चिन्यालीसौड़ में गुलदार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिला को बनाया शिकार
हरिद्वार की कालोनी में लैपर्ड और हाथी घूमते हैं दिन दहाड़े।
जब मुख्यमंत्री उत्तराखंड जंगली जानवरों के हमले से बचने की कारगर व्यवस्थाओं के आदेश दे रहे थे उसी दौरान उत्तरकाशी जनपद के चिन्यालीसौड़ में एक गुलदार एक महिला को अपना शिकार बना चुका था।
गुलदार ने बीमणी गांव के पास जंगल में घास काटने गई महिला को अपना शिकार बना डाला।
मृतक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कार्य करती थी।
इसी दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जंगली जानवरों के हमलों की घटनाओं को रोकने के लिये कारगर व्यवस्था बनाये जाने के निर्देश प्रमुख वन संरक्षक को दिये,उन्होेंने कह ऐसी घटनायें फिर न घटित हो इसके लिये भी प्रभावी कार्यवाही करने को कहा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सांय प्रदेश में हाल ही में पौड़ी व सहसपुर आदि स्थानों पर आदमखोर बाघ/गुलदार द्वारा किये गये हमले में हुई बच्चे व अन्य लोगों की मृत्यु पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिये प्रभावी व्यवस्था बनाये जाने के निर्देश दूरभाष पर मुख्यमंत्री ने प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक को दिये।
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में वन राजस्व व पुलिस विभाग से समन्वय कर ऐसी घटनाओं को रोकने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगली जानवरों द्वारा किये जा रहे हमलों से लोगों की जानमाल की रक्षा करना वन विभाग का दायित्व है। इस संबंध में विभागीय स्तर से कार्यवाही करने के आदेश दिए।
गुलदार,बाघ,हाथी और नील गाय के हमलों की गम्भीर घठनाऐं लगातार बनी हुई है इनमें गुलदार के हमले ज्यादा गम्भीर माने जाते हैं हालांकि हाथियों के हमले भी बहुत गम्भीर रूप ले लेते हैं अगर बात करें सरकारी बचाव के प्रयासों की तो टिहरी और पौडी डिविजन में 2015-2016 में लिविंग विद लैपर्ड “गुलदार की दगडिया” प्रोग्राम शुरू किया गया साल 2020 में नरेन्द्रनगर, और 2022 में पिथौरागढ़ फारेस्ट डिविजन में छ वर्ष में चार डिविजन लिविंग विद लैपर्ड योजना में कवर किये गये थे।
टिहरी और पिथौरागढ़ में इस योजना को सफल भी कहा गया लेकिन पौडी में योजना असफल रही।
एक अनुमान के अनुसार 2021से 2022 तक राज्य में 76 गुलदारों को मानव जीवन के लिए खतरा मानते हुए मारा भी गया पिछले साल
2022 मे तीन गुलदार मारे गए
इस साल पौढ़ी के चौबट्टाखाल के पांथर गांव में गुलदार ने पुष्पा देवी को बुरी तरह घायल किया ऋषिकेश एम्स में अल्मोड़ा का सोशल मीडिया पर वायरल विडियो में गुलदार को दो महिलाओं के पीछे भागते सबने देखा था।
2006 से ,2009 तक टिहरी में 37 मानव पर लैपर्ड के हमले की घटनाएं हुई, हालांकि रोकथाम के लिए कई प्रयत्न किये जाते रहे हैं लेकिन ये प्रयास ना काफी है,सोलर फैंसिंग के नाम पर लापरवाही से कुछ तारें लटका दी गई लेकिन पहली बात तो पूरे क्षेत्र आछादित नहीं किये गये,थोडा सा एरिया कवर करने की औपचारिकता कर बाकी क्षेत्रों को खुला छोड़ दिया गया।
हरिद्वार की पाॅश कालोनी में लैपर्ड घरों से पांच से दस फुट की दूरी पर बैठे आराम से देखे जा सकते हैं, और हाथियों का तांडव दो दिन दहाड़े भी चलता है, पूरी कालोनी की सड़कों पर दौड लगाते हाथियों से कालोनी निवासियों को सुरक्षा देने का कभी कोई उपाय नहीं किया गया, जबकि कालोनी के बगल में ही वन विभाग कार्यालय है, बार बार मांग के बाद भी जंगल और कालोनी के बीच दिवार नहीं बनाई गई।
सोलरफैंसिंग, एलफेंट प्रूफट्रैंच, वन्यजीव रोधी दिवारें,सोलर लाइट आदि कई कुछ भी उपाय कभी नहीं किए गए।