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religion and philosophy- 167

 

🌼तुलसी माला अथवा कंठी माला कैसे करें धारण🌼

घरों में मुख्य रूप से श्याम तुलसी और राम तुलसी रखी जाती है, इन्हीं की माला पहनी जाती है।

श्यामा तुलसी अपने नाम के अनुसार ही श्याम वर्ण की होती है तथा रामा तुलसी हरित वर्ण की होती है और दोनों ही तुलसी श्रेष्ठ है।

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तुलसी माला धारण करने के फायदे-:

सनातन मान्यताओं के अनुसार तुलसी की माला को धारण करने से काफी फायदे होतें है !!
मानसिक शांति मिलत है,मन पॉजिटआध्यात्मिक पारिवारिक तथा भौतिक उन्नति होती है, आत्मविश्वास बढ़ता है, सात्विक भावना जागृत होती है और कर्तव्य पालन के प्रति मदद मिलती है।

तुलसी माला का महत्व-:

तुलसी माला का सनातन धर्म मान्यता के अनुसार विशेष महत्व है। तुलसी कंठ में धारण करते हुए स्नान करने वाले मनुष्य को संपूर्ण जल तीर्थों में स्नान का फल प्राप्त होता है।

शास्त्रों में तुलसी माला की प्रशंसा करते हुए कहा गया है कि जिस प्रकार सौभाग्यवती नारी का परम श्रृंगार है- कुमकुम मंगलसूत्र इत्यादि, उसी प्रकार माथे पर तिलक और कंठ में तुलसी माला श्री विष्णु भक्तों के सौभाग्य समर्पण व सानिध्य का प्रतीक है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार श्री हरि विष्णु ने तुलसी को वरदान दिया कि मैं केवल तुम्हारे द्वारा सुशोभित भोग को ही स्वीकार करूंगा, इसलिए जिस भोग में तुलसी दल होता है विष्णुजी केवल उसी को ग्रहण करते हैं।

इसी प्रकार जिस श्री विष्णु भक्तों के कंठ में तुलसी कंठी माला होती है तो भगवान उसे सहज ही स्वीकार करते हैं, अपनी शरण में लेते हैं तथा अपने लोक में सुंदर स्थान प्रदान करते हैं !
अतः जो मनुष्य भगवान विष्णुजी की शरण चाहता है उन्हें तुलसी जरूर धारण करनी चाहिए।

जिस मनुष्य के कंठ में तुलसी माला होती हैं वह यम की त्रास नहीं पाते, ऐसे जीव विष्णुजी के लोक को प्राप्त होते हैं, जन्म मरण के चक्कर से छूट जाते हैं, अंतत: मोक्ष को प्राप्त होते हैं।।

तुलसी माला का वैज्ञानिक महत्व-:

भारतीय सनातन संस्कृति व परंपरा पूर्णतया वैज्ञानिक है। हर सनातन मानता के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण भी छुपा रहता है। तुलसी माला धारण करने के पीछे आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी हैं।

विज्ञान के विभिन्न परीक्षणों में सिद्ध हो चुका है कि तुलसी एक दिव्य पौधा है,
तुलसी में एक खास प्रकार की विद्युत शक्ति होती है जिससे मन में शालीनता और पॉजिटिविटी आती है,
गले में तुलसी धारण करने से जीवन शक्ति बढ़ती है और बहुत सी बीमारी दूर होती है।

इसके अलावा तुलसी माला पहनने से व्यक्तइन्फेक्शन, डाइजेशन, बुखार,जुकाम, सिरदर्द, स्किन इन्फेक्शन, दिमाग की बीमारियां और गैस से संबंधित अनेक बीमारियों से फायदा मिलता है।
अतः तुलसी माला को प्रत्येक संप्रदाय और जाति-धर्म के लोग धारण कर सकते हैं।

तुलसी माला पहनने के नियम-:

श्रीविष्णु भगवान में आस्था रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को तुलसी माला अवश्य धारण करनी चाहिए।

लेकिन तुलसी की कंठी को धारण करने वाले व्यक्ति को कुछ नियमों का पालन भी करना चाहिए-:

1. तुलसी कंठी धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। तामसिक भोजन जैसे अण्डे- मांस इत्यादि से दूर रहना चाहिए है।

2. किसी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए, शराब जैसे नशे से बिल्कुल दूर रहना चाहिए।

3. तुलसी माला (कंठी) चारो आश्रम (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यासी) बच्चे स्त्री पुरुष,प्रत्येक जाति व संप्रदाय के ‌सभी लोग धारण कर सकते हैं।

4. मनुष्य जब मृत्यु शैया पर होता है तो अंत समय में आत्मा के कल्याण के लिए उसके मुख में तुलसी दल और गंगाजल डाला जाता है,इसी प्रकार जब कंठ में तुलसी की माला धारण की हुई होती है तो वह परम कल्याणकारी होती है। अतः तुलसी माला को अपने से दूर कभी नहीं करना चाहिए

5. तुलसी माला कुछ विशेष पर्व काल के दौरान धारण करना विशेष शुभ माना गया है जैसे-: अक्षय तृतीया, दीपावली, होली, दशहरा, अनंत चतुर्दशी, एकादशी तिथि या शुक्ल पक्ष के गुरुवार को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए।

6. परिवार में जन्म तथा मृत्यु के अवसर पर भी कंठी को नहीं उतारना चाहिए।।

तुलसी कंठी धारण करने की विधि-:

तुलसी माला को सर्वप्रथम गंगाजल में डाल कर शुद्ध कर लेना चाहिए, फिर धूप दीप दिखानी चाहिए।
तत्पश्चात माला को श्रीहरि विष्णुजी के पास रखना चाहिए,
भगवान की पूजा उपासना स्तुति करने के बाद माला को पूरी आस्था व श्रद्धा के साथ धारण करना चाहिए।।

Dr.Ramesh Khanna
Haridwar.

One thought on “religion,धर्म-कर्म और दर्शन -167”
  1. V nice तुलसा जी का इतना अच्छा विवरण आज तक मैं नहीं सुना इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए धन्यवाद

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