दुर्गम रास्तों से बारह किलोमीटर पैदल जा कर बुजुर्ग की जान बचाई
through difficult roads SDRF Saved the life of an elderly person
SDRF फिर बना जीवन रक्षक, कमांडेंट ने तुरंत लिया एक्शन
दुर्गम बारह किलोमीटर के पैदल रास्ते पर एक बुजुर्ग का स्वास्थ्य बिगडा तो पहाड़ों के देवदूत बिना किसी विकट परिस्थिति की परवाह किये सहायता को आन खड़े हो गए।
बुधवार को सुबह तड़के एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा के पास सूचना आई कि मुनस्यारी से लगभग 80-85 किमी आगे मिलम में एक 62 वर्षीय बुजुर्ग हयात सिंह, 62 वर्ष, ग्राम बोथी- पिथौरागढ़, का स्वास्थ्य अत्यधिक खराब हो गया है जिन्हें तत्काल चिकित्सालय पहुँचाया जाना अति आवश्यक है।
कमांडेंट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा ने सूचना पर तुरंत एक्शन लेते हुए जिला नियंत्रण कक्ष, पिथौरागढ़ SDRF रेस्क्यू टीम की सुबह-सुबह ही मांग की कर ली गई ।
दुर्गम रास्तों पर बिमार बुज़ुर्ग व्यक्ति का घर, सड़क मार्ग से लगभग 12 किमी पैदल दूरी के अत्यधिक दुर्गम मार्ग पर था और ये क्षेत्र संचार साधनों से भी अनाच्छादित है।
मौके की संवेदनशीलता को देखते हुए मणिकांत मिश्रा, कमांडेंट SDRF द्वारा तुरंत एक्शन लेते हुए पोस्ट अस्कोट, पिथौरागढ़ में SDRF के विशेषज्ञ जवानों की टीम गठित कर तुरंत बुजुर्ग व्यक्ति को लाये जाने के निर्देश दिए।
एसडीआरएफ के जवानों की टीम सेनानायक के निर्देशानुसार, हैंड कांस्टेबल नवीन कुंवर की अगुवाई में मय आवश्यक उपकरणों व सैटेलाइट फोन के तत्काल मौके के लिए रवाना हुई।
SDRF रेस्क्यू टीम द्वारा अत्यधिक दुर्गम मार्ग पर लगभग 12 किमी की दूरी पैदल तय कर मौके पर पहुँचकर बुजुर्ग व्यक्ति को यथासंभव प्राथमिक उपचार दिया गया।
दुर्गम रास्तों से होते हुए लेकर आने के बाद, तत्पश्चात बीमार बुजुर्ग को स्ट्रैचर के माध्यम से पैदल मार्ग पर होते हुए देर रात्रि मुख्य मार्ग तक पहुँचाया गया।
दुर्गम और अत्यधिक विषम परिस्थितियों में मुख्य मार्ग तक पहुँचाये जाने के उपरांत SDRF टीम द्वारा उक्त व्यक्ति को एम्बुलेंस के माध्यम से प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, मुनस्यारी पहुँचाकर अग्रिम उपचार के लिए भर्ती कराया गया।