सिटी स्टार होटल में उत्तरांचल महिला संगठन द्वारा समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। इस गरिमामयी अवसर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और संस्कृत साहित्य परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान उत्तरकाशी जिले के भेटियारा गांव की समाजसेवी सुमति नौटियाल को पर्यावरण संरक्षण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। वे स्वर्गीय कलीराम स्मृति फाउंडेशन की सचिव हैं और शिक्षा, पर्यावरण तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।

  • प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की योद्धा सुमति नौटियाल को उत्तरांचल महिला संगठन का सम्मान
  • रक्षासूत्र आंदोलन से समाज सेवा तक सुमति नौटियाल को मिला प्रतिष्ठित सम्मान

1994 से 2010 तक सुमति नौटियाल ने हिमालयी पर्यावरण शिक्षा संस्थान के साथ मिलकर वन और जल संरक्षण के लिए उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने महिला संगठन, युवा संगठन और किशोरी संगठनों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चिपको आंदोलन के बाद जब जलकुर घाटी में वनों के व्यावसायिक दोहन को रोकने के लिए रक्षासूत्र आंदोलन शुरू हुआ, तब सुमति नौटियाल पहली महिला नेत्री के रूप में आगे आईं। उन्होंने डुंडा और प्रतापनगर ब्लॉक के कई गांवों में हजारों महिलाओं को संगठित किया और पेड़ों पर रक्षासूत्र बांधकर वनों की रक्षा का संकल्प लिया।

सुमति नौटियाल के प्रयासों से चौरंगीखाल, वयाली, हरुंता, कमद, सिरी और मुखेम जैसे अनेक स्थानों पर वन कटान को रोकने में सफलता मिली। इसके अलावा, उन्होंने 400 से अधिक तालाबों के निर्माण में महिला संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की। उन्होंने जलकुर घाटी के 25 गांवों में बाल शिक्षा केंद्रों की स्थापना, वृक्षारोपण और जैविक कृषि विकास में महिलाओं को संगठित कर श्रमदान करवाया। वे हिमालयी पर्यावरण शिक्षा संस्थान की मुख्य समिति की सदस्य भी रही हैं। सुमति नौटियाल ने नदी बचाओ अभियान, जल नीति अभियान और आपदा राहत कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने उत्तरकाशी के गांवों में एक सशक्त महिला नेत्री के रूप में पहचान बनाई। उनके प्रयासों के चलते हजारों महिलाएं हिमालयी पर्यावरण शिक्षा संस्थान से जुड़ीं और प्राकृतिक संसाधनों के विकास व संरक्षण में भागीदारी निभाने लगीं।

उनकी निपुण नेतृत्व क्षमता और समाज सेवा में उनके अतुलनीय योगदान के चलते उन्हें “जलकुर घाटी की एक और गौरा देवी” कहा जाता है। वर्तमान में वे स्वर्गीय कलीराम नौटियाल स्मृति फाउंडेशन की सचिव के रूप में बद्रीपुर, देहरादून में सामाजिक कार्यों में योगदान दे रही हैं। सुमति नौटियाल की समाज सेवा को उत्तरांचल महिला संगठन ने सराहा और उन्हें विशेष सम्मान से नवाजा। उनके कार्यों से प्रेरित होकर अन्य महिलाएं भी समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

उनकी सादगी, समर्पण और सेवा भावना ने उन्हें एक प्रेरणादायक महिला नेत्री के रूप में स्थापित किया है। उन्हें कई राज्य स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, लेकिन उनका कहना है कि मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान यह है कि मेरे प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। आज भी वे निरंतर समाज सेवा में जुटी हुई हैं और अपने संघर्ष और समर्पण से हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई हैं। उनकी यह यात्रा दर्शाती है कि यदि संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी बाधा समाज सेवा के मार्ग में रुकावट नहीं बन सकती।


By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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