बांग्लादेश स्थित शक्ति पीठों का दर्शन-पूजन कर गोवर्धन पहुंचे शंकराचार्य अधोक्षजानंद

 

राजनेताओं, अधिकारियों और संभ्रांत लोगों के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर भी हुई चर्चा – शंकराचार्य

बांग्लादेश सरकार ने की पूरी यात्रा की उच्च स्तरीय प्रोटोकाल, सुरक्षा व्यवस्था।

गोवर्धन (मथुरा)। बांग्लादेश स्थित शक्ति पीठों का दर्शन व पूजन सम्पन्न कर गोर्वधन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ आज गोवर्धन स्थित आद्य शंकराचार्य आश्रम पहुंच गये।
जगद्गुरु शंकराचार्य पिछले कई माह से भारत और पड़ोसी देशों में स्थित द्वादश ज्योतिर्लिगों और 52 शक्ति पीठों की यात्रा पर हैं।

शंकराचार्य अधोक्षजानंद देव तीर्थ ने बांग्लादेश की आठ दिवसीय यात्रा के दौरान वहां स्थित सभी पांच शक्ति पीठों समेत अन्य प्रमुख देवालयों में जाकर दर्शन और पूजन किया। उनके साथ त्रिपुरा विधानसभा के उपाध्यक्ष राम प्रसाद पाल समेत भारत के संतों और विद्वानों का एक नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी बांग्लादेश गया था। इस यात्रा के दौरान जगद्गुरु शंकराचार्य की बांग्लादेश के वरिष्ठ राजनेताओं, अधिकारियों और संभ्रांत लोगों से धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा भी हुई। विदेश नीति के जानकार लोगों का मानना है कि शंकराचार्य की इस यात्रा से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में और प्रगाढ़ता आएगी।

बांग्लादेश में जगद्गुरु शंकराचार्य का सभी धर्म के लोगों द्वारा अभूतपूर्व स्वागत हुआ। उनके साथ बांग्लादेश गए प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के अनुसार शंकराचार्य की यात्रा को लेकर वहां के लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला। यात्रा के दौरान वह जिस भी शक्ति पीठ अथवा देवालय में जाते बांग्लादेशवासी जगह-जगह भारी संख्या में जगद्गुरु का उनका भव्य अभिवादन करते। महिलाएं पुष्प वर्षा कर आरती उतारतीं। उनके स्वागत में जगह-जगह तोरण द्वार भी बनाए गए थे। बांग्लादेश के सत्ता पक्ष और विपक्ष के राजनेताओं और संभ्रांत लोगों ने तो राजधानी ढाका में शंकराचार्य देव तीर्थ का नागरिक अभिनंदन किया। इसमें हिन्दुओं के अलावा भारी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने भी जगद्गुरु का भव्य स्वागत किया। इस दौरान बांग्लादेश के प्रमुख विप़क्षी दल जातीय पार्टी के अध्यक्ष व सांसद गुलाम मोहम्मद कादीर और ढाका के सांसद सैयद अबू हुसैन बावला ने कहा कि ने कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज के आने से वे सभी लोग बहुत खुश हैं। उन लोगों ने कहा कि बांग्लादेश में सैकड़ों साल बाद कोई शंकराचार्य आए हैं और हम सब सौभाग्यशाली हैं, जो उनका स्वागत करने का शुभ अवसर आज मिला है।
इसके पूर्व सत्ता दल के सांसद पंकज नाथ और सांसद श्रीमती अर्चना गोरो समेत कई जनप्रतिनिधियों ने ढाका हवाई अड्डे पर जगद्गुरु शंकराचार्य की आगवानी की। विभिन्न शक्ति पीठों पर भी सत्ता दल के सांसद पंकज नाथ, सांसद एसएम जगलुल हैदर, न्यायाधीश अरुणाभ चक्रवर्ती, अपर जिलाधिकारी अफसाना यास्मिन, उपजिलाधिकारी संजीदा सुल्ताना समेत तमाम जनप्रतिनिधि और अधिकारी शंकराचार्य की आगवानी करते दिखे। ढाका के प्रमुख उद्योगपतियों और संभ्रांत लोगों द्वारा गठित गुलशन बनानी सार्वजनिक दुर्गा पूजा फाउंडेशन कमेटी ने शंकराचार्य के स्वागत में विशेष आयोजन किया। इस कमेटी की संरक्षिका बैरिस्टर सर्वास सिराज शुक्ला और अध्यक्ष प्रमुख उद्योगपति पन्नालाल दास हैं।

बांग्लादेश यात्रा के दौरान जगद्गुरु शंकराचार्य की वहां के राजनेताओं, न्यायाधीशों, वरिष्ठ अधिकारियों और संभ्रांत लोगों के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। सत्ता दल के सांसद पंकज नाथ, सांसद श्रीमती अर्चना गोरो और सांसद एसएम जगलुल हैदर के अलावा प्रमुख विपक्षी दल जातीय पार्टी के अध्यक्ष व सांसद गुलाम मोहम्मद कादीर और ढाका के सांसद सैयद अबू हुसैन बावला समेत कई प्रबुद्ध लोगों ने कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य के बांग्लादेश आने से दोनों देशों के संबंधों में और प्रगाढ़ता आएगी।


जगद्गुरु शंकराचार्य की यात्रा के दौरान बांग्लादेश सरकार द्वारा उच्च स्तरीय प्रोटोकाल व सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। वह जहां भी जाते सुरक्षा के मद्देनजर संबंधित जनपद के वरिष्ठ अधिकारी और भारी पुलिस बल वहां पहले से ही मौजूद रहते। शंकराचार्य स्वामी श्री अधोक्षजानंद देव तीर्थ जी ने अपनी इस धार्मिक यात्रा के सकुशल संपन्न होने पर बांग्लादेश सरकार, भारत सरकार और दोनों देशों के दूतावासों के प्रति आभार जताया है।
शंकराचार्य देव तीर्थ बांग्लादेश के खुलना जिला स्थित यशोरेश्वरी शक्ति पीठ, चिट्टागौंग जिले के सीताकुंड में चंद्रनाथ पर्वत शिखर पर स्थित चट्टल भवानी शक्ति पीठ, बागुरा जिले के भवानीपुर गांव में स्थित अपर्णा शक्ति पीठ, शिकारपुर नगर पालिका क्षेत्र में सुगंधा नदी के किनारे स्थित सुगंधा शक्ति पीठ और सिलहट जिले के जैनपुर गांव में श्री शैल महालक्ष्मी शक्ति पीठ में देवी माता के विभिन्न रुपों का दर्शन और विधिवत पूजन किया। गौरतलब है कि भारत के बाद पड़ोसी देशों में सर्वाधिक पांच शक्ति पीठ बांग्लादेश में ही स्थित है।
जगद्गुरु ने राजधानी ढाका में ढाकेश्वरी सिद्ध पीठ में भी देवी माता का दर्शन और पूजन किया। यह मंदिर बांग्लादेश के सनातन धर्मावलम्बियों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। मान्यता है कि ढाकेश्वरी देवी के नाम पर ही ढाका शहर का नामकरण किया गया है। इसके अलावा चट्टल भवानी शक्ति पीठ के पास आद्य शंकराचार्य भगवान द्वारा स्थापित प्राचीन शंकर मठ, सीताकुण्ड, चिट्टागौंग के उपजिला हाटहजारी स्थित पुण्डरीक धाम इस्कान मंदिर, कुमिला शहर स्थित अति प्राचीन दुर्गा मंदिर में भी शंकराचार्य देवतीर्थ ने पहुंचकर दर्शन पूजन किया। कुमिला के दुर्गा मंदिर को भारत स्थित त्रिपुरा के महाराजा वीर विक्रम मणिक बहादुर देव वर्मन ने स्थापित किया था। सभी शक्ति पीठों व अन्य धार्मिक स्थलों पर वहां की स्थानीय मंदिर समितियों ने शंकराचार्य की आगवानी को लेकर उनके स्वागत और दर्शन-पूजन का व्यापक प्रबंध किया था। इन पवित्र स्थलों के स्थानीय लोगों ने भी जगद्गुरु का परंपरागत तरीके से स्वागत और अभिवादन किया। शक्ति पीठों और अन्य देवालयों में पूजन कर शंकरचार्य ने भारत और बांग्लादेश के सुख-समृद्धि और विश्व के कल्याण की कामना की।

गौरतलब है कि गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ जी महाराज 19 नवम्बर 2021 से 12 ज्योतिर्लिंगों एवं 52 शक्ति पीठों की यात्रा पर हैं। सम्पूर्ण भारत का भ्रमण कर अधिकतर ज्योतिर्लिंगों और शक्ति पीठों का दर्शन-पूजन सम्पन्न कर लेने के बाद शंकराचार्य जी ने पड़ोसी देशों में स्थित शक्ति पीठों के दर्शन की यात्रा दूसरे चरण में प्रारम्भ की है। नेपाल और श्रीलंका की यात्रा के बाद अब उन्होंने बांग्लादेश में शक्ति पीठों का दर्शन-पूजन किया। इस क्रम में जल्द ही वह तिब्बत और पाकिस्तान स्थित शक्ति पीठों की भी यात्रा करेंगे।

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