*💥राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस*

*✨हम खुद भी सुरक्षित रहें और अपने आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रखें*

*💥स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने साइबर सुरक्षा के प्रति किया सचेत*

*🌺महान स्वतंत्रता सेनानी और गदर पार्टी के संस्थापक लाला हरदयाल जी की पुण्यतिथि, महान स्वतंत्रता सेनानी एवं साहित्यकार पद्मश्री फणीश्वरनाथ रेणु जी की जयंती पर भावभीनी श्रद्धाजंलि*

ऋषिकेेश, 4 मार्च। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर कहा कि सुरक्षा सिर्फ सीमा पर खड़े सैनिकों का काम नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन के हर पहलू में एक सामूहिक जिम्मेदारी है। यदि हम अपने समाज, अपनी संस्कृति और अपनी पहचान की सुरक्षा करते हैं, तो यही राष्ट्रीय सुरक्षा हैं।

हमारे देश की सुरक्षा का जिम्मा हमारे सैनिकों पर है, जो हर दिन सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाकर हमारे देश की रक्षा करते हैं। उनका कर्तव्य और समर्पण अत्यंत सराहनीय है। लेकिन क्या केवल सैनिकों का यह कार्य है? क्या हम नागरिकों का कोई कर्तव्य नहीं बनता? हम सभी का राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान है। सेना हमारी सीमाओं की रक्षा करती है, लेकिन हम सबको अपने देश की संस्कृति, परंपराओं, और समाज की सुरक्षा का जिम्मा उठाना होगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा, केवल सैनिकों की वीरता या सीमाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारियों से भी जुड़ा हुआ है। हम जो काम करते हैं, जो आचार-व्यवहार अपनाते हैं, वह किसी न किसी रूप से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है। अगर हम कानून का पालन करते हैं, समाज में भाईचारे और प्रेम का माहौल बनाते हैं, और आतंकवाद या असामाजिक तत्वों के खिलाफ जागरूक रहते हैं, तो यह हमारे देश की सुरक्षा में बहुत बड़ा योगदान होगा।

हमारी सेना सीमा पर हमारी रक्षा करती है, पर हम सभी को अपनी संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए। हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर, हमारे विचार, हमारे संस्कार, ये सभी राष्ट्रीय सुरक्षा के अभिन्न अंग हैं। अगर हम अपने समाज में प्रेम, एकता और सत्य के आदर्शों को फैलाते हैं, तो इससे राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा मजबूत होती है। हम जिस तरह अपने देश की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करेंगे, उसी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा में भी योगदान करेंगे।

स्वामी जी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का वास्तविक अर्थ है कि हम खुद भी सुरक्षित रहें और अपने आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रखें। जब हम एक-दूसरे की मदद करते हैं, जब हम आपसी भाईचारे और सद्भाव का माहौल बनाते हैं, तब हम राष्ट्र की सुरक्षा को और मजबूत करते हैं। हमें यह समझना होगा कि हमारी व्यक्तिगत सुरक्षा समाज की सामूहिक सुरक्षा से जुड़ी है। यदि समाज सुरक्षित रहेगा, तो देश भी सुरक्षित रहेगा।

आजकल की डिजिटल दुनिया में, साइबर सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना होगा कि हम साइबर अपराधों से भी बचें। साइबर हमले और डेटा चोरी से हमारी आंतरिक सुरक्षा पर भी खतरा उत्पन्न हो सकता है, इसलिए हमें इस दिशा में भी जागरूक रहना चाहिए और डिजिटल दुनिया में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

युवाओं में नैतिक शिक्षा और जिम्मेदारी का एहसास होना अत्यंत आवश्यक है। यदि हम अपने युवाओं को अच्छे संस्कार, एकता और देशभक्ति की शिक्षा देंगे, तो वे भविष्य में राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति अपने कर्तव्यों को समझेंगे। यही वह समय है जब हमें अपनी युवा पीढ़ी को सुरक्षा के महत्व और अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना होगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा एक ऐसी जिम्मेदारी है, जिसे हमें हर स्तर पर समझना और निभाना होगा। सेना अपनी भूमिका निभाती है, लेकिन समाज का हर नागरिक अपने-अपने स्थान पर राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकता है। हमें अपने कार्यों, विचारों और आदर्शों से सुरक्षा का वातावरण बनाना होगा। जब हम सभी मिलकर अपने समाज और संस्कृति की सुरक्षा करेंगे, तभी हमारा राष्ट्र सुरक्षित रहेगा।

आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपने कर्तव्यों को समझते हुए राष्ट्र की सुरक्षा में योगदान देंगे।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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