religion ,धर्म-कर्म और दर्शन

religion and philosophy

🙏माता बगलामुखी की साधना🙏

religion, दस महाविद्याओं में बगलामुखी एक मात्र ऐसी देवी है जिसकी साधना शत्रु नाश और रोग मुक्त करने तथा दुख दरिद्रता दूर करने के विशेष उद्देश्य से की जाती है।

मूलतः यह साधना तंत्र से संबंधित है, तांत्रिक षट्कर्मों में विशेषकर स्तंभन के लिए रामबाण है। साधना विशेषकर सुख-समृद्धि, राजनैतिक लाभ, वाक् सिद्धि, संतान प्राप्ति, तंत्र-सिद्धि, गृह-शांति, शत्रुनाश, वशीकरण, उच्चाटन, रोग, दरिद्रता, मुकदमा एवं जेल से मुक्ति जैसे असाध्य कष्टों के निवारण के लिए की जाती है।
आज के धर्म कर्म और दर्शन में जानिए मां बगलामुखी की आराधना के लिए बगलामुखी बीसा🙏

🙏बगलामुखी-बीसा🙏

जय बगला पीताम्बर धारिणी। भक्त हेतु नाना वपु धारिणी ॥ १ ॥ अमृत सागर बीच भवानी। सिंहासन स्थित महारानी ॥ २ ॥ रत्नवेदिका रुचिर सुहाये। मणिमण्डन मन को हर्षाये ॥ ३ ॥ स्वर्णाभरण विभूषित माता । पीत पुष्पमाला शुभदाता ॥ ४ ॥ हारिद्रा दिव्य देह धारिणी । सुखकर अम्बा मुदगरधारिणी ॥ ५ ॥ जीभ शत्रु पकड़ की कर । भक्त को अपने सुख से सींचे ॥ ६॥ अति लाघव से गदा चलावें। वैरिवृन्द को मार भगावें॥ ७॥द्विभुज धारिणी वरप्रदायिनी। तुम प्रसन्नमुख कीर्तिदायिनी ॥ ८ ॥ शत्रु मुख स्तंभित कर दो वैरि जिह्वा कीलित कर दो ॥ ९॥ बुद्धि नष्ट कर दो दुष्ट जनों की विजय बढ़ाओ भक्तजनों की ॥ १० ॥

ऐसी माया फेरो माता। कभी न हो कोई दुखदाता॥ ११ ॥ ब्रह्मा विष्णु तेरा गुण गावें। शंकर जी निज तुम्हें मनायें ॥ १२ ॥

देवि महाविद्या विख्याता। तब आशीष अमोघ हे माता ॥ १३ ॥

चारों वेद करें गुणगाना। ब्रह्मा स्वरूपा तुम्हें बखाना ॥ १४ ॥

सर्वदेव नत तेरे आगे। अभय रहत हैं अति अनुरागे ॥ १५ ॥

गण तेरे जयकार करत हैं। तेरे ध्यान में मगन रहत हैं॥ १६ ॥

महादेवि स्मरहरमहिला । परम प्रसिद्ध तेरी नित लीला ॥ १७॥ सर्वैश्वर्यमयी

परमानन्दमयी हे जगदम्बा ॥ १८ ॥ वर दो देवि बनो सहायिका। तुम्हीं मुझे परित्राणदायिका ॥ १९ ॥ अम्बा ।

सकल सफलतामयी ईश्वरी। सत् चित् रूपा तुम महेश्वरी ॥ २० ॥

बगलामुखी बीसा यह भक्तों को सुख देय।

जो भी पढ़ सकाम मन, वांछित सबको देय ॥

॥ श्री बगलामुखी अर्पणमस्तु ॥

***🙏religion 

One thought on “religion,धर्म-कर्म और दर्शन”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *