शरीर रूपी मंदिर की सफाई योगाभ्यास रूपी झाड़ू से करें - रघुवंशीशरीर रूपी मंदिर की सफाई योगाभ्यास रूपी झाड़ू से करें - रघुवंशी

शरीर रूपी मंदिर की सफाई योगाभ्यास रूपी झाड़ू से करें – रघुवंशी

आज दसवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रातः काल 6.00 बजे से 8 बजे तक श्री महाकालेश्वर महादेव मंदिर प्रज्ञाकुञ्ज जगजीतपुर आश्रम में निःशुल्क योग शिविर लगाया गया, जिसमें योग प्रशिक्षक, प्रशिक्षणार्थी तथा स्थानीय लोगों की उत्साहवर्धक उपस्थिति रही।

शरीर रूपी मंदिर की सफाई योगाभ्यास रूपी झाड़ू से करें - रघुवंशी
शरीर रूपी मंदिर की सफाई योगाभ्यास रूपी झाड़ू से करें – रघुवंशी

सर्व प्रथम योग शिविर का उद्घाटन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार तथा प्रज्ञाकुंज के संस्थापक जितेन्द्र रघुवंशी के कर कमलों से दीप प्रज्वलित करके किया गया। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भारत भूषण विद्यालंकार जी द्वारा योग की महत्ता पर प्रकाश डाला गया।
योग मर्मज्ञ जितेन्द्र रघुवंशी ने मधुमेह, थायरॉइड, हृदय रोग, रक्तचाप, मोटापा, सिर दर्द, माइग्रेन, सर्वाइकल तथा पाचन संस्थान के विभिन्न रोगों से छुटकारा पाने के लिए नित्य आधा घंटा प्रज्ञायोग व्यायाम करने के लिए प्रेरित किया।

शरीर रूपी मंदिर की सफाई योगाभ्यास रूपी झाड़ू से करें - रघुवंशी
शरीर रूपी मंदिर की सफाई योगाभ्यास रूपी झाड़ू से करें – रघुवंशी

रघुवंशी ने प्रज्ञायोग व्यायाम की महत्ता बतलाते हुए कहा कि अंग संचालन के साथ श्वास-प्रश्वास का ऐसा समावेश किया गया है कि निरोग रहने के लिए अन्य किसी व्यायाम की आवश्यकता नहीं रहती है, उन्होंने भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, बाह्य, उज्जायी, भ्रामरी, उद्गीथ, शीतली, सीत्कारी, चन्द्रवेधी, सूर्यवेधी, कर्णशोधन तथा नाड़ी शोधन प्राणायामों के द्वारा विभिन्न रोगों से छुटकारा पाने के लिए भी अभ्यास कराया। रघुवंशी ने शरीर को भगवान का मंदिर बतलाते हुए कहा कि शरीर रूपी मंदिर की सफाई हमें नित्य योगाभ्यास रूपी झाड़ू से करना चाहिए।
इसके पूर्व आचार्य अनुरागी ने *भारत की आन बान शान है योग, तन मन और जीवन को संवारता है योग* गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। आज अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रसिद्ध समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, अनिल भारती तथा अष्टांग योग विशेषज्ञ अर्पण भी शामिल हुए।
योग शिविर की तैयारियों में योग शिक्षक सतपाल सिंह, सत्येन्द्र कुमार, संदीप कुमार, सतबीर सिंह, पवन उपाध्याय, आकाश वालिया, अशोक कुमार, श्रीमती आशा रघुवंशी, पूनम शैलेन्द्र सिंह, पूनम बृजेश सिंह, शीतल कालरा तथा का सराहनीय योगदान रहा है।

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