राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने बागेश्वर जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कौसानी के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन कौसानी की प्राकृतिक सौंदर्य और हिमालय की दिव्य छटा को देखा। यहां प्राकृतिक छटा को देख वह अभिभूत हो गए। इस अलौकिक स्थल में अद्भुत शांति, स्वच्छता और सुरम्यता की प्रशंसा की। शुक्रवार को राज्यपाल ने अनासक्ति आश्रम का भ्रमण किया। यह वही आश्रम है, जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने वर्ष 1929 में प्रवास के दौरान अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘अनाशक्ति योग’ की रचना की थी। राज्यपाल ने आश्रम में गांधी जी की स्मृतियों को नमन किया और आगंतुक पुस्तिका में अपने विचार भी अंकित किए।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कौसानी जैसे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं, जिन्हें संरक्षित और संवर्धित करना हम सबका कर्तव्य है। इस दौरान जिलाधिकारी आशीष भटगांई, पुलिस अधीक्षक चंद्र शेखर आरघोड़के, उपजिलाधिकारी प्रियंका रानी और जीतेंद्र वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। गुरुवार की देर शाम राज्यपाल ने यहां अधिकारियों के साथ बैठक की। स्वयं सेवियों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का भी निरीक्षण किया। होटल कारोबारियों ने बताई अपनी पीड़ा कौसानी। कौसानी के होटल कारोबारी भी राज्यापाल से मिले। अध्यक्ष बबलू नेगी ने उन्हें बताया कि कैंची और क्वारब में लगने वाले जाम से कौसानी का पर्यटन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। यहां आने वाले पर्यटक दिनभर जाम में फंसे रहते हैं। जून के महीने में कौसानी पूरी तरह पैक रहता था, लेकिन इस बार बुकिंग 50 प्रतिशत भी नहीं है। इसका मुख्य कारण जाम है। उन्होंने जल्द जाम से निजात दिलाने की मांग की है। इसके अलावा रेडक्रॉस के पूर्व चेयरमैन संजय साह जगाती भी राज्यपाल से मिले। उन्हें एक स्मृति चिह्न भेंट किया।