puja in parmarth Niketan उत्तराखंड, अल्मोड़ा में हुई बस दुर्घटना एक दर्दनाक हादसा है, जिसने पूरे पहाड़ को दहला दिया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस हृदय विदारक घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये कहा कि पहाड़वासियों का दर्द पहाड से भी बड़ा है ऐसे में अल्मोड़ा में घटित बस दुर्घटना ने पूरे पहाड़ को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे में 36 यात्रियों की असमय मृत्यु हो गई और 6 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। यह त्रासदी न केवल पीड़ित परिवारों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए गहरा आघात है। puja in parmarth Niketan

  1. उत्तराखंड, अल्मोड़ा, बस दुर्घटनाग्रस्त से हुये हादसे ने पूरे पहाड़ को दहला दिया
  2. इस दुखद बस दुर्घटना पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने गहरी संवेदना व्यक्त की

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puja in parmarth Niketan स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि इस दुःख की घड़ी में हम उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। हमारी प्रार्थनाएँ और संवेदनाएँ सभी प्रभावित परिवारों के साथ हैं। इस दुखद घटना में उन परिवारों ने जो खोया है,

उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती, लेकिन हम सब मिलकर अपने प्रयासों से भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे इस कठिन समय में उन सभी को साहस और सहनशक्ति प्रदान करें जिन्होंने अपनों को खे दिया है। इस दुर्घटना ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और हमारी जिम्मेदारियों पर सोचने के लिये मजबूर कर दिया है। हमें इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव उपाय करने होंगे। puja in parmarth Niketan

puja in parmarth Niketan बस दुर्घटना में घायल हुये यात्रियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये परमार्थ निकेतन में किया विशेष यज्ञ

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puja in parmarth Niketan सड़क दुर्घटनाओं के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे ड्राइवर की लापरवाही, सड़क की खराब स्थिति, वाहन की तकनीकी खराबी, ओवरलोडिंग और मौसम की प्रतिकूल स्थिति। इन सभी कारणों पर ध्यान देकर और सावधानियां बरत कर हम भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं। ऐसी घटनाओं के पीछे ड्राइवर की सतर्कता बहुत जरूरी है। साथ ही वाहन चालकों को उचित प्रशिक्षण देने और उनके काम के घंटे भी तय करने की जरूर है. puja in parmarth Niketan

यात्रा के दौरान उन्हें विश्राम देना जरूरी है ताकि वे अपने कार्य को सर्वाेत्तम रूप से निभा सकें। वाहनों की नियमित जांच, सर्विसिंग और तकनीकी जांच से किसी भी खराबी को पहले से पहचाना जा सकता है। साथ ही सबसे जरूरी है वाहनों को ओवरलोडिंग से बचाना होगा, वाहनों में यात्रियों की संख्या निर्धारित होनी चाहिये और सभी सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य होना चाहिये।

puja in parmarth Niketan स्वामी जी ने कहा कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समाज और प्रशासन दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रशासन को सख्त नियम बनाने और उनका पालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। वहीं समाज को भी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना होगा और सभी नियमों का पालन करना होगा। यात्रियों को भी एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा तभी ऐसे दुःखद घटनाओं को रोका जा सकता है। puja in parmarth Niketan

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स्वामी जी ने कहा कि इस दुर्घटना ने हमें एक बार फिर से सोचने पर मजबूर किया है कि जीवन कितना अनमोल है। उन परिवारों की पीड़ा को शब्दों में बयां करना मुश्किल है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। हमें उनके दर्द को महसूस करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इस दुखद घटना से हमें सीख लेनी होगी और अपने व्यवहार को बदलना होगा ताकि हम सभी सुरक्षित रह सकें।

हमारी प्रार्थनाएँ और संवेदनाएँ उन सभी परिवारों के साथ हैं जिन्होंने इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोया है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे इस कठिन समय में उन्हें धैर्य, सहनशक्ति और साहस प्रदान करें। हम सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करते हैं। आइए, हम सब मिलकर एक सुरक्षित और जिम्मेदार समाज का निर्माण करें और ऐसी हृदय विदारक घटनाओं को रोकने के लिए सभी संभव प्रयास करें।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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