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Heavy landslide in Sonprayag, सोनप्रयाग में भारी भूस्खलन केदारनाथ यात्रा अस्थाई रुप से स्थगित

Heavy landslide in Sonprayag, Kedarnath Yatra temporarily suspended due to heavy landslide in Sonprayag

SDRF द्वारा अभी तक 2874 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया,बचाव कार्य जारी,कोई जनहानि,पशु हानि नहीं।

मुख्य मंत्री ने राहत और बचाव कार्यों को त्वरित गति से संचालित करने यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखने और आवश्यक सहायता तत्काल पहुंचाने के निर्देश दिये।

लगभग 8-10 भवनों में मलबा घुसा,घटना रात 1से 4 बजे भारी वर्षा से घटी- पुनर्वास सचिव

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में भारी पत्थर व मलबा आया।

Heavy landslide in Sonprayag, श्रीकेदारनाथ यात्रा मार्ग पर सोनप्रयाग के आगे लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण आज 26 जुलाई 2025 को सम्पूर्ण मार्ग अवरुद्ध हो गया, जिससे तीर्थयात्रियों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोकनी पड़ी। मार्ग बंद होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्लाइडिंग जोन में फंस गए थे।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए SDRF की टीम ने NDRF, जिला पुलिस एवं PWD के साथ समन्वय स्थापित कर तत्काल राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ किया।

निरंतर चलाए जा रहे इस रेस्क्यू अभियान के अंतर्गत अब तक कुल 2874 श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्लाइडिंग जोन पार कराया जा चुका है, जिनमें 2578 पुरुष, 263 महिलाएं एवं 33 बच्चे शामिल हैं। बचाव कार्य अभी भी जारी है।

रुद्रप्रयाग जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में हुई अतिवृष्टि से उत्पन्न आपात स्थिति से निपटने को राहत और बचाव दल सुबह छह बजे से ही युद्धस्तर पर कार्यरत है।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दोपहर साढ़े तीन बजे तक श्री केदारनाथ धाम की तरफ से आने वाले 1600 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया।

घटना में किसी तरह की जनहानि तथा पशुहानि की सूचना नहीं है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की विस्तृत जानकारी लेते हुए राहत और बचाव कार्यों को त्वरित गति से संचालित करने तथा यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं, साथ ही उन्होंने आपदाग्रस्त क्षेत्रों में ग्रामीणों के लिए सभी आवश्यक सहायता तत्काल पहुंचाने को कहा है।

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने बताया कि बीती रात लगभग 01ः00 बजे से सुबह 04ः00 बजे के मध्य तहसील रुद्रप्रयाग अंतर्गत ग्राम चमेली, रूमसी, चमरारा तोक एवं विजयनगर क्षेत्र में सौड़ी गदेरे और बेडू बगड़ नाले में भारी मात्रा में मलबा व पानी आने के कारण कुछ भवनों, गौशालाओं, शौचालयों और संपर्क मार्गों में कटाव हुआ। लगभग 8-10 भवनों में मलबा घुस गया है।

इसकी सूचना राज्य तथा जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में जैसे ही प्राप्त हुई, राहत और बचाव दलों को तुरंत आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना किया गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रातः 6ः00 बजे से ही आपदा प्रबंधन विभाग के साथ ही राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुट गईं। प्रभावित क्षेत्रों में जेसीबी व अन्य संसाधनों की सहायता से मलबा हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

ग्रामीणों, पशुधन एवं अन्य प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत शिविर स्थापित कर सुरक्षित आवास, भोजन, चिकित्सा एवं आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित कराई जा रही हैं।

वहीं दूसरी ओर, प्रातः लगभग 4ः00 बजे गौरीकुंड में घोड़ापड़ाव से लगभग 50 मीटर की दूरी पर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में भारी पत्थर व मलबा आने की सूचना प्राप्त हुई।

तत्काल जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य संबंधित विभागों की टीमों द्वारा वहां कार्य प्रारंभ किया गया। यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित निकाला गया। अब तक केदारनाथ की ओर से लगभग 1600 यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। लगभग 700 अन्य यात्रियों को निकालने की कार्यवाही जारी है। बंद मार्गों को खोलने का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है। मौसम अनुकूल रहा तो शाम तक सभी मार्गों को खोल दिया जाएगा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से पूरी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने स्वयं राहत कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देशित किया कि राहत एवं पुनर्वास कार्यों में कोई कोताही न हो। सचिव ने कहा कि इस विषम परिस्थिति में राज्य की आपदा प्रबंधन टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजस्व विभाग और जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। उन्होंने पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और उनके कार्यालय द्वारा राहत एवं बचाव अभियान की मॉनिटरिंग की जा रही है। आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है। अब तक की जानकारी के अनुसार, इस आपदा में किसी प्रकार की जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है, जो राहत की बात है। फिर भी सभी क्षेत्रों में टीमों द्वारा गहन निरीक्षण जारी है और आगे की विस्तृत जानकारी प्राप्त होते ही साझा की जाएगी। लोगों से अपील की गई है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी की गई सूचना का ही अनुसरण करें।

आपात स्थिति में नजदीकी राहत केंद्र या कंट्रोल रूम से संपर्क करें।

इस दौरान राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में एसीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ तथा विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद थे।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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