सावधान, 19 सितंबर को है कलंक चौथ, बिल्कुल ना देखना चांद।
Be careful, Clank Chauth is on 19th September, do not see the moon at all.
इस दिन देख लिया चांद तो एक वर्ष के भीतर लगेगा झूठा कलंक।
भादों के चौथ के चांद को देखने के कलंक से मुक्त होने के उपाय।
Be careful,भगवान गणेश के श्राप के कारण चौथ का चांद देखने वाले को झूठे कलंक का कष्ट भोगना ही पड़ता है, कथा है कि जब भगवान गणेश ब्रहमा जी से मुलाकात कर वापिस लौट रहे थे तो रास्ते में चंद्रमा ने उनकी देह की विचित्र बनावट का उपहास उड़ाया तब गणेश जी ने चंद्रमा को क्षय होने का श्राप दिया,Be careful,
क्षय होतेे चंद्रमा की परिस्थितियों से चिंतित देवता गणेश जी के पास गये और उनसे चंद्रमा को क्षमा करने की प्रार्थना की, किंतु गणेशजी ने चंद्रमा को क्षमा करने से मना कर दिया, और कहा दिया हुआ श्राप वापिस नहीं हो सकता लेकिन श्राप को कम करते हुए इसे एक दिवस भादौ मास की चौथ तक सीमित किया जा सकता है, कहा जाता है जिस दिन भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया उस दिन भादौ मास की चौथ थी, अतः उन्होंने कहा इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ होगा जो भी इस दिन चंद्र दर्शन करेगा उसे झूठे आरोप का कलंक भुगतना होगा।,Be careful
भगवान गणेश के श्राप के चलते भगवान श्री कृष्ण को भी झूठा कलंक भोगना पड़ा था,शिव पुराण में कथा है कि भगवान श्रीकृष्ण ने भादौं की चौथ को गौमूत्र में चंद्रमा को देख लिया था तभी भगवान कृष्ण पर स्यमंतक मणि की चोरी का कलंक लगा था,Be careful
कहा जाता है स्यमंतक मणि एक दिन में स्यमंतक मणि धारक के वजन से दस गुना स्वर्ण देती थी,भगवान सूर्य द्वारा सत्राजित को तप के वरदान स्वरुप मिली स्यमंतक मणि को चुराने का श्राप भगवान कृष्ण को भुगतना पड़ा था और फिर रीछराज जांबवंत से 21 दिन चले युद्ध के बाद जांम्बवंत की पुत्री जांम्बवती से विवाह करना पड़ा था, जांम्बवती से उत्पन्न पुत्र ‘साम’ भगवान कृष्ण के अंत का कारण बना था,Be careful
भादौं के चौथ को देख लेने के श्राप से बचने के लिए स्यमंतक मणि की कथा, श्रीमद्भागवत पुराण में लिखित, सुनना एक उपाय कहा जाता है, वहीं कुछ प्रदेशों में चौथ के चांद से मुक्त होने के लिए दुसरे की छत पर पत्थर फेंकने से मिलने वाली गालियां इस श्राप का निवारण माना गया है लेकिन पंडित नितिन शुक्ला जी जो प्रतिदिन आपको Newsok24.com पर हर दिन भविष्य वाणी सुनाते हैं देखिए इस बारे में क्या कहते हैं।
🌸*गणेश-कलंक चतुर्थी*🌸
🙏🏻 *( ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्न-निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है |
*गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन कलंक निवारण के उपाय*,Be careful
➡ *इस वर्ष – 18 सितम्बर 2023 सोमवार को चंद्र दर्शन निषेध चन्द्रास्त : रात्रि 08:40
एवं 19 सितम्बर, मंगलवार को चंद्र दर्शन निषेध चन्द्रास्त : रात्रि 09:18*
*भारतीय शास्त्रों में गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन निषेध माना गया है इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति को एक साल में मिथ्या कलंक लगता है। भगवान श्री कृष्ण को भी चंद्र दर्शन का मिथ्या कलंक लगने के प्रमाण हमारे शास्त्रों में विस्तार से वर्णित है।,
🌺 *भाद्रशुक्लचतुथ्र्यायो ज्ञानतोऽज्ञानतोऽपिवा।*
*अभिशापीभवेच्चन्द्रदर्शनाद्भृशदु:खभाग्॥*🌺
🙏🏻 *अर्थातः जो जानबूझ कर अथवा अनजाने में ही भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन करेगा, वह अभिशप्त होगा। उसे बहुत दुःख उठाना पडेगा।*
🙏🏻 *गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्रमा देख लेने पर कलंक अवश्य लगता है। ऐसा गणेश जी का वचन है।*
🙏🏻 *भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन न करें यदि भूल से चंद्र दर्शन हो जाये तो उसके निवारण के निमित्त श्रीमद्भागवत के १०वें स्कंध, ५६-५७वें अध्याय में उल्लेखित स्यमंतक मणि की चोरी कि कथा का श्रवण करना लाभकारक है, जिससेे चंद्रमा के दर्शन से होने वाले मिथ्या कलंक का ज्यादा खतरा नहीं होगा।*
*चंद्र-दर्शन दोष निवारण हेतु मंत्र*
*यदि अनिच्छा से चंद्र-दर्शन हो जाये तो व्यक्ति को निम्न मंत्र से पवित्र किया हुआ जल ग्रहण करना चाहिये। मंत्र का २१, ५४ या १०८ बार जप करें । ऐसा करने से वह तत्काल शुद्ध हो निष्कलंक बना रहता है। मंत्र निम्न है।*
🌷 *सिंहः प्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।*
*सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः ॥*
🙏🏻 *अर्थात: सुंदर सलोने कुमार! इस मणि के लिये सिंह ने प्रसेन को मारा है और जाम्बवान ने उस सिंह का संहार किया है, अतः तुम रोओ मत। अब इस स्यमंतक मणि पर तुम्हारा ही अधिकार है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, अध्यायः ७८)*
*चौथ के चन्द्रदर्शन से कलंक लगता है | इस मंत्र-प्रयोग अथवा स्यमन्तक मणि कथा के वचन या श्रवण से उसका प्रभाव कम हो जाता है |Be careful