उत्तराखंड के पंचकेदारों में रुद्र केदार के कपाट आज खोले गए।
उत्तराखंड के रुद्रनाथ में होते हैं भगवान शिव मुख के दर्शन।
उत्तराखंड के पंच केदारों में से चौथे केदार चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट भी आज सम्पूर्ण वैदिक विधि विधान से खोल दिये गये।
रुद्र नाथ में भगवान शिव के मुख की पूजा की जाती है पंचकेदारों में भगवान विभिन्न अंगों की पूजा होती है भगवान शिव के मुख का पूजन केवल रुद्रनाथ में ही किया जाता है।
स्कंदपुराण में भगवान शिव ने ही अपने पंच केदारों का वर्णन किया है। केदार नाथ में भगवान के बृषभ रुप का पृष्ठ भाग पूजा जाता है, जबकि दूसरे केदार के रूप में मद महेश्वर में भगवान की नाभि स्थित मानी जाती है यहां निसंतान संतान की इच्छा से भगवान शिव की पूजा उपासना करते हैं, तीसरे केदार के रूप में भगवान शिव की पूजा तुंगनाथ में की जाती है यहां भगवान शिव की भुजाओं और हृदय को प्रकट मान कर पूजा की जाती है। और पांचवें केदार के रूप में कल्पेश्वर महादेव की जटाओं का पूजन माना जाता है,मात्र कल्पेश्वर महादेव के कपाट ही बारहों मास खुले रहते हैं,ये भी मानना जाता है कि कल्पेश्वर महादेव में कल्पवृक्ष के नीचे बैठ कर ऋषि दुर्वासा ने भगवान शिव की आराधना तपस्या की थी।
रुद्रनाथ में ग्रीष्मकाल के 6 माह तक मंदिर में भगवान रूद्रनाथ जी के दर्शन होंगे। शीतकाल में भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली गोपीनाथ मंदिर में विराजमान रहती है। 18 मई को भगवान की चलविग्रह डोली गोपीनाथ मंदिर से रवाना हो कर आज शनिवार 20 मई को रुद्रनाथ पहुंची जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ रुद्रनाथ के कपाट खोले गए
पुजारी जनार्दन प्रसाद तिवारी ने बताया कि इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु रूद्रनाथ पहुंचे हैं। और बडे श्रद्धा और उत्साह के साथ भगवान शिव के मुख रुप के दर्शन किए।