पांच दिन बाद भी बहाये जा सकते हैं मैडल, पहलवानों को लौटा ले गये नरेश टिकैत।
आज हरिद्वार हरकी पैड़ी पर लगभग दो घंटे तक चले बडे हंगामे ,हाय हाय और मुर्दाबाद के नारों के बीच हरिद्वार में अपने मैडल गंगा में बहाने पहुंचे पहलवान आखिर कार नरेश टिकैत के बीच बचाव वाली भूमिका के बाद वापिस लौट गये।
हरकी पैड़ी पर गंगा दशहरा के स्नान के लिए जुटी लाखों की भीड़ के बीच मालवीय द्वीप पर दो दलों में विभाजित होकर पहलवान घंटों कुछ यूं खडे रहे जैसे किसी की इंतजार में हों।
पहलवानों के साथी सहयोगी पहलवानों को मिडिया से रुबरु नहीं होने दे रहे थे।
एक गुट में साक्षी और फगोट कुछ महिलाओं के साथ सिर झुकाए बैठी रही और दूसरे गुट में बजरंग पुनिया साथियों के सुरक्षा घेरे में खडे रहे,साथी पुनिया को मिडिया से बातचीत करने से रोकते हुए थोडी देर इंतजार की बात कहते रहे
इस बीच और कई नेता जोर जोर से पहलवानों को मैडल गंगा में ना बहाने सम्बंधी बयान टीवी चैनलों और चीखते एंकरों को देते रहे ।
हरिद्वार की सहृदय महिला मेयर भी हरकी पैड़ी पहुंची उन्होंने भी खिलाड़ियों को मैडल गंगा में ना बहाने का निवेदन किया, उन्होंने कहा आपके ये मैडल देश की सम्पत्ति है इनको गंगा में बहाने की ना सोचें और न्याय प्रक्रिया पर विश्वास रखे, उन्होंने कहा सरकार को भी इस बारे में सोचना चाहिए भविष्य के लिए बच्चीयों का मनोबल गिरेगा वो आगे कैसे आयेगी।
बहरहाल कुछ समय बाद गंगा आरती शुरू होने से ठीक पहले अचानक कुछ साथियों के साथ नरेश टिकैत मालवीय द्वीप पर पहुंचे और पहलवानों को पांच दिन का समय और न्याय की प्रतीक्षा में देने की बात कहते हुए पहलवानों से उनके मैडल अपने कब्जे में लेते हुए पूरे लाव लश्कर के साथ पहलवानों को साथ लेकर वापिस लौट गये।