Juna Akhara, डॉन पीपी पांडे को जेल के भीतर संन्यासी बनाये जाने के मामले पर जूना अखाड़े ने बनाई सात सदस्यीय जांच समिति।
Juna Akhara, formed a seven-member inquiry committee on the matter of making Don PP Pandey a sanyasi inside the jail.
अखाड़े की प्रतिष्ठा दांव पर, अनियमितता की जांच होगी।
समिति तीन महीने में अखाड़े के समक्ष प्रस्तुत करेगी रिपोर्ट।
Juna Akhara, हरिद्वार अंतरराष्ट्रीय डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को सन्यासी बनाए जाने के मामले पर अखाड़े द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मामले को श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े ने अत्यंत गंभीरता से लिया है।
Juna Akhara, कल शनिवार को नगीना में जूना अखाड़े की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस विषय पर गंभीर विचार विमर्श करने के पश्चात इस मामले की जांच हेतु अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरि गिरि ने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत प्रेमगिरी की अध्यक्षता में सात सदस्य समिति का गठन कर दिया है।
इस समिति में राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत केदारपुरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्री महंत नारायण गिरी ,राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी बागेश्वर अल्मोड़ा जूना अखाड़े के श्रीमहंत शंकर गिरी व श्री महंत पुष्कर राजगिरी तथा श्री ।महंत निरंजन गिरी महाराज को मनोनीत किया गया है ।
Juna Akhara, श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने बताया यह समिति इस पूरे प्रकरण की प्रत्येक पहलू से जांच करेगी जिसमें किसी भी प्रकार की संलिप्तता, लेनदेन के अलावा इसके पीछे के मूल उद्देश्य व भावना की भी गहन जांच पड़ताल करेगी। समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट कार्यकारिणी के सम्मुख प्रस्तुत करेगी। जिस पर केंद्रीय कार्यकारिणी में विचार विमर्श कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
Juna Akhara, सवाल ये है कि इतनी बड़ी अनियमितता के बावजूद अखाड़ा कौन सी अनियमितता की जांच करना चाहता है, क्या पीपी का चरित्र परिक्षण करेगा, या फिर संन्यास देने वालों की मानसिक स्थिति की समीक्षा करेगा या फिर लाभ हानि का आंकलन करेगा ?
बहरहाल अखाड़े ने अपनी प्रतिष्ठा तो दांव पर लगा ही दी है, और फिर जब गोल्डन बाबा दीक्षित हो सकता है तो पीपी को संन्यासी बनाया जाना भी तीन महीने बाद लोगों के गले उतर ही जायेगा।
Juna Akhara, कुम्भ मेलों में संतो की चरण रज लेने को विह्वल होते श्रद्धालुओं की आस्था का क्या होगा और फिर अभी तक तो जेल के भीतर हुए जश्न पर शासन प्रशासन भी मौन है, सम्भवतः अखाड़ा भी ऊंठ की करवट का इंतजार कर रहा हो, Juna Akhara