-माननीय मुख्यमंत्री, श्री पुष्कर सिंह धामी जी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, डा साध्वी भगवती सरस्वती जी, कथाकार सुश्री जया किशोरी जी, 50 से भी अधिक देशों से आये योगाचार्यों, योग जिज्ञासुओं और योग एम्बेसडर ने दीप प्रज्वलित कर योग महोत्सव का किया विधिवत उद्घाटन
-अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के प्रथम दिन एम सी योगी, प्रसिद्ध गायक गुरनजर, शिवा रे गौरावाणी की अद्भुत प्रस्तुतियाँ
-उत्तराखंड़ में यूनिफार्म सिविल कोर्ड (समान नागरिक संहिता) लागू करने हेतु माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी को किया सम्मानित
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया गया जिसका विधिवत उद्घाटन उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।
आज सांयकाल माँ गंगा के पावन तट पर 50 से अधिक देशों से आये योग जिज्ञासुओं, योगाचार्यों, योग एम्बेसडर की उपस्थिति में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड, श्री पुष्कर सिंह धामी जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, कथाकार सुश्री जया किशोरी जी ने दीप प्रज्वलित कर अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया।
माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने आयुष, शान्ति, योग, ध्यान, गंगा, पर्वत, ग्लेशियर की दिव्य धरती पर सभी का अभिनन्दन करते हुये कहा कि जी 20 के अवसर पर विश्व के अनेक देशों से आये डेलिगेट्स यहां से अद्भुत अनुभव ले कर गयें। माननीय प्रधानमंत्री भारत, श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये पूरे विश्व के लोगों को आमंत्रित किया है।
हमने उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म की भी शुरूआत की है। इस अवसर पर उन्होंने घाम तापो टूरिज्म (सन साइन टूरिज्म) का उल्लेख करते हुये सभी को चार धाम, जागेश्वर धाम के दर्शन हेतु आमंत्रित किया। चार धाम यात्रा के लिये सभी को आमंत्रित करते हुये पुण्य के भागी होने का संदेश दिया। आगामी कुम्भ व माँ नंदा राजजात यात्रा में सहभाग हेतु भी सभी को प्रेरित किया। उन्होंने कहा उत्तराख्ंाड की भूमि वसुधैव कुटुम्बम् की भूमि हैं यहां से विश्व एक परिवार है का संदेश लेकर जायें।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने हिमालय की दिव्य धरती पर सभी योगाचार्यों व योग जिज्ञासुओं का अभिनन्दन किया। उन्होंने कहा ऋषिकेश योग की वैश्विक राजधानी है। उत्तराखंड, देखने का नहीं आत्मसात करने का स्थान है। यहां के जल, वायु, मृदा और पूरे वातावरण में योग ही समाहित है। यह धरती फ्री होने की है, मुक्त होने की है।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने भारत की ओर से सभी का अभिनन्दन करते हुये कहा कि यह देवभूमि है। यहां पर आना अर्थात माँ गंगा का विशेष आमंत्रण है। इस दिव्य धरती पर प्राचीन काल से ही हमारे ऋषियों ने आकर तपस्या व योग किया। यह ऊर्जा प्रदान करने वाली दिव्य धरती है।
योगाचार्य टोमी रोजन ने कहा कि हम सब एक परिवार है उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम् के मंत्र को दोहराते हुये कहा कि जिस तरह से परमार्थ निकेतन गंगा तट पूरे विश्व को आमंत्रित कर एक दिव्य मंच प्रदान करता है जहां सब आकर अपने स्व से जुड़ सके यह अद्भुत है।
योगाचार्य शिवा रे ने कहा कि पूज्य स्वामी जी और पूज्य साध्वी जी के सान्निध्य में बैठना ही शान्तिदायक और सौभाग्य का विषय है।
योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती जी, योगाचार्य गुरमुख कौर, योगाचार्य गुरुशब्द सिंह, योगाचार्य टॉमी रोसेन, योगाचार्य किया मिलर, योगाचार्य एरिका राचेल कौफमैन, योगाचार्य सियाना शर्मन, योगाचार्य संदीप देसाई, योगाचार्य, आनंद मेहरोत्रा, योगाचार्य इरा त्रिवेदी, योगाचार्य हर हरी सिंह खालसा, योगाचार्य स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट, योगाचार्य मारिया अलेजांद्रा अवचारियन, योगाचार्य निकोलस जियाकोमिनी, योगाचार्य आदील पल्खिवाला, योगाचार्य आर्विका गुप्ता, योगाचार्य अक्षय जैन, योगाचार्य अमिश शाह, योगाचार्य एंड्रयू सीली, योगाचार्य अनुराधा रमनोवा, योगाचार्य आयुष गुप्ता, योगाचार्य ब्रैंडन बेज, योगाचार्य दासा दास (आलन अलसिड), योगाचार्य डॉ. एडिसन विक्टर दे मेलो, योगाचार्य डॉ. गणेश रावजी, योगाचार्य डॉ. कृष्ण पंकज नाराम, योगाचार्य डॉ. विग्नेश देवराज, योगाचार्य डॉ. योगऋषि विश्वकेतु, योगाचार्य गंगा नंदिनी, योगाचार्य हर्षवर्धन सराफ, योगाचार्य जानवी क्लेयर मिसिंघम, योगाचार्य जय हरी सिंह (फ्रांकोइस वालुएट), कृष्णाप्रिया, कुमारजी बगड़िया, मीराबाई स्टार, राधिका दास, राधिका गुप्ता, रोहिनी मनोहर, रुजुता दिवाकर, सांद्राबार्न्स, शिवा रिया, स्वामी स्वात्मानंदजी, सुबाह सराफ, रामकुमार, जैक बुश, डॉ. इंदु शर्मा, मिका एला एर्रॉयो (मिका एला मोंटसेरात एर्रॉयो एस्काजेडा), डॉ. पद्मनायनी गधीराजू, मोहन भंडारी, राधिका नागरथ, गायत्री योगाचार्य, योगीराज स्वामी जयंत सरस्वती, हंसा जयदेवजी, दर्शना, निशि भट्ट और डॉ. आशीष गिलहोत्रा आदि अनेक योगाचार्यो के मार्गदर्शन आयोजित योग महोत्सव।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव, परमार्थ निकेतन में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेलारूस, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, क्रोएशिया, डेनमार्क, इक्वाडोर, फ्रांस, जर्मनी, घाना, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड, इजराइल, इटली, जापान, लेबनान, लिथुआनिया, मेक्सिको, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, पेरू, पुर्तगाल, रोमानिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, उरुग्वे, नार्वे आदि कई देशों के प्रतिभागियों की गरिमामयी उपस्थिति।
विशेष योगाभ्यास में – प्रातः 4ः30 बजे से रात 9ः30 बजे तक होगी, जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, आयंगार योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, गंगा योग, ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी, लीला योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, डीप योग, नाड़ी योग एवं भारतीय दर्शन, डाॅस आफ प्राण, द रूट आफ यम, योग राग, सूर्योदय नाद, श्रीकृष्ण बांसुरी राग, कास्मिक हार्ट संगीत योग की विभिन्न विधायें सम्पन्न हो रही है।


By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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