Kedarnath Yatra rescue operations, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आये मलबे और बरसात के बीच चार दिन से बचाव कार्य जारी, सुरक्षित बचाये गये 2179 यात्री।

Kedarnath yatra rescue operations, continued for four days amidst debris and rain on the Kedarnath Yatra route; 2179 pilgrims were rescued safely.

SDRF, NDRF के जवानों ने वैकल्पिक मार्ग बना, सुरक्षित बचाये दुधमुंहे बच्चे और यात्री

Kedarnath Yatra rescue operations, श्रीकेदारनाथ यात्रा मार्ग पर सोनप्रयाग से गौरीकुंड के मध्य मुनकटिया क्षेत्र में निरंतर वर्षा एवं बोल्डरों के गिरने के कारण 29 जुलाई 2025 को मार्ग पूर्णतः अवरुद्ध हो गया था।

गौरीकुंड से आगे प्रभावित क्षेत्र में फंसे यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से सुरक्षित निकालने के लिए रवाना हुई एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों द्वारा पूर्व में निर्मित पैदल वैकल्पिक मार्ग भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद भी, एक नवीन वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कर स्थानीय पुलिस के सहयोग से श्री केदारनाथ से लौट रहे श्रद्धालुओं को संवेदनशील क्षेत्र से सकुशल पार कराया गया।

मार्ग पर निरंतर गिर रहे पत्थरों के कारण मलबा हटाने की प्रक्रिया में अत्यधिक बाधाएं आ रहीं थीं फिर भी वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों ने अपने जीवन की परवाह न करते हुए 30 जुलाई की देर शाम तक बचाव अभियान के अंतर्गत शाम 4 बजे तक SDRF टीम द्वारा कुल 1088 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें 855 पुरुष, 204 महिलाएं एवं 29 बच्चे सम्मिलित हैं।
31 जुलाई को भी पूरे दिन गिरते मलबे के बीच बचाव कार्य जारी रहा और शाम तक सुरक्षित बचाये गये यात्रियों की संख्या जिनमें
पुरुष = 1678
महिलाएं =414
बच्चे = 87 शामिल हैं अपने गंतव्य तक पहुंचाये गये हैं बचाये गये इन यात्रियों में दुधमुंहे बच्चे भी शामिल हैं,आज चौथे दिन भी सोनप्रयाग से sdrf टीम गौरीकुंड मैं फंसे यात्रियों को पार कराने हेतु पुनः रवाना हो गई है।

SDRF समस्त यात्रियों से अनुरोध करता है कि यात्री मौसम की स्थिति एवं प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें । देखें वीडियो 👇🏻

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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