मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेशावर कांड की वर्षगांठ पर विकासखण्ड थलीसैंण के पीठसैंण में आयोजित राजकीय क्रांति दिवस मेले में प्रतिभाग किया। इस मौके पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को याद करते हुए कहा कि आजादी के वीर सिपाहियों के त्याग और बलिदान के कारण आज हम खुली सांस ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और देश की रक्षा में बलिदान देने वाले वीर जवानों के परिजनों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है।

बुधवार को पीठसैंण स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्मारक स्थल पर आयोजित राजकीय क्रांति दिवस मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इससे पहले उन्होंने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा पर पुष्प भी अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

 

इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इस नृशंस कृत्य का बदला अवश्य लेगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएगी।

मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड के साथ ही समूचे देश के गौरव हैं। पेशावर में निहत्थे लोगों पर गोली चलाने से इन्कार कर उन्होंने मानवता और नैतिकता का जो उदाहरण पेश किया, वह इतिहास में अमर है।

 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वीर गढ़वाली की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और युवाओं को उनके आदर्शों से प्रेरित करने के लिए उनके जीवन पर आधारित कार्यक्रम चला रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की इस स्वर्णिम यात्रा में उत्तराखंड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है, हमें अपनी सैनिक परंपरा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और देश की सरहद पर तैनात वीर जवानों के परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

 

शहीद सैनिकों के सम्मान में देहरादून में शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के परिवारजनों को मिलने वाली अनुग्रह सहयोग राशि 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों के परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी दी जा रही है।  स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिकता संहिता कानून को लागू किया है।

 

उन्होंने कहा जनभावना के अनुरूप सख़्त भू- कानून लाया गया है। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद राज्य में 22 हजार से अधिक नियुक्तियां पारदर्शी तरीके से हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली देश की चेतना, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि इस महानायक ने मानवता की रक्षा के लिए अपने कैरियर और जीवन को दांव पर लगा दिया। उन्होंने युवाओं को वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के जीवन से प्रेरणा लेकर देशभक्ति, ईमानदारी और साहस के मार्ग पर चलने की अपील की।

 

उन्होंने कहा विद्यालयी पाठ्यक्रम में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की जीवनी शामिल की जाएगी। थलीसैंण में एक भव्य ऑडिटोरियम और बूंगीधार में एक खेल का मैदान भी बनाया जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीठसैंण में 100 गरीब व अनाथ बच्चों के लिए हॉस्टल बनकर तैयार हो गया है।

इस दौरान मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री ने थलीसैंण क्षेत्र में 10वीं व 12वीं के प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वहीं विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों, उद्यमियों व पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया।

राजकीय क्रांति दिवस मेले में विभिन्न विभागों ने स्टॉल लगाकर उपस्थित लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।

इस अवसर पर दर्जाधारी राज्य मंत्री महेश्वर सिंह माहरा, राज्य सिंचाई सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष ऋषि कंडवाल, जिला पंचायत प्रशासक शांति देवी, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेठ, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल गोयल, उपजिलाधिकारी श्रेष्ठ गुनसोला, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल किशोर रावत, वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली विकास समिति पीठसैंण जय सिंह रावत, वीरमणि पोखरियाल सहित भारी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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