श्रावणी कांवड मेले की तैयारियां शुरू,नये जिलाधिकारी बडी चुनौती।
नवनियुक्त जिलाधिकारी ने 4 जुलाई से शुरू होने वाले कांवड मेले के लिए कसी कमर।
श्रावणी कांवड मेला, प्रशासनिक व्यवस्थाओं और नियंत्रण की दृष्टि से कठिन चुनौती भरा आयोजन होता है।
4 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावणी मेले के लिए हरिद्वार जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है।
मेले की तैयारियों के लिए लगभग केवल सवा महीने का समय बाकी बचा है और उस पर संयोग वश हरिद्वार में नये जिलाधिकारी धीरज सिंह गबर्याल ने दो दिन पहले ही अपना कार्य भार संभाला है उनके लिए ये समय उनके कार्यकाल के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
इस समय में उन्हें केवल अपने आंख,कान ही खुले नहीं रखने होंगे बल्कि विवेक और चेतना की लगाम भी थाम कर रखनी होगी।
आज हरिद्वार में
जिलाधिकारी धीरज सिंह गबर्याल ने तमाम उपजिलाधिकारयों से अपने-अपने एरिया के कांवड़ मेला क्षेत्र का पूरा दौरा करते हुये अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि
सभी विभाग कांवड़ मेले से सम्बन्धित जो भी कार्य सम्पन्न होने हैं, उनका टेण्डर एक सप्ताह के भीतर अवश्य करा लें।
सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में 4 जुलाई से शुरू होने वाले कांवड़ मेला-2023 के सम्बन्ध में एक बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने भी मौजूद थे कांवड मेला पुलिस के लिए बडी अग्नि परीक्षा होती है
अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पी0एल0 शाह ने स्लाईड शो के माध्यम से कांवड़ मेला-2023 के एजेण्डा बिन्दुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा यह भी जानकारी दी कि सभी विभागों ने कांवड़ मेले से सम्बन्धित अपने-अपने विभागों के कार्य का व्यय आकलन प्रस्तुत कर दिया है, जिसे स्वीकृति के लिये शासन को प्रेषित कर दिया गया है।
बैठक में जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कांवड़ पट्टी/गंगनहर पट्टी मार्ग की मरम्मत सहित झाड़ी कटान, घाटों की सफाई व जंजीर व्यवस्था पर विशेष चर्चा की।
जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा कि पूर्व में पार्किंग के सम्बन्ध में दिये गये निर्देशों के क्रम में पार्किंग के टेण्डर करते समय उसमें शौचालय, विद्युत आदि की व्यवस्था भी शामिल करना सुनिश्चित करें तथा पार्किंग में कहां पर प्रवेश द्वार, कहां पर निकास द्वार होगा आदि के सम्बन्ध में पुलिस तथा सम्बन्धित विभागों के साथ सामंजस्य स्थापित करना सुनिश्चित करें। इस पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि कावंड़ पट्टी के पैच वर्क प्रारम्भ कर दिये गये हैं।
जिलाधिकारी ने बैठक में वन विभाग के अधिकारियों से कांवड़ मेले के दौरान हिल बाई पास, चीला मार्ग के उपयोग, जंगली जानवरों से सुरक्षा तथा चण्डीदेवी, मनसा देवी फुटपाथ की मरम्मत के सम्बन्ध में चर्चा की।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कांवड़ मेले के दौरान हिल बाई पास के उपयोग की प्रक्रिया तथा चण्डीदेवी, मनसा देवी फुटपाथ की मरम्मत सहित सभी कार्य ससमय पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
बैठक में जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कांवड़ मेला क्षेत्र में सभी जगह समुचित प्रकाश व्यवस्था गत वर्ष कांवड़ मेले की तरह, जहां पर भी आवश्यक हो, करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने पेयजल की व्यवस्था का उल्लेख करते हुये जल संस्थान, पेयजल निगम के अधिकारियों से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र, श्रद्धालुओं, कांवड़ियों के विश्राम स्थल, कांवड़ पट्टी सहित विभिन्न पार्किंग स्थलों में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था करें तथा कहीं पर भी पीने के पानी की कमी नहीं होनी चाहिये।
उन्होंने नगर निगम हरिद्वार तथा रूड़की को निर्देशित किया कि सम्पूर्ण नगर निगम क्षेत्रों में साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था आदि पर विशेष ध्यान सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी से सम्पूर्ण कांवड़ मेला क्षेत्र में कितने मेडिकल कैम्प स्थापित किये जायेंगे, मेले के दौरान एम्बुलेंस की व्यवस्था, सरकारी तथा निजी अस्पतालों की संख्या तथा उनमें बिस्तरों की संख्या, दवा की व्यवस्था आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली तथा निर्देशित किया कि कांवडियों के आने की संभावना के अनुसार मेडिकल व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त रखा जाये।
जिलाधिकारी ने स्नेक बाइट की घटनाओं को ध्यान में रखते हुये इस तरह के इलाज की भी समुचित व्यवस्था मेले के दौरान रखने के निर्देश दिये। ।
श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से पूछा कि कांवड़ पट्टी के कुल कितने मार्ग हैं, इस पर अधिकारियों ने बताया कि कांवड़ पट्टी के कुल आठ मार्ग हैं, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कांवड़ पट्टी व सम्पूर्ण कांवड़ मेला क्षेत्र में झाडी कटान सहित सड़कों के समतलीकरण पर विशेष ध्यान दें।
उन्होंने पूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कांवड़ मेले के दौरान ओवर रेटिंग पर विशेष ध्यान देंगे तथा स्थापित दुकानों में रेट लिस्ट अवश्य लगी हो इसकी व्यवस्था करेंगे तथा खाद्य सामग्री की आपूर्ति कहीं पर भी बाधित नहीं होनी चाहिये।
बैठक में पुलिस व्यवस्था, खाद्य सुरक्षा, पर्यटन, गंगा संरक्षण ईकाई से सम्बन्धित कार्य आदि के सम्बन्ध में भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
नवनियुक्त जिलाधिकारी ने बैठक में जनपद के उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपनी-अपनी एरिया के कांवड़ मेला क्षेत्र का पूरा दौरा करते हुये अपनी रिपोर्ट देना सुनिश्चित करें।
उन्होंने सम्बन्धित सभी विभागों के अधिकारियों को ये भी निर्देश दिये कि वे शासन को प्रेषित किये गये कांवड़ मेले में होने वाले व्यय आकलन की स्वीकृति की प्रत्याशा में अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित जो भी कार्य सम्पन्न होने हैं,उनका टेण्डर एक सप्ताह के भीतर अवश्य करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने कहा, यहां जितने भी अधिकारी उपस्थित हैं, वे सभी अनुभवी हैं तथा उन्होंने विगत वर्ष का कांवड़ मेला भी सम्पन्न कराया है तथा मैं आशा करता हूं कि जिस तरह विगत वर्ष कांवड़ मेले में सभी विभागों के अधिकारियों ने आपसी समन्वय स्थापित करते हुये समर्पित भाव से कांवड़ मेले को सम्पन्न कराया था, उसी समर्पित भाव से वे आगामी कावंड मेला़-2023 को भी सम्पन्न कराने में अपना सर्वोत्तम योगदान देंगे।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, सचिव एचआरडीए उत्तम सिंह चौहान, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की अभिनव शाह, संयुक्त मजिस्ट्रेट भगवानपुर आशीष मिश्रा, एसडीएम पूरण सिंह राणा, सिटी मजिस्ट्रेट सुश्री नूपुर वर्मा, एसडीएम लक्सर गोपाल राम बिनवाल, एमएनए रूड़की विजयनाथ शुक्ल, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण स्वप्न किशोर सिंह, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण विक्रम सिंह, डीएफओ मयंक शेखर झा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर मनीष दत्त, एआरटीओ सुश्री रश्मि पन्त एवं श्री रत्नाकर, जीएमडीआईसी सुश्री पल्लवी गुप्ता, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान मदन सेन, जिला पर्यटन अधिकारी सुरेश यादव, जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी मुकेश कुमार आपदा प्रबन्धन अधिकारी सुश्री मीरा रावत, डीओपीआरडी मुकेश भट्ट, लोक निर्माण, ईओ-मंगलौर, सुल्तानपुर, झबरेड़ा, पाण्डली गुर्जर, लण्ढौरा, ईमलीखेड़ा, भगवानपुर, शिवालिक नगर सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अच्छे से हो जाएगा हम ऐसी कामना करते हैं 🙏