुपरवाइजर द्वारा उसका संज्ञान नहीं लिया गया, ऐसे सुपरवाइजरों के खिलाफ कार्यवाही करें।
जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीणों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुने और उनका समाधान मौके पर ही करें। उन्होंने यह भी कहा कि फरवरी माह को सुशासन माह के रूप में मनाए जाने को लेकर सभी विभागीय अधिकारी गांव में रात्रि चौपाल आयोजित कर ग्रामीणों की समस्याएं सुने। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय अधिकारी अपने-अपने विकास कार्यों का निरीक्षण भी करें। कहा कि जिनके द्वारा विकास कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है तो उनके खिलाफ कार्यवाही करें। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जनपद स्तरीय अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्मिकों के कार्यों की मॉनिटरिंग भी करें। उन्होंने कहा किसी कार्मिक द्वारा सही रूप से कार्य नहीं किया जा रहा है तो उनपर भी कार्यवाही अमल में लाई जाए। बैठक में पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद, मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव, जिला पर्यटन अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, एसडीओ वन आईषा बिष्ट, अर्थ एवं संख्याधिकारी राम सलोने सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।