सरकारी स्कूलों में व्यवस्था ऐसी हो कि बच्चे काम्पलेक्स फील न हो: डीएम

बच्चों को स्कूल में सुरक्षित वातावरण देना प्रशासन की जिम्मेदारीःडीएम

परीक्षा को शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित ढंग से सम्पन्न कराने हेतु प्रशासन-पुलिस सजग।

डीएम के प्रोजेक्ट ‘उत्कर्ष’ से प्रभावित होकर दून पुलिस लेगी एक सरकारी स्कूल को गोदःएसएसपी

देहरादून 17 फरवरी, 2025(सू.वि.), उत्तराखंड परिषदीय परीक्षा 2025, विद्यालयों में आपदा प्रबंधन क्षमता संवर्धन और ‘‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’’ को लेकर जिलाधिकारी सविन वंसल की अध्यक्षता में सोमवार को हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र (ऑडिटोरियम) गढीकैंट नीम्बूवाला देहरादून में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान जनपद के सभी विद्यालयों के प्राधानाचार्य/केंद्र व्यवस्थापक, कस्टोडियन सहित प्राजेक्ट उत्कर्ष से जुड़े सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी कें्रद व्यवस्थापकों और कस्टोडियन को निर्देशित किया कि उत्तराखंड परिषदीय परीक्षा को नकल विहीन एवं परीक्षा से जुड़े सभी दायित्वों का त्रुटिरहित निर्वहन करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक स्तर पर नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराना मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाए। परीक्षाओं को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए सभी विद्यालयों को आवश्यक सुरक्षा फोर्स भी उपलब्ध करा दी जाएगी।
विद्यालयों में आपदा प्रबंधन और क्षमता संवर्धन को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चे अपना आधा दिन स्कूल में रहते है। ऐसे में विद्यालय परिसर में बच्चों को सुरक्षित वातावरण देना हम सबका दायित्व है। उन्होंने सभी प्रधानाचार्य और शिक्षकों को निर्देशित कि आपदा प्रबंधन कार्यशाला में आपदा से बचाव के लिए जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है उसे सभी विद्यालयों में बच्चों को सिखाया जाए। ताकि आपदा घटित होने पर बच्चों को इससे बचने के बारे में जानकारी रहे। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी को सभी शिक्षकों को आपदा प्रबंधन को लेकर पूरा प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए।
सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आवश्यक संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल की अभिनव पहल पर देहरादून जिले में प्रोजेक्ट उत्कर्ष संचालित है। जिलाधिकारी ने प्रोजेक्ट उत्कर्ष के पहले चरण में विद्यालयों में फर्नीचर, स्मार्ट क्लासेस, वाइट बोर्ड, शुद्वपेयजल, शौचालय, कक्षाओं में पर्याप्त रोशनी, विद्यालयों में वॉलपेन्टिंग और सौन्दर्यीकरण आदि कार्याे हेतु 94 लाख की धनराशि आवंटित की गई थी। जिससे जनपद के 687 विद्यालयों मेें 1048 कार्य पूर्ण किए जा चुके है। जिलाधिकारी ने प्राजेक्ट उत्कर्ष के तहत विद्यालयों को दूसरे चरण में एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है।
जिलाधिकारी ने प्राजेक्ट उत्कर्ष के तहत विद्यालयों में संचालित कार्याे की सराहना करते हुए सभी अधिकारियों को बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए अपना प्रोजेक्ट समझ कर इसको आगे बढ़ाने पर जोर दिया। कहा कि उत्कर्ष प्राजेक्ट का उदेश्य बच्चों की प्रतिभा को निखारना है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक धनाराशि का प्रबंधन किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि स्कूलों में बेसिक सुविधा, शैक्षिक माहौल और संशाधनों की कमी को दूर करने के लिए यह प्रोजेक्ट संचालित किया गया है। ताकि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को भी प्राइवेट स्कूलों की तरह उचित वातावरण मिल सके।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने जिलाधिकारी की पहल पर संचालित प्राजेक्ट उत्कर्ष को सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस प्रोजेक्ट से सरकारी स्कूलों की तस्वीर और यहां पढ़ने वाले बच्चों की तक्कदीर बदल रही है। उन्होंने कहा कि देहरादून पुलिस भी इस प्रोजेक्ट में अपना पूरा योगदान देगा और जनपद के किसी एक विद्यालय को गोद लेकर प्राजेक्ट उत्कर्ष के तहत स्कूल में सभी संशाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि डीएम के निर्देशन में प्राजेक्ट उत्कर्ष के तहत् सरकारी विद्यालयों को आधुनिक सुविधा एवं तकनीकियुक्त करने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं, जिसकी नियमित समीक्षा की जा रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यापक स्कूलों में परीक्षा को लेकर सजग रहें। अपने दायित्वों को जिम्मेदारी से निर्वहन करें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने उत्तराखंड परिषदीय परीक्षा, विद्यालयों में आपदा प्रबंधन क्षमता संवर्धन और प्रोजेक्ट उत्कर्ष के बारे में विस्तार से जानकारी दी।


By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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