Haridwar’s ancient temple Bhimgoda damaged, हरिद्वार का पौराणिक मंदिर भीमगोड़ा, मंसादेवी पहाड़ से आये मलबे से क्षतिग्रस्त।
Haridwar’s ancient temple Bhimgoda damaged, damaged by debris falling from the Mansadevi mountain.
कुंड में स्थित स्वयंभू प्राचीन शिवलिंग हो गया टुकड़े टुकड़े।
नेपाल और हिमाचल से तीर्थ यात्री आते हैं पितरों के पिंडदान और तर्पण को।
Haridwar’s ancient temple Bhimgoda damaged, हरिद्वार का पौराणिक संदर्भ रखने वाला प्रख्यात भीमगोड़ा कुंड आज मनसा देवी पर्वत से हुए भूस्खलन के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
भीमगोड़ा कुंड में स्थित एक स्वयंभू प्राचीन ऐतिहासिक शिवलिंग, पहाड़ से मलबे में बड़े पत्थर आने के कारण कई टुकड़ों में विभाजित हो गया।

भीम गोड़ा कुंड शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्थित है इसके आसपास बड़ी रिहायाशी बस्ती भी है लेकिन किसी तरह की कोई जान माल की हानि का समाचार नहीं है।
मनसा देवी पर्वत से गिरने वाले मलबे से पूर्व में भी कई बार इस क्षेत्र में बड़ी क्षति होती रही है किंतु मंदिर को इतनी अधिक क्षति पहली बार पहुंची है भीमगोडा मंदिर के दर्शन स्थलों में गिना जाता है जिसका संदर्भ पांडवों के वनवास काल से बताया जाता है इस आशय का एक शिलालेख भी यहां उपलब्ध है।
कथा है कि गुप्त वनवास के दौरान जब द्रोपदी को प्यास लगी तो भीम ने अपने घुटने से प्रहार कर इस स्थान पर जल स्रोत पैदा कर द्रौपदी की प्यास बुझाई थी।
इस जगह को भीमगोडा तीर्थ भी कहा जाता है जहां पितरों के पिंडदान और तर्पण का भी विधान है खास तौर पर हिमाचल प्रदेश और नेपाल के तीर्थ यात्री यहां आकर अपने पितरों के पिंडदान और स्नान करते हैं।
घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मौका मुआयना कर क्षेत्र को आंशिक रूप से आवागमन के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।