हरिद्वार।उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी की प्रेरणा एवं कुलपति प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी एवं कुल सचिव रामजीशरण शर्मा के निर्देशन में उत्तराखंड को आयुष प्रदेश बनाने हेतु आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को स्थापित करने हेतु आयुर्वैदिक चिकित्सकों के ज्ञान संवर्धन के लिए निरंतर आयोजित संभाषाओ की श्रृंखला में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गुरुकुल परिसर के सभागार में शल्य तंत्र विभाग, आरोग्य भारती उत्तराखंड, महर्षि आयुर्वेद फार्मेसी के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय वर्कशॉप का सफल आयोजन किया गया। वर्कशॉप का शीर्षक स्पाइनल एनेस्थीसिया और सीपीआर था, जिस से संबंधित एक्सपर्ट ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।

वर्कशॉप का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से किया गया । इसके बाद विशिष्ट अतिथि ओर हरिद्वार के वरिष्ठ एनेस्थेटिस्ट डॉ राकेश भारती ने स्पाइनल एनेस्थीसिया पर अपना व्याख्यान दिया और बारीकियों पर अपना अनुभव साझा किया।

दूसरे विशिष्ट अतिथि हरिद्वार के सबसे पुराने ओर अनुभवी एनेस्थेटिस्ट डॉ अनिल वर्मा ने सीपीआर पर अपने 28 वर्षों के अनुभव को सभी से साझा किया। उन्होंने इसके महत्व को समय के सापेक्ष बताते हुए बताया कि कैसे सीपीआर से किसी रोगी की जान बचाई जा सकती है ।

डॉ ज्ञानेंद्र शुक्ला ने विशिष्ट आयुर्वेद औषधि भंगा के व्यावहारिक उपयोग को बताते हुए बताया की भंगा को उचित रूप प्रयोग करके जीर्ण ओर याप्य बीमारियों को साध्य किया जा सकता है।

डॉ राजीव कुमार ने वेलकम नोट बोलते हुए बताया कि कैसे गुरु के अनुभव का पालन करके चिकित्सा क्षेत्र में त्रुटियों को दूर किया जा सकता है।

कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डॉ देवेश शुक्ला ने मानव कल्याण के लिए कार्यरत आरोग्य भारती उत्तराखंड की ओर से सभी रोगियों ओर छात्र छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की ।

परिसर निदेशक प्रो अवधेश मिश्रा ने गुरुकुल परिसर चिकित्सालय की विशिष्टता के बारे में बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की विशेष चिकित्सा विधियों का लाभ सभी रोगी उठा रहे है और ये गुरुकुल चिकित्सालय के विभिन्न अनुभवी चिकित्सको की स्वस्थ परम्परा में शामिल है जो हमेशा रोगियों के लाभ के लिए जारी रहेगी।

प्रो सुनील गुप्ता ने अपने अनुभव को छात्र छात्राओं से साझा करते हुए बताया कि वर्कशॉप में सिखा गया ज्ञान न सिर्फ उन्हें अनुभवी चिकित्सक बनाएगा बल्कि रोगियों को विशेष चिकित्सा प्रदान करने का अवसर भी प्रदान करेगा ।

अंत में डीन उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रो पंकज कुमार शर्मा ने सभागार में सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और शल्य तंत्र विभाग की रोगियों के प्रति कर्मठता का भाव ओर ज्यादा सुदृढ़ करने का आश्वासन दिया।

डॉ राजीव कुरेले ने इस आयोजन को अनिवार्य बताते हुए कहा कि ऐसे वर्कशॉप ही पुराने ज्ञान ओर नई तकनीक का सम्मिश्रण कर रोगियों को नवीनतम चिकित्सा उपलब्ध करा सकते है। इस अवसर पर प्रो गिरिराज प्रसाद गर्ग, प्रो उत्तम कुमार शर्मा , प्रो रामकुमार गौतम, डॉ पुनीता पांडेय, डॉ मयंक भटकोटी ने भी अपने आशीर्वचनों से युवा चिकित्सकों ओर शोधार्थी छात्र छात्राओं को गाइड किया ।

इस अवसर पर डॉ दीपशिखा, डॉ गरिमा, डॉ अजय, डॉ पुष्पा , डॉ शशिभूषण, डॉ कनिका, डॉ वंदना, ओर अन्य सभी शोधार्थी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे तथा सभी को औषधि किट वितरण किया गया।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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