🌸मुफ्त में आँखों की जाँच, मधुमेह की जाँच, आँखों का नंबर और धूप के चश्में किये वितरित
✨लाखों श्रद्धालुओं के आँखों की जाँच हुई
🌺स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस अद्भुत पहल के लिये डा नरेश त्रेहन, गुड़गांव और डा निशांत कुमार, मुम्बई को दिया धन्यवाद
💥परमार्थ निकेतन शिविर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को वितरित किया कपडे़ के सुन्दर थैले ताकि महाकुम्भ प्लास्टिक मुक्त रहे
🌸स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने महाकुम्भ के इस अद्भुत आयोजन हेतु माननीय प्रधानमंत्री भारत, श्री नरेन्द्र मोदी जी, माननीय मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश, श्री योगी आदित्यनाथ जी, पूरा उत्तरप्रदेश शासन, प्रशासन, मेला प्रशासन, स्वच्छता कर्मी, सुरक्षाकर्मियों के प्रति व्यक्त किया आभार
✨परमार्थ निकेतन शिविर, प्रयागराज में मेदांता द मेडेसिटी द्वारा महाकुम्भ में चिकित्सा सेवाओं का शानदार योगदान

प्रयागराज, 27 फरवरी। महाकुम्भ के दिव्य अवसर पर परमार्थ निकेतन शिविर में आयोजित मेदांता द मेडेसिटी द्वारा लाखों श्रद्धालुओं को चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की गईं। यह पहल न केवल एक चिकित्सकीय मिशन थी, बल्कि इसने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक मील का पत्थर स्थापित किया है।

मेदांता द मेडेसिटी, जो देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक है, ने इस महाकुम्भ के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन व आशीर्वाद से परमार्थ निकेतन शिविर में विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं और एम्बूलेंस की व्यवस्था की।
वही दूसरी ओर परमार्थ निकेतन, शिविर में श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएँ, आँखों की जाँच, मधुमेह की जाँच और आँखों के नंबर की जांच की गई। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को धूप से बचाव के लिए मुफ्त में धूप के चश्में भी वितरित किए गए। इन पहलुओं से महाकुम्भ में लाखों श्रद्धालुओं को फायदा पहुँचाया जिससे यह आयोजन उनके लिये और यादगार बना गया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस पहल को लेकर मेदांता द मेडेसिटी के डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया और कहा, यह एक अद्भुत पहल है और इस पहल के माध्यम से लाखों श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखा गया। स्वामी जी ने विशेष रूप से डॉ. नरेश त्रेहन, डॉ. निशांत कुमार और पूरी टीम को धन्यवाद दिया। जिन्होंने इस चिकित्सा सेवाओं को महाकुम्भ में उपस्थित श्रद्धालुओं तक पहुँचाया। उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने शिविर के सभी श्रद्धालुओं को महाकुम्भ के दौरान प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत कपड़े के सुंदर थैले वितरित किए। यह पहल पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से की गई, ताकि महाकुम्भ के इस बड़े आयोजन को प्लास्टिक मुक्त रखा जा सके और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में एक कदम और बढ़ाया जा सके। इस पहल के द्वारा महाकुम्भ में उपस्थित श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के बजाय पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान किए गए।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने महाकुम्भ के इस अद्भुत आयोजन के लिए माननीय प्रधानमंत्री भारत, श्री नरेन्द्र मोदी जी और माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी, उत्तर प्रदेश सरकार, प्रशासन, मेला प्रशासन, स्वच्छता कर्मी और सुरक्षाकर्मियों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुये कहा कि महाकुम्भ में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने सुरक्षा व स्वच्छता की व्यवस्थाओं की सराहना की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ-साथ सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनका समर्पण और रातदिन की मेहनत से महाकुम्भ, सभी के जीवन में यादगार बन पाया। स्वामी जी ने महाकुम्भ के आयोजन कि लिये सभी जिम्मेदार संस्थाओं के योगदान की प्रशंसा की।
इस बार का महाकुम्भ समाज में एकजुटता, परस्पर सहयोग और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के प्रतीक के रूप में उभरा है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी से विनम्र निवेदन किया कि भविष्य महाकुम्भ व ऐसे बड़े आयोजनों को प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं और पर्यावरण को बचाने के लिए हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने महाकुम्भ की सफलता के लिये पुनः पूरे प्रशासन और श्रद्धालुओं का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने प्रशासन का सहयोग किया और विश्वास बनाये रखा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने महाकुम्भ के दौरान रात-दिन सजगता से कार्य कर रही देश-विदेश की मीडिया को धन्यवाद देते हुये कहा कि मीडिया की सजगता व कर्तव्यनिष्ठा से पूरी दुनिया को इस अद्भुत महोत्सव के दर्शन हो पाये।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *