Shiv ratri jlabhishek,15 जुलाई रात साढ़े आठ बजे से चढ़ेगा भोलेनाथ को जल- श्रीमहंत नारायण गिरी

दूधेश्वरमठ के कपाट चौबिसों घंटे के लिए खोले गये।

Shiv ratri jlabhishek, त्रयोदशी आज सायं 7 बजकर 17 मिनट से 15 जुलाई को रात्रि 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगी।

15 जुलाई को रात्रि 8 बजकर 32 मिनट के बाद चतुर्दशी,श्रावण शिवरात्रि का जलाभिषेक शुरू होगा

आज रखा जायेगा त्रयोदशी का व्रत

Shiv ratri jlabhishekगाजियाबादः दूधेश्वरमठ
सिद्धपीठ दूधेश्वर मठ महादेव मन्दिर की ख्याति भारत ही नहीं पूरे विश्व में है।

यही कारण है कि श्रावण मास व श्रावण शिवरात्रि में जलाभिषेक के लिए मंदिर में लाखों कांवड़िये व श्रद्धालु आते हैं।

Shiv ratri jlabhishek

इस बार श्रावण शिवरात्रि शनिवार 15 जुलाई को है, मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमंहत नारायण गिरि ने बताया कि श्रावण शिवरात्रि चतुर्दशी में मनाई जाती है।

Shiv ratri jlabhishek,15 जुलाई रात साढ़े आठ बजे से चढ़ेगा भोलेनाथ को जल- श्रीमहंत नारायण गिरी
दूधेश्वरमठ पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरी।

चतुर्दशी शनिवार 15 जुलाई को रात्रि 8 बजकर 32 मिनट से लग जाएगी, उसी के साथ शिवरात्रि शुरू हो जाएगी और भगवान के जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

Shiv ratri jlabhishekचतुर्दशी का समापन रविवार 16 जुलाई को रात्रि 10 बजकर 8 मिनट पर होगा, मगर श्रावण शिवरात्रि का व्रत शनिवार को ही रख जाएगा, जबकि त्रयोदशी का व्रत आज रखा जाएगा।

Shiv ratri jlabhishek,15 जुलाई रात साढ़े आठ बजे से चढ़ेगा भोलेनाथ को जल- श्रीमहंत नारायण गिरी
Shiv ratri jlabhishek,15 जुलाई रात साढ़े आठ बजे से चढ़ेगा भोलेनाथ को जल- श्रीमहंत नारायण गिरी

त्रयोदशी तिथि का आरंभ शुक्रवार 14 जुलाई को सायं 7 बजकर 17 मिनट से होगा। वहीं इसकी समाप्ति 15 जुलाई को रात्रि 8 बजकर 32 मिनट पर होगी, जिसके बाद चतुर्दशी लग जाएगी। आज त्रयोदशी का जल चढाया जाएगा।

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हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री व गोमुख से गंगाजल लेकर आने वाले कांवड़ियों ने मंदिर में भगवान दूधेश्वर के दरबार में हाजरी लगाकर हाजरी का जल चढाना शुरू कर दिया है।

अब वे कैंप में विश्राम कर श्रावण शिवरात्रि पर 15 जुलाई को मंदिर में भगवान का जलाभिषेक करेंगे, जो कांवड़िये दूर रहते हैं, वे हाजरी का जल चढाकर अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं। वे श्रावण शिवरात्रि पर अपने घर के आसपास के शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। मंदिर में कांवड़ियों व श्रद्धालुओं की भीड को देखते हुए मंदिर के कपाट भक्तों के लिए 24 घंटे खोल दिए गए हैं ताकि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो।Shiv ratri jlabhishek

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