*💐श्रीराम नवमी की मंगलकामनायें*

*✨श्रीराम नवमी पर परमार्थ निकेतन में आध्यात्मिक उल्लास और आनंद*

*💥ऋषिकुमारों ने भजन-कीर्तन के माध्यम से की प्रभु श्रीराम जी की स्तुति*

*🌻भगवान श्रीराम जी का सम्पूर्ण जीवन धर्म, मर्यादा और करूणा की प्रतिमूर्ति*

*💥प्रभु श्रीराम जी के आदर्श हमारे जीवन का पाथेय*

*🙏🏾स्वामी चिदानन्द सरस्वती*

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आज श्रीराम नवमी का पावन पर्व अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने भजन-कीर्तन कर प्रभु श्रीराम जी की स्तुति की।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अमेरिका से भेजे अपने संदेश में कहा कि भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, जिन्होंने अपने जीवन से सत्य, सेवा, त्याग और कर्तव्य का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। आज के समय में हमें प्रभु श्री राम को केवल पूजना नहीं, बल्कि उनके आदर्शों को अपने जीवन में भी उतारना आवश्यक है। राम नवमी का तात्पर्य केवल पूजा करना नहीं, बल्कि प्रकृति और प्राणी मात्र के प्रति करुणा और उत्तरदायित्व को निभाना भी है।

भगवान श्रीराम जी का सम्पूर्ण जीवन धर्म, मर्यादा और करूणा की प्रतिमूर्ति है। वे एक आदर्श पुत्र, आदर्श भ्राता, आदर्श पति, आदर्श राजा और सबसे बढ़कर एक आदर्श व्यक्तित्व थे। उन्होंने अपने जीवन में हर संबंध को पूरी निष्ठा, समर्पण और प्रेम के साथ निभाया। वनवास, राज्य त्याग, सीता माता की खोज, रावण का संहार, हर परिस्थिति में उन्होंने संयम, विवेक और न्याय का मार्ग अपनाया। प्रभु श्रीराम का चरित्र हमें यह सिखाता है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, यदि मन में धैर्य, संकल्प और धर्म के प्रति अटूट आस्था हो, तो हर संकट को पार किया जा सकता है। श्रीराम जीवन जीने की श्रेष्ठतम विधा के दिव्य प्रतीक हैं।

उन्होंने कहा कि समाज में यदि नैतिकता, करुणा, और समरसता को पुनसर्््थापित करना है, तो प्रत्येक व्यक्ति को ‘रामत्व’ को धारण करना होगा। श्रीराम जी के जीवन में एकता, सहिष्णुता, प्रेम, करूणा और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना है उसे हम सभी को आत्मसात करना होगा।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने उद्बोधन में पर्यावरण संरक्षण, जल बचाओ, स्वच्छता अभियान, और नारी सशक्तिकरण जैसे विषयों पर भी बल देते हुये कहा कि प्रभु श्रीराम जी की तरह हमें भी अपने जीवन में धर्म का निष्ठा से पालन करते हुये प्रकृति के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन करने हेतु आगे आना होगा।

श्रीरामजी ने वनवास के दौरान प्रकृति, जीव-जंतुओं और ऋषि-मुनियों के साथ जिस प्रेम और समर्पण से जीवन बिताया, वह आज के युग में एक आदर्श है।

श्रीराम नवमी के इस पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों एवं आचार्यों ने विशेष राम भक्तिमय कीर्तन, रामायण पाठ एवं आरती कर पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया। “जय श्रीराम” के जयघोष से पूरा वातावरण राममय हो उठा। रघुपति राघव राजा राम और “श्रीराम जय राम जय जय राम” आदि भजनों को सुनकर हर हृदय आनंदमग्न हो गया। आज सांयकाल परमार्थ निकेतन गंगा जी के तट पर आयोजित आरती में विशेष दीपदान किया।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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