Kanwad mela sampann,12दिन बाद,भगवान शिव के जलाभिषेक के साथ कांवड मेला सम्पन्न।
12 दिन में चार करोड़ सात लाख कांवड़ियों ने हरिद्वार से उठाई कांवड़।
पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त प्रेसवार्ता कर कांवड मेले के समापन की घोषणा की।
एसएसपी के साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने दक्ष मंदिर में किया भगवान शिव का जलाभिषेक।
Kanwad mela sampann, 4 जुलाई से 15 जुलाई तक कुल चार करोड़ सात लाख कांवड़ियों के कांवड़ उठाने के मध्य चले प्रशासनिक व्यवस्थाओं और आतिथ्य वाले कांवड मेले के विधिवत समापन की कल सांय सीसीआर में एक प्रेसवार्ता कर जिलाधिकारी धीरज सिंह गबर्याल और एसएसपी अजय सिंह ने घोषणा की।
Kanwad mela sampann,एसएसपी अजय सिंह ने कहा,भगवान शिवशंकर पर जलाभिषेक के साथ ही आप सभी लोगों के सहयोग एवं आपसी समन्वय से कांवड़ मेला निर्विघ्न विधिवत समापन हो गया है।
उन्होंने कहा,इस कांवड़ मेले में हरिद्वार की आम जनता, व्यापारी, पत्रकार बंधु एवं राज्य एवं जनपद स्तर के सभी विभागों का अपना-अपना पूर्ण योगदान रहा है, मेला सकुशल संपन्न होने के बाद एसएसपी अजय सिंह ने अपने महकमे के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ कनखल दक्ष मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया।
Kanwad mela sampann, हरिद्वार के जिलाधिकारी धीरज सिंह गबर्याल ने भी सभी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही पत्रकारों के सकारात्मक सहयोग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा सबके सहयोग के बिना इस चुनौती को पार करना मुश्किल था, हालांकि कांवड मेले की प्रशासनिक अवधि के बीच ही अतिवृष्टि और बंधा टूटने से आई बाढ ने जिला प्रशासन को दोहरे दायित्वों के बीच फंसाये रखा।
Kanwad mela sampann, इस विशाल मेले मे पुलिस/प्रशासन द्वारा अपने सभी संसाधनों के माध्यम से छुटपुट घटनाओं को छोड़कर मां गंगा एवं शिव शंकर की कृपा से निर्विघ्न सकुशल संपन्न कराने में सफलता प्राप्त की है।
पुलिस के अनुसार प्रशासनिक व्यवस्थाओं वाले कांवड मेले के अंतिम दिन 15 जुलाई को 10,00,000 (दस लाख) कांवड़ियों ने जल भरा।
पुलिस के अनुसार मेले में खोए हुए श्रद्धालुओं की संख्या जिन्हे ढूंढकर उनके परिजन से मिलाया गया- 667 है और
कांवड़ मेले में डूबने से अब तक 64कावडियों को बचाया गया।
लोगों को गंगा में डूबने से बचाने में पुलिस की कम, एसडीआरएफ की भूमिका ज्यादा रही।
Kanwad mela sampann, बहरहाल प्रशासनिक व्यवस्थाओं वाले कठोर चुनौतियों से भरे कांवड़ मेले की कमान संभालने वाले दोनों ही नवनियुक्त अधिकारियों जिलाधिकारी धीरज सिंह गबर्याल और एसएसपी अजय सिंह के पास पहले किसी ऐसे मेले को सम्भालने का कोई अनुभव नहीं था,जो मेले के शुरुआती दौर में डरावना और आशंकाओं से भरा भी लग रहा था लेकिन डीजीपी अशोक कुमार जो कई कांवड़ मेलों और कुंभ मेलों की कमान सम्भाल चुके हैं, उनके अनुभव मेले में रामबाण सिद्ध हुए।
और निश्चित रूप से एसएसपी अजय सिंह की खुले दिल से प्रशंसा जरुर करनी होगी, एसएसपी अजय सिंह ने दिन रात खुद भी मेहनत की और तमाम महकमे को भी सक्रिय रखा, तानाशाह अधिकारी बने बैठे रहने की जगह सामान्य सिपाही की तरह हर स्थिति को देखा और सम्भाला,उन महिला अधिकारीयों की भी बहुत प्रशंसा करनी होगी जिन्होंने एसएसपी अजय सिंह के कंधे से कंधा मिलाकर दिन रात काम किया।
बाढ़ जैसी आपदा के बीच आपा न खोने के लिए सभी को साधुवाद तो दिया ही जाना चाहिए, एमएनए दयानंद सरस्वती भी पूरी मुस्तैदी से अपने फील्ड में काम करते हुए दिखाई देते रहे।
Kanwad mela sampann, ये बात भी निश्चित है कि जिलाधिकारी धीरज सिंह गबर्याल और एसएसपी अजय सिंह को इस कांवड मेले को सम्भालने का अनुभव बहुत काम आने वाला है।
प्रशासनिक व्यवस्थाओं वाला कांवड़ मेला भले ही सम्पन्न हो गया है, लेकिन भक्ति भावना वाला कांवड़ मेला अभी छुटपुट ही सही अभी जारी रहने वाला है,श्रावण मास के पन्द्रह दिन और पुरुषोत्तम मास के श्रावण का एक महिना अभी बाकी है जिसमें धर्म कर्म का मेला अभी चलता रहेगा, बस नहीं होगी तो कांवड़ियों की सेवा पूजा, पुष्प वर्षा और बिछे हुए पलक पांवड़े, बस अब आईये जल भरिये और जाईये। हर-हर महादेव 🙏
Kanwad mela sampann।