religion,धर्म-कर्म और दर्शन -126
religion and philosophy- 126
🏵️ग्रह और उसका उपाय 🏵️
शोध के दौरान जो हम हासिल करते हैं और इसी क्रम में ग्रहों के सारे पत्ते धीरे-धीरे हम आप लोगों के सामने खोलेंगे ।।
ताकि ऐसी काफी बात आप लोगों को पता चल सके जिन बातों में आप अंधकार में हैं ।।
उदाहरण के तौर …
बेटे मेघनाद के जन्म के दौरान रावण ने सभी ग्रहों को बेटे के ग्यारहवें घर में रहने का निर्देश दिया था, लेकिन शनि ग्रह गृह ने ऐसा करने से मना कर दिया और वे बारहवें घर में स्थापित रहे.
शनि देव के इस व्यवहार के कारण रावण ने उन्हें गिरफ्तार कर कारावास में डाल दिया था. इसके चलते खुद इंद्र घबरा गये
शनि देव के इस व्यवहार के कारण रावण ने गदा से शनिदेव के पैर पर प्रहार किया जिस वजह से शनि की चाल उसे दिन से धीमी हो गई.
और शनि एक घर को पूरा करने में ढाई वर्ष का समय लगा देता है ।।
बहरहाल यह इतिहास की कहानी है यह हम नहीं कहते हैं, यही सच्ची घटना है ।।
अब इस घटना पर ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करेंगे कहने का क्या तात्पर्य है वह सीखाते हैं ।।
रावण को यह शक्ति किसने दी थी कि वह नवग्रह को अपने पास बैठ सके ।।
जवाब है महादेव ने ।।
अमृत पान के वक्त राहु जब छल से भीड़ में बैठकर अमृत पान कर लिया और विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उसका गर्दन काट दिया उसके बाद राहु ने किसकी कठोर तपस्या के थी जिसकी वजह से राहु केतु को नवग्रह में शामिल किया गया ।।
जवाब है महादेव की तपस्या के थी ।।
समुद्र मंथन के समय जब हाहाकार हुआ और विष पीने को लेकर सभी ने इनकार किया तो किसने विष का पान किया था
जवाब है महादेव ने विष का पान किया था ।।
क्रोध में दुर्गा ने जब काली का रूप धारण कर लिया था और नशे में आकर काली ने राक्षसों के बाद जब आम जनमानस पर नरसंहार चालू कर दिया था और पूरा विश्व खतरे में था तो किसने माता काली के सामने लेट कर और उस नरसंहार को रोका था
जवाब है देवों के देव महादेव ने ।।
अब सवाल है की पूरी विश्व की रक्षा करने वाले महादेव कैलाश पर बैठकर अकेले में किसका नाम लेते हैं तो जवाब है नारायण का नाम लेते हैं ।।
अब यह सब जानने के बाद भी लोग नवग्रह के प्रकोपों को दूर करने का उपाय पूछते हैं तो शायद आपको उपाय मिल गया होगा कि वह कौन है जिनके एकमात्र नाम लेने से नवग्रह का उपाय मिल जाता है ।।
जिसकी स्नेह दृष्टि दिख जाने पर देवता भी ऐश्वर्या पाते हैं, कोप दृष्टि पर जाने पर दानव भी नष्ट हो जाते हैं ।।
सूर्य ,शनि ,यम ,वायु भी भयभीत होकर अपने-अपने कार्यों में लग जाते हैं ।।
*डॉ रमेश खन्ना*
*वरिष्ठ पत्रकार*
*हरीद्वार (उत्तराखंड)*