Kanwadias should stay away, कांवड़िए वाद विवाद से दूर रह कर, सच्ची श्रद्धा से मनोरथ स्थान को जल ले जायें, गंगा जल कभी खंडित नहीं होता- रविन्द्र पुरी अध्यक्ष अखाड़ा परिषद
Kanwadias should stay away, from debate and controversy and take water to the desired place with true devotion, Ganga water never gets spoiled – Ravindra Puri, President, Akhara Parishad
10-10 गैलन जल ले जाना सेहत के लिए ख़तरनाक, स्वस्थ रहेंगे तो पूजा कर सकेंगे – अध्यक्ष अखाड़ा परिषद
गंगा जल किसी के छू लेने से अपवित्र नहीं होता क्योंकि गंगा मईया तो भव तारिणी है पापनाशिनी है, इसलिए स्नेह और भक्ति के साथ शुद्ध मन से अपने मनोरथ स्थान को जल लेकर जायें, हरिद्वार से हम तमाम साधू-संत समस्त कांवड़ियों की मनोकामनाऐं पूर्ण होने का आशीर्वाद देते हैं।
Kanwadias should stay away, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी ने कांवड़ियों के स्वास्थ्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कांवड़ियों को संदेश देते हुए कहा कांवडिये भगवान शंकर की गण हैं भगवान शंकर के दूत हैं, मैं कहना चाहता हूं कि कांवडिये भगवान शंकर का स्वरूप है, इसलिए उन्हें ये भी कहना चाहूंगा, आप सब कांवड़ियों को वाद विवाद से दूर रहना चाहिए आपको झगड़ा नहीं करना चाहिए ।

उन्होंने कहा भगवान शंकर एक लोटे जल से ही संतुष्ट हो जाते हैं तृप्त हो जाते हैं, उन्होंने भारी भरकम मटके भरके ले जाने वाले कांवडियों को सचेत करते हुए कहा मैं 10-10 मटके लेकर चलना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है, जरा सोचिए इतने भारी मटके ले जाने से आपकी कमर का क्या होगा, आपकी गर्दन का क्या होगा, कंधों का, टांगों का, घुटनों का क्या होगा।
मैं कहना चाहता हूं अगर आप स्वस्थ हैं तो आप भगवान की पूजा कर सकते हैं अन्यथा शरीर के अंग ही निष्क्रिय हो गए तो आप क्या करेंगे उन्होंने बलपूर्वक कहा मैं कहना चाहता हूं भगवान शंकर की पूजा के लिए एक लोटा जल ही बहुत है उतना जल ले जाइए जितना उचित है 10-10 गैलन कई कई लोट ले जाना अच्छा नहीं, पवित्र मन से भगवान शंकर की पूजा करें यह मात्र एक लोटा जल आपकी हर मुराद पूरी करने के लिए काफी है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी ने कांवड़ खंडित होने की बात को लेकर उन्होंने कहा गंगा हमारी मां है, और गंगा कभी खंडित नहीं होती छूने से तो कतई नहीं, हां पूरी कांवड टूट जाये जल बिखर जाये तो खंडित कहा जा सकता है, लेकिन गंगा जल किसी के छू लेने से अपवित्र नहीं होता क्योंकि गंगा मईया तो भव तारिणी है पापनाशिनी है, इसलिए स्नेह और भक्ति के साथ शुद्ध मन से अपने मनोरथ स्थान को जल लेकर जायें, हरिद्वार से हम तमाम साधू-संत समस्त कांवड़ियों की मनोकामनाऐं पूर्ण होने का आशीर्वाद देते हैं।
आज हरिद्वार में ऊं घाट पर आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कांवड़ियों के पगपखावन कार्यक्रम में शिरकत करने जाते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी ने Newsok24.comसे बातचीत करते हुए ये बात कही। देखें वीडियो 👇🏻 श्रीमहंत रविन्द्र पुरी अध्यक्ष अखाड़ा परिषद ने क्या कहा
Bahut acchi question aapane put up Karen aur bahut acche answer Maharaj ji ne diye aise gyanpur k chijon ke liye aapka बहुत बहुत dhanyvad🙏🙏🙏💕💕